देहरादून: वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैम्पा की समीक्षा बैठक वन अनुसंधान संस्थान (FRI) देहरादून में संपन्न हुई. इस बैठक में अधिकारियों द्वारा कैम्पा योजना के तहत राज्य में चल रहे कार्यों और योजनाओं के विषय में वन मंत्री को जानकारी दी गई.
बता दें कि उत्तराखंड में कैंपा के तहत चल रही योजनाओं को लेकर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट को जाना और साथ ही विभिन्न योजनाओं में तेजी लाने के भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.
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वन मंत्री ने कहा कि आवागमन के रास्तों में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए. साथ ही चेकडैम के लिए पिरूल और भीमल के इस्तेमाल पर ध्यान देने की बात कही. इस बैठक में वन मंत्री ने अधिकारियों द्वारा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य में कैंपा द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की. इसके अलावा उन्होंने राज्य में उत्तराखंड कैंपा को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया. वन मंत्री ने अधिकरियों को कैंपा के तहत स्वीकृत कार्यों, वनों के विकास, वनाग्नि की रोकथाम तथा वनों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश का वन विभाग कैंपा योजना के तहत मिलने वाले बजट के तहत वन क्षेत्रों में तालाब, धारा, कुंड, ताल, कंटूर ट्रेंच, चेकडैम जैसे जल स्रोतों को फिर से जीवित करके जल संरक्षण किया जाएगा.
उत्तराखंड के जंगलों में जल संरक्षण के तहत होने वाले कार्य: 10 हजार से 2.5 लाख क्षमता के 3895 तालाब बनाए जाएंगे. साथ ही 763 जल स्रोतों को फिर से जीवित किया जाएगा. वहीं, 8607 कंटूर ट्रेंच के अलावा 18704 खाल-चाल व चेकडैम तैयार किए जाएंगे. जबकि, जंगलों में 484 वाटर टैंक बनाए जाएंगे और जंगलों में जल संरक्षण के तहत 1.70 हेक्टेयर में 185 स्थानों पर पौधारोपण होगा.