देहरादून: कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण उत्तराखंड सरकार ने वर्तमान में चारधाम की यात्रा पर रोक लगा रखी है. यह रोक न केवल बाहरी यात्रियों के लिए है बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए भी है. वहीं पंडा समाज के लिए भी कुछ नियम तय किए गए हैं, लेकिन अगर प्रदेश में संक्रमण के मामले कम होते हैं तो सरकार इसे फिर से शुरू करने पर विचार कर सकती है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा के लिहाज से बल्कि रोजगार और तीर्थाटन को लेकर भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. सरकार द्वारा यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने का सीधा असर स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी पड़ा है. लेकिन प्रदेश में कम होते कोरोना संक्रमण के मामलों ने लोगों में चारधाम यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद जगा दी है.
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इस उम्मीद का आधार सरकार की तरफ से सुबोध उनियाल का वो बयान है जिसमें वे संक्रमण के मामले कम होने पर सरकार द्वारा इस पर पुनर्विचार करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो प्रतिबंध को और भी कड़ा किया जा सकता है.