देहरादून: शहर में कई दिनों से गर्मी की तपिश के बाद सोमवार को मौसम ने करवट ली और जमकर बारिश हुई. हुई भी ऐसी कि लोगों के जेहन में 17 जून 2013 की वो काली रात आ गई, जब केदारनाथ में जल प्रलय आई थी. बहरहाल 3 घण्टे हुई इस भारी बारिश से राजधानी की सड़कें, दफ्तर और घर सब पानी से लबालब नजर आए.
पिछले कई महीनों से गर्मी की तपिश के बाद राजधानी में बदरा बरसे और ऐसे बरसे कि कुछ ही देर बाद लोगों को उफ्फ करने को मजबूर कर दिया. दिन में तकरीबन 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई बारिश का मजा लोगों ने साढ़े 4 बजे तक उठाया, लेकिन, फिर आफत आ गई.
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दरअसल, घंटे भर तक मन को भा रही बारिश इसके बाद जेहन में कुछ और ही ख्याल लाने लगी. जब बारिश नहीं थमी तो लोगों को याद आने लगा 6 साल पुरानी आपदा की वो काली रात. लोग जहां मौजूद थे, वहीं फंस गए. दोपहर तीन बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई बारिश शाम को करीब साढ़े 7 बजे हल्की हुई.
सचिवालय में घुसा पानी
मौसम की इस पहली भयंकर मूसलाधार बारिश से सड़क का पानी सचिवालय के सुरेंद्र सिंह जीना भवन में घुस गया. कुछ ही देर की इस बारिश से बिल्डिंग का बरामदा पानी से लबालब हो गया. यहां काम कर रहे कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई. जल्दी से सफाई कर्मी को बुलाकर पानी की निकासी की गई. कार्यालय में काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि यह हालात मौसम की पहली बारिश में है तो आगे क्या होगा इसका भगवान ही मालिक है.
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यमुना कॉलोनी सहित शहर के कई इलाकों में गिरे पेड़
3 घंटे हुई इस मूसलाधार बारिश के रुकने पर जगह-जगह से नुकसान की खबरें आई. गनीमत ये रही कि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है. देहरादून की वह कॉलोनी जहां पर सभी माननीय मंत्रीगणों के सरकारी आवास हैं, ऐसी यमुना कॉलोनी में पेड़ टूटने की सूचना मिली. तेज अंधड़, तूफान, बारिश से जनपद के अलग-अलग जगहों पर पेड़ गिरने की सूचना कंट्रोल रूम को मिली. तेज आंधी और बरसात की वजह से कैंट थाना क्षेत्र में एफआरआई, नेहरू कॉलोनी और रेसकोर्स सहित कई इलाकों में पेड़ गिरे. इसका खामियाजा लोगों को ट्रैफिक जाम से झेलना पड़ा. फायर स्टेशन से पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर उपकरणों की मदद से पेड़ काटे और मार्ग खोलकर यातायात सुचारु करवाया.