देहरादून: एक तरफ जिला प्रशासन कोरोना जैसी महामारी से लड़ने का काम कर रहा है. लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए उनके राज्य और जनपद में भेजने के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज में बनाए गए कैंप में रहने की व्यवस्था की गई है, जहां से मंगलवार को करीब 900 चादरें गायब हो गईं. दरअसल, ईटीवी भारत के इस खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने ठोस निर्णय लिया है.
जिला प्रशासन के अनुसार कैंप से चादरों के चोरी होने के बाद अब कपड़ों की चादरों की जगह डिस्पोजेबल बेड शीट लगाई जाएंगी. इससे दो फायदे सामने आएंगे. कोरोना संक्रमण रोकने के साथ ही चादर चोरी की घटनाओं को भी रोका जा सकेगा. बता दें कि महाराणा प्रताप स्टेडियम को कोविड-19 का ट्रांजिट कैंप बनाया गया है. कई बार प्रवासियों के देरी से आने या फिर बसों के देरी और दूसरे राज्य से अनुमति नहीं मिलने के कारण प्रवासियों को स्टेडियम के अंदर बने कैंप में रोका जाता है. कुछ दिन में ही ट्रांजिट कैंप से करीब 900 चादरें गायब हो गईं.
यह भी पढ़ें: क्वारंटाइन सेंटर में चल रही 'हाथों की सफाई', कैंप से 900 चादरें 'गायब'
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डिस्पोजल बेडशीट लगाने का निर्णय लिया है. जिला प्रशासन की मानें तो अगर कोई अब प्रवासी बेडशीट लेकर जाता है, तो इससे कोई एतराज नहीं होगा क्योंकि डिस्पोजेबल बेडशीट एक बार प्रयोग करने के बाद बेकार हो जाती है. साथ ही कहा कि महाराणा प्रताप स्टेडियम में बनाए गए कैंप में प्रवासियों के रुकने की व्यवस्था की गई है. जिसके लिए अब डिस्पोजल बेडशीट का सैंपल मंगाया गया है और सैंपल को चेक करने के बाद कैंप में डिस्पोजेबल बेडशीट लगाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि इसे लगाने से चादर चोरी ना होने की संभावना है और इसकी कीमत भी कम होती है. साथ ही चादर को एक बार प्रयोग करने के बाद दूसरी चादर बिछाई जाएगी जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी नहीं होगा.