देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून जहरीली शराब कांड से प्रभावित पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. हरीश रावत ने कहा कि ये संगठित गिरोह द्वारा किया गया कृत्य है, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. हरीश रावत ने इस दौरान सरकार से मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देहरादून प्रदेश का हृदय स्थल है. और यहां ऐसी घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है. त्रिवेंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए हरदा ने कहा कि इससे पहले भगवानपुर में जिस प्रकार से जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, सरकार ने उससे भी सबक नहीं लिया.
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हरीश रावत ने आगे कहा कि भगवानपुर और पथरिया पीर में संगठित गिरोहों ने जहरीली शराब पिलाकर लोगों को मार दिया, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. ऐसे में राज्य की जनता की मांग होनी चाहिए कि इनके राजनीतिक आकाओं के चेहरे भी बेनकाब किए जाएं. पुलिस को ऐसे राजनीतिक संरक्षकों पर भी हाथ डालना चाहिए.
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त्रिवेंद्र सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपये के मुआवजा राशि पर उठाए सवाल. कहा कि ये राशि अपर्याप्त है. क्योंकि ये लोग सरकार की लापरवाही से मारे गए हैं, इसलिए मुआवजा राशि कम से कम 10 लाख होनी चाहिए और इलाज का खर्चा भी सरकार को ही भुगतान करना चाहिए.