देहरादून: राजधानी के ऑटो संचालकों ने ई रिक्शा चालकों पर रोजगार छीनने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही ऑटो चालकों का कहना है कि ई रिक्शा पर नियंत्रण न होने की वजह से देहरादून शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. ई रिक्शा धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर देहरादून के मुख्य मार्गों पर चल रहे हैं.
ऑटो यूनियन के पूर्व जिला महामंत्री मनिंदर बिष्ट का कहना है कि उन्होंने ई रिक्शा के संबंध में आरटीओ से दो बार नियमावली मांगी थी. लेकिन आरटीओ और प्रशासन की तरफ से उन्हें ई रिक्शा के संचालन को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई. ऑटो यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि ई रिक्शा चालक ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं.
ऑटो चालकों का कहना है कि प्रशासन द्वारा ई रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए सवेरे 8 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक प्रतिबंधित किए जाने का निर्णय लिया गया था. उसके बावजूद ई रिक्शा अपनी मनमानी पर उतरते हुए मुख्य मार्गों पर धड़ल्ले से सवारियां ढो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया ई रिक्शा के अवैध संचालन के कारण उनका रोजगार खत्म होने की कगार पर है. ऑटो चालकों ने सरकार से तुरंत ई रिक्शा चालकों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. साथ ही कहा कि ई रिक्शा संचालन के कारण देहरादून में करीब 3 हजार ऑटो चालकों के सामने दिन प्रतिदिन आर्थिक संकट खड़ा होता जा रहा है.
बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार की योजना के तहत देहरादून में ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन करना शुरू हुआ था. देखते ही देखते यह आंकड़ा हजारों में पहुंच गया. नियंत्रण न होने की सूरत में ई रिक्शा झुंड के रूप में शहर के मुख्य मार्गों पर चलने लगे. इसके बाद राजधानी देहरादून जाम की भेंट चढ़ गई. लंबी कवायद के बाद सरकार ने अगस्त 2019 में ई रिक्शा का संचालन मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित कर दिया था.
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वहीं आरटीओ ने आदेश दिए थे कि सिर्फ गली या फिर संपर्क मार्गों पर ही ई रिक्शा चल सकेंगे. इसके बावजूद राजधानी देहरादून के प्रतिबंधित मुख्य मार्गों पर नो एंट्री के होने पर भी चालक धड़ल्ले से ई रिक्शा चला रहे हैं. देहरादून के ऑटो चालकों का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर चल रहे ई रिक्शा चालकों के कारण आज उनका रोजगार संकट में पड़ गया है.