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छात्रवृत्ति घोटाला: समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल का सरेंडर

प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने आत्मसमर्पण कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका खारिज होने के बाद गीताराम ने एसआईटी के सामने सरेंडर कर दिया.

छात्रवृत्ति घोटाला
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Published : Oct 31, 2019, 11:04 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में फरार चल रहे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने गुरुवार को एसआईटी के सामने सरेंडर कर दिया. जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत थाना सिडकुल पुलिस ने गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई पूरी की. वहीं, अब आरोपी नौटियाल को शुक्रवार को देहरादून कोर्ट में पेश किया जाएगा.

बता दें कि संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. जिसके बाद कोर्ट के आदेश के मुताबिक गुरुवार शाम 5 बजे गीताराम खुद रोशनाबाद स्थित जिला पुलिस मुख्यालय में बने एसआईटी कार्यालय पहुंचे और सरेंडर किया. जहां देर शाम तक एसआईटी के अधिकारी उनसे पूछताछ में जुटे रहे.

पढ़ें: आदमखोर गुलदारों को पकड़ना बना चुनौती, लगातार बढ़ रहे हमले

जानकारी के मुताबिक, साल 2012 से 2017 तक 500 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार द्वारा एसआईटी गठित कर घोटाले की जांच शुरू की गई. जांच शुरू होते ही गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी गीताराम नौटियाल हाई कोर्ट की शरण ले रहे थे. लेकिन मामला गंभीर होने के कारण हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने गीताराम नौटियाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. फरार होने के कारण कोर्ट ने फिर कुर्की का आदेश दिया.

उधर, गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए गीताराम नौटियाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां से भी गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका खारिज होने के बाद गीताराम नौटियाल ने कोर्ट प्रक्रिया के तहत 7 दिनों के अंदर शुक्रवार शाम अपने आप सरेंडर कर दिया.

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में फरार चल रहे समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने गुरुवार को एसआईटी के सामने सरेंडर कर दिया. जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत थाना सिडकुल पुलिस ने गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई पूरी की. वहीं, अब आरोपी नौटियाल को शुक्रवार को देहरादून कोर्ट में पेश किया जाएगा.

बता दें कि संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. जिसके बाद कोर्ट के आदेश के मुताबिक गुरुवार शाम 5 बजे गीताराम खुद रोशनाबाद स्थित जिला पुलिस मुख्यालय में बने एसआईटी कार्यालय पहुंचे और सरेंडर किया. जहां देर शाम तक एसआईटी के अधिकारी उनसे पूछताछ में जुटे रहे.

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जानकारी के मुताबिक, साल 2012 से 2017 तक 500 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार द्वारा एसआईटी गठित कर घोटाले की जांच शुरू की गई. जांच शुरू होते ही गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी गीताराम नौटियाल हाई कोर्ट की शरण ले रहे थे. लेकिन मामला गंभीर होने के कारण हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने गीताराम नौटियाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. फरार होने के कारण कोर्ट ने फिर कुर्की का आदेश दिया.

उधर, गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए गीताराम नौटियाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन वहां से भी गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका खारिज होने के बाद गीताराम नौटियाल ने कोर्ट प्रक्रिया के तहत 7 दिनों के अंदर शुक्रवार शाम अपने आप सरेंडर कर दिया.

Intro:summary-छात्रवृत्ति घोटाला- लम्बे समय से फरार चल रहे समाज कल्याण नियोजन संयुक्त निदेशक- गीताराम नौटियाल हुए गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद गीता राम ने किया सरेंडर ,शुक्रवार कोर्ट में किए जाएंगे पेश, कोर्ट से एनबीडब्ल्यू व कुर्की केआदेश थे जारी। गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी इस घोटाले अहम बताई गई।


उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग अधिकारियों की मिलीभगत से हुए चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामलें में मुख्य आरोपी के तौर पर लंबे समय से फरार चल रहे तत्कालीन हरिद्वार जिला समाज कल्याण अधिकारी व वर्तमान में समाज कल्याण विभाग नियोजन के संयुक्त निदेशक (ज्वाइन डायरेक्टर) गीताराम नौटियाल को आखिरकार एसआईटी पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले आरोपी गीताराम नौटियाल द्वारा गिरफ्तारी व कानूनी प्रक्रिया से हर तरह के हथकंडे पहले नैनीताल हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सर्वोच्च अदालत द्वारा भी गिरफ्तारी की याचिका खारिज होने के उपरांत आखिरकार संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने कोर्ट आदेश के मुताबिक गुरुवार शाम 5:00 बजे हरिद्वार में एसआईटी टीम के समक्ष सरेंडर किया... जहाँ से कानूनी प्रक्रिया के तहत थाना सिडकुल पुलिस ने गीताराम नौटियाल को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई पूरी की। ऐसे में छात्रवृत्ति घोटाले मामले में आरोपित नौटियाल को शुक्रवार देहरादून कोर्ट में पेश किया जाएगा। 500 करोड से अधिक छात्रवृत्ति की घोटाले मामले में संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी सबसे अहम मानी जा रही है।


Body:गिरफ्तारी से बचने के लिए समाज कल्याण विभाग संयुक्त निदेशक ने सभी तरह के हथकंडे अपनाए

2012 से 2017 तक 500 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाईकोर्ट आदेश पर राज्य सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी टीम पूरे घोटाले की जांच कर रही है। एसआईटी की पहले दिन की कार्रवाई से घोटाले के आरोपी गीताराम नौटियाल अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार हाईकोर्ट की शरण ले रहे थे लेकिन मामला बेहद गंभीर होने के चलते हाईकोर्ट से उनकी याचिका खारिज हुई। इतना ही नहीं कोर्ट ने पहले गीताराम नौटियाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए और फिर उसके बाद कानूनी शिकंजा कसते हुए 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की के आदेश भी दिए। उधर गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए गीताराम नौटियाल ने सभी हथकंडे अपनाने के बाद आखिर में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी याचिका खारिज होने के बाद घोटाले के आरोपी आखिरकार गीताराम नौटियाल ने कोर्ट प्रक्रिया के तहत 7 दिनों के भीतर शुक्रवार शाम अपने आप को एसआईटी के समक्ष सरेंडर किया,जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।




Conclusion:बता दें कि उत्तराखंड राज्य में पूर्वर्ती कांग्रेसी सरकार के कार्यकाल के दौरान समाज कल्याण विभाग अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य के कई निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर 500 करोड़ों रुपए से अधिक छात्रवृत्ति देने के नाम पर सरकारी धन का गबन करने का आरोप हैं।

छात्रवृत्ति घोटाले में 13 निजी शिक्षण संस्थान के संचालक और 5 समाज कल्याण अधिकारी अब तक हो चुके हैं गिरफ्तार

इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार द्वारा पूरे घोटाले की एसआईटी टीम जांच पड़ताल कर रही है। इस मामले में अभी तक एसआईटी टीम द्वारा घोटालेबाज कुल 12 निजी शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ धारा 420 120 बी 409 आईपीसी के तहत विवेचनात्मक कार्रवाई पूरी हो चुकी है। ऐसे में पर्याप्त साक्ष्य सबूत के आधार पर 12 घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों के कुल 13 मालिक व संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि इस घोटाले में मिलीभगत करने वाले समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी व सहायक अधिकारी सहित चार अभियुक्तों को एसआईटी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
इधर शुक्रवार को वर्तमान में समाज कल्याण विभाग नियोजन प्रकोष्ठ सचिवालय में तैनात संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को भी SIT टीम ने पांचवें घोटालेबाज आरोपित सरकारी अधिकारी रुप में गिरफ्तार किया हैं।।
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