देहरादून: 12 फरवरी की शाम जब उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का प्रचार खत्म हुआ तो उससे पहले सभी पार्टियों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे. दो दिन बाद 14 फरवरी को जब मतदान हुआ तो सबसे पहले हरिद्वार जिले की लक्सर सीट से बीजेपी प्रत्याशी ने आंसू बहाना शुरू किया. इसके बाद अगले दिन काशीपुर में बीजेपी प्रत्याशी के पिता की सिसकियां सुनाई दीं. आज चंपावत से बीजेपी प्रत्याशी रोने लगे.
लक्सर से बीजेपी प्रत्याशी संजय गुप्ता क्यों रोए: 14 फरवरी को जैसे ही मतदान समाप्त हुआ, हरिद्वार जिले की लक्सर सीट से बीजेपी प्रत्याशी संजय गुप्ता ने रोना-धोना शुरू कर दिया. दरअसल उन्हें अपनी हार का डर सताने लगा. इस संभावित हार के लिए उन्होंने विपक्षियों पर नहीं बल्कि अपने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही गंभीर आरोप जड़ दिए.
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क्या कहा संजय गुप्ता ने ? : संजय गुप्ता ने कहा कि मदन कौशिक ने उन्हें हराने के लिए साजिश रची है. उन्होंने आरोप लगाया कि मदन कौशिक ने लक्सर सीट पर मायावती की पार्टी बसपा के प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद को अंदर ही अंदर फायदा पहुंचाया है. संजय गुप्ता ने यहां तक कह दिया है कि मदन कौशिक 'जिस हांडी में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं'. पार्टी हाईकमान को मदन कौशिक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
सीएम धामी ने कहा जांच करेंगे: जब ईटीवी भारत ने इन सनसनीखेज आरोपों को लेकर सीएम धामी से सवाल पूछा तो उन्होंने जांच कराने की बात कही थी. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संजय गुप्ता के आरोप वाला वीडियो नया है. हम इसे देखेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे.
काशीपुर विधायक चीमा की भी निकली चीख: काशीपुर सीट से इस बार बीजेपी ने हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक चीमा को टिकट दिया था. मतदान के दूसरे ही दिन हरभजन सिंह चीमा ने पार्टी के अनेक नेताओं को गद्दार बता दिया. चीमा ने कहा कि उन्हें मालूम है कि बीजेपी के गद्दार कौन हैं, जिन्होंने उनके बेटे त्रिलोक चीमा के चुनाव के खिलाफ काम किया. काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा ने ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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चीमा की चिंता: दरअसल काशीपुर विधानसभा सीट पर इस बार 64.33 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर 2017 में 69.63 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसे एंटी इनकंबेंसी समझा जा रहा है. हरभजन सिंह चीमा और उनके बेटे त्रिलोक चीमा की चिंता भी इस वोटिंग प्रतिशत को लेकर ही है. वहीं हरभजन चीमा ने पार्टी के ही नेताओं पर गद्दारी का आरोप लगाकर मामले को संगीन बना दिया है. दरअसल जब काशीपुर सीट से चीमा के बेटे को टिकट दिया गया था तो तभी अंदेशा था कि पार्टी में फूट पड़ेगी. अब मतदान के बाद चीमा ने कई नेताओं को गद्दार बताकर उस अंदेशे को पुष्ट कर दिया है.
कैलाश गहतोड़ी भी हताश: चंपावत से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी का दुख भी मतदान के तीसरे दिन झलक आया. रुआंसे गहतोड़ी ने पार्टी नेताओं पर ही भीतरघात का आरोप मढ़ दिया. कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि भीतरघातियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजेपी पार्टी विद डिफरेंस: BJP खुद को पार्टी विद डिफरेंस कहती है. इस पार्टी में अनुशासन को सर्वोच्च बताया जाता है. अब जब तीन-तीन सीटों से भीतरघात और गद्दारी के आरोप लग रहे हैं तो इससे पार्टी विद डिफरेंस की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं. आरोप भी मामूली नहीं हैं. लक्सर से बीजेपी के प्रत्याशी संजय गुप्ता ने तो सीधी-सीधे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और हरिद्वार सीट से पार्टी प्रत्याशी मदन कौशिक पर ही हमला बोल दिया है.
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आमतौर पर चुनाव परिणाम आने के समय प्रत्याशियों की आंखों में खुशी या दुख के आंसू निकलते हैं. लेकिन बीजेपी के दो प्रत्याशियों और एक प्रत्याशी के पिता के मतगणना से पहले ही आंसू निकल आए. जाहिर सी बात है कि ये आंसू खुशी के तो नहीं होंगे. दुख के आंसू संभावित हार को लेकर ही होंगे. तो क्या माना जाए? क्या बीजेपी के लक्सर, चंपावत और काशीपुर के प्रत्याशियों ने मतगणना से पहले ही हार मान ली है ? हालांकि असली चुनाव परिणाम तो 10 मार्च को ही पता चलेंगे. तब तक ये प्रत्याशी यही गाएंगे 'ये आंसू मेरे दिल की जुबान हैं'.