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सूर्यकांत धस्माना को 17 साल पुराने मामले में कोर्ट ने किया बरी, जाम-बलवा करने का था आरोप

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्य आंदोलनकारी सूर्यकांत धस्माना को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 17 साल पुराने राजमार्ग जाम करने और बलवा करने के मामले में देहरादून अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें बरी कर दिया है.

suryakant dhasmana
सूर्यकांत धस्माना
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Published : Nov 9, 2021, 9:46 AM IST

देहरादून: कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना को राजमार्ग जाम करने और बलवा करने के मामले में न्यायालय ने 17 साल बाद दोषमुक्त करार दिया है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय निहारिका मित्तल गुप्ता की अदालत ने कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना को दोषमुक्त करार देते हुए बरी किया है. अभियोजन पक्ष ये साबित करने में असफल रहा कि सूर्यकांत धस्माना उस दिन मौके पर मौजूद थे या नहीं. इसी संदेह का लाभ अदालत ने दिया.

बता दें कि 9 जून 2004 को डालनवाला कोतवाली पुलिस ने सपना कुंवर, विमल थापा, सूर्यकांत धस्माना, मनोरमा गुरुंग, राजेंद्र गुरुंग और नरेंद्र छेत्री के खिलाफ राजमार्ग जाम करने और बलवा करने का मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस के अनुसार यह सभी लोग अन्य 150 लोगों के साथ दिलाराम चौक से हाथीबड़कला की ओर जाते हुए सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. पुलिस द्वारा इस दौरान उन्हें रोका गया तो उन्होंने राजमार्ग जाम कर दिया. इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड@21: वादों को पूरा करने में 21 साल भी पड़े कम, जनता को दिखाए गए 'हसीन' सपने

वादी पक्ष ने बताया कि विपक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा कि सूर्यकांत धस्माना उस दिन मौके पर मौजूद थे या नहीं. इसी संदेह का लाभ अदालत ने दिया.

देहरादून: कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना को राजमार्ग जाम करने और बलवा करने के मामले में न्यायालय ने 17 साल बाद दोषमुक्त करार दिया है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय निहारिका मित्तल गुप्ता की अदालत ने कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना को दोषमुक्त करार देते हुए बरी किया है. अभियोजन पक्ष ये साबित करने में असफल रहा कि सूर्यकांत धस्माना उस दिन मौके पर मौजूद थे या नहीं. इसी संदेह का लाभ अदालत ने दिया.

बता दें कि 9 जून 2004 को डालनवाला कोतवाली पुलिस ने सपना कुंवर, विमल थापा, सूर्यकांत धस्माना, मनोरमा गुरुंग, राजेंद्र गुरुंग और नरेंद्र छेत्री के खिलाफ राजमार्ग जाम करने और बलवा करने का मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस के अनुसार यह सभी लोग अन्य 150 लोगों के साथ दिलाराम चौक से हाथीबड़कला की ओर जाते हुए सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. पुलिस द्वारा इस दौरान उन्हें रोका गया तो उन्होंने राजमार्ग जाम कर दिया. इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी.

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वादी पक्ष ने बताया कि विपक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा कि सूर्यकांत धस्माना उस दिन मौके पर मौजूद थे या नहीं. इसी संदेह का लाभ अदालत ने दिया.

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