रामनगर: गैरसैंण में आंदोलनकारियों से हुई अभद्रता और गिरफ्तारी के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत खुलकर सामने आ गए हैं. रावत ने एलान किया कि शुक्रवार को वे जनता और प्रदर्शनकारियों के समर्थन में गैरसैंण में अपनी गिरफ्तारी देंगे. इस दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेता भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. वहीं गैरसैंण में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंध के हटाए जाने के फैसले को रावत ने प्रदेश सरकार का दूसरा गैरसैंण विरोधी कदम बताया है.
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हरीश रावत गुरुवार को रामनगर पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि गैरसैंण में राजधानी गैरसैण संघर्ष समिति के 35 आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी करके राज्य सरकार ने लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे लोगों का दमन किया है. जिसका गढ़वाल मंडल के कई इलाकों में विरोध किया गया. सारे सरकारी संस्थान बंद रहे हैं और लोगों ने गिरफ्तारियां भी दी.
रावत ने एलान किया है कि शुक्रवार सुबह 11 बजे गिरफ्तार हुए आंदोलनकारियों और गैरसैंण की जनता के समर्थन में वे अपनी गिरफ्तारी देंगे. रावत के मुताबिक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व विधानसभा स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, उप नेता प्रतिपक्ष करण मेहरा समेत कई बड़े नेता भी उनके साथ गिरफ्तारी दे सकते हैं. इस गिरफ्तारी का उद्देश्य सरकार की दमनात्मक कार्रवाई को रोकना है.
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रावत ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गैरसैंण में सचिवालय भवन का निर्माण, आवासीय भवन का निर्माण, सड़कों का निर्माण, भराड़ीसैण टाउन का निर्माण आदि प्रस्ताव पास किए गए थे. उत्तर प्रदेश जमीदारी कानून में प्रदेश सरकार ने जो परिवर्तन किया है, उसे हरीश रावत ने विध्वंसनात्मक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर जो नियंत्रण था उसे समाप्त कर दिया गया है. अब कोई भी, कहीं भी, कितनी ही जमीन खरीद सकता है.