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एमवी एक्ट की आड़ में क्लेम से नहीं बच सकती बीमा कंपनी, जानिए पूरा मामला - consumer forum

देहरादून में जिला उपभोक्ता फोरम ने एक उपभोक्ता को बड़ी राहत देते हुए बीमा कंपनी को क्लेम अदा करने का आदेश दिया है. साथ ही 3 हजार रुपए वाद व्यय के रूप में देने का भी आदेश दिया है.

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Published : Oct 5, 2019, 11:13 PM IST

देहरादून: जिला उपभोक्ता फोरम ने एक उपभोक्ता को बड़ी राहत दी है. दरअसल, सहिया से पूजा अर्चना कर लौट रहे व्यक्ति की ट्रैक्टर अचानक जानवर सामने आ जाने से गहरी खाई में गिर गई थी. जिसके क्लेम के लिए उसने हर्बटपुर स्थित जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में एक वाद दायर किया. जिसकी सुनवाई में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कहा कि उपभोक्ता ने पंजीयन में कोई चूक नहीं की. ऐसे में एमवी एक्ट का उल्लंघन बताकर क्लेम निरस्त नहीं किया जा सकता.

बता दें कि लक्ष्मणपुर विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने हर्बटपुर स्थित जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में एक वाद दायर किया था. वादी के अनुसार उन्होंने जगदंबा ट्रेडिंग से 6 लाख 70 हजार रुपए का ट्रैक्टर लिया था. जिसमें चार लाख रुपए का उन्होंने ऋण लिया था. जिसका 11,500 रुपये का प्रीमियम अदा कर टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस से बीमा कराया गया था. वहीं, सहिया से लौटते वक्त ट्रैक्टक दुर्घटनाग्रस्त हो गई.

पढ़ें: सात फेरों से पहले दुल्हन ने डाले वोट, कहा- मतदान करना सभी का कर्तव्य

इसके बाद बीमा कंपनी के सर्वेयर ने मौके पर आकर सर्वे भी किया और सर्वेयर को सारे दस्तावेज भी उपलब्ध करा दिए गए. जिसके बाद ट्रैक्टर को क्रेन की मदद से डीलर के वर्कशॉप में ले गए. उन्होंने बीमा कंपनी से 6,36,500 रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की. लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया. बाद में नो क्लेम करके फाइल बंद कर दी. उपभोक्ता फोरम में बीमा कंपनी ने यह तर्क दिया कि दुर्घटना के वक्त वाहन पंजीकृत नहीं था. पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पहले सार्वजनिक मार्ग पर इसका परिचालन नहीं किया जाना था. एमवी एक्ट का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता क्लेम पाने का अधिकारी नहीं है.

उधर, उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा दी गई विवि व्यवस्था को आधार बनाया और कहा कि पंजीयन के लिए उपभोक्ता ने अपनी तरफ से कोई चूक नहीं की है. ऐसे में उसे क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम पाने का पूरा अधिकार है. एक लाख 80 हजार रुपए साल्वेज की कटौती कर 4,56,000 रुपये का क्लेम अदा करने का आदेश कंपनी को दिया गया. इसके अलावा 20 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और तीन हजार रुपए वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है.

देहरादून: जिला उपभोक्ता फोरम ने एक उपभोक्ता को बड़ी राहत दी है. दरअसल, सहिया से पूजा अर्चना कर लौट रहे व्यक्ति की ट्रैक्टर अचानक जानवर सामने आ जाने से गहरी खाई में गिर गई थी. जिसके क्लेम के लिए उसने हर्बटपुर स्थित जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में एक वाद दायर किया. जिसकी सुनवाई में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कहा कि उपभोक्ता ने पंजीयन में कोई चूक नहीं की. ऐसे में एमवी एक्ट का उल्लंघन बताकर क्लेम निरस्त नहीं किया जा सकता.

बता दें कि लक्ष्मणपुर विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने हर्बटपुर स्थित जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में एक वाद दायर किया था. वादी के अनुसार उन्होंने जगदंबा ट्रेडिंग से 6 लाख 70 हजार रुपए का ट्रैक्टर लिया था. जिसमें चार लाख रुपए का उन्होंने ऋण लिया था. जिसका 11,500 रुपये का प्रीमियम अदा कर टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस से बीमा कराया गया था. वहीं, सहिया से लौटते वक्त ट्रैक्टक दुर्घटनाग्रस्त हो गई.

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इसके बाद बीमा कंपनी के सर्वेयर ने मौके पर आकर सर्वे भी किया और सर्वेयर को सारे दस्तावेज भी उपलब्ध करा दिए गए. जिसके बाद ट्रैक्टर को क्रेन की मदद से डीलर के वर्कशॉप में ले गए. उन्होंने बीमा कंपनी से 6,36,500 रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की. लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया. बाद में नो क्लेम करके फाइल बंद कर दी. उपभोक्ता फोरम में बीमा कंपनी ने यह तर्क दिया कि दुर्घटना के वक्त वाहन पंजीकृत नहीं था. पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करने से पहले सार्वजनिक मार्ग पर इसका परिचालन नहीं किया जाना था. एमवी एक्ट का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता क्लेम पाने का अधिकारी नहीं है.

उधर, उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा दी गई विवि व्यवस्था को आधार बनाया और कहा कि पंजीयन के लिए उपभोक्ता ने अपनी तरफ से कोई चूक नहीं की है. ऐसे में उसे क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम पाने का पूरा अधिकार है. एक लाख 80 हजार रुपए साल्वेज की कटौती कर 4,56,000 रुपये का क्लेम अदा करने का आदेश कंपनी को दिया गया. इसके अलावा 20 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और तीन हजार रुपए वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है.

Intro:लक्ष्मणपुर विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने हर्बटपुर स्थित जगदंबा ट्रेडिंग कंपनी (डीलर) और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।और एमवी एक्ट का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता क्लेम पाने का अधिकारी नहीं है, जबकि उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा दी गई विवि व्यवस्था को आधार बनाया।अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने अपने आदेश में कहा कि पंजीयन के लिए उपभोक्ता ने अपनी तरफ से कोई चूक नहीं की है। ऐसे में उसे क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम पाने का पूरा अधिकार है।एक लाख 80 हजार रुपये साल्वेज की कटौती कर चार लाख छप्पन हज़ार रुपये का क्लेम अदा करने का आदेश कंपनी को दिया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व तीन हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है। Body:लक्ष्मणपुर विकासनगर निवासी कुंवर सिंह के अनुसार उन्होंने जगदंबा ट्रेडिंग से छह लाख 70 हजार रुपये का ट्रैक्टर लिया था। जिसमें चार लाख रुपये का उन्होंने ऋण लिया। जिसका 11,500 रुपये का प्रीमियम अदा कर टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस से बीमा कराया गया था।अपने पैतृक गांव डामटा सहिया से पूजा अर्चना करके लौटते वक्त अचानक जानवर सामने आ जाने से ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया। जिसकी जानकारी उन्होंने क्षेत्र के पटवारी को दी।और उसके बाद  बीमा कंपनी के सर्वेयर ने मौके पर आकर सर्वे किया और सभी दस्तावेज भी उन्होंने उसे उपलब्ध करा दिए। इसके बाद वह ट्रैक्टर को क्रेन की मदद से वह डीलर के वर्कशॉप में ले गए। उन्होंने बीमा कंपनी से 6,36,500 रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की पर इसका भुगतान नहीं किया गया। बाद में नो क्लेम करके फाइल बंद कर दी।उपभोक्ता फोरम में बीमा कंपनी ने यह तर्क दिया कि दुर्घटना के वक्त वाहन पंजीकृत नहीं था!Conclusion:उपभोक्ता फोरम ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा दी गई विवि व्यवस्था को आधार बनाया।अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने अपने आदेश में कहा कि पंजीयन के लिए उपभोक्ता ने अपनी तरफ से कोई चूक नहीं की है। ऐसे में उसे क्षतिग्रस्त वाहन का क्लेम पाने का पूरा अधिकार है। एक लाख 80 हजार रुपये साल्वेज की कटौती कर 4,56,000 रुपये का क्लेम अदा करने का आदेश कंपनी को दिया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व तीन हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है।साथ ही दुर्घनाग्रस्त ट्रैक्टर की मरम्मत का खर्च बीमा कंपनी को देना होगा।जिला उपभोक्ता फोरम ने क्लेम के साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति का आदेश भी उसे दिया है। 
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