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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले प्रकाश जावड़ेकर, विकास कार्यों से जुड़े मामलों पर की बातचीत - मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री आवास पर सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीत प्रदेश में वनों से जुड़े विकास के मामलों को लेकर बातचीत हुई.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह
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Published : Sep 8, 2019, 12:00 PM IST

देहरादून: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की. मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस शिष्टाचार भेंट के दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने प्रकाश जावेड़कर से प्रदेश में वनों से जुड़े विकास के मामलों को लेकर बातचीत की.

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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत विस्तार और डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के विकास से संबंधित प्रस्तावों को संरक्षित क्षेत्र की संस्तुति के साथ प्रेषित करने को कहा. उन्होंने कहा कि सितम्बर में इसरो द्वारा सभी नदियों की मैपिंग की जाएगी. इससे नदी के सतह पर जमा खनिज की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होगी. साथ ही उसके वैज्ञानिक दोहन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया और आधुनिक तकनीक से निकासी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि एक हेक्टेयर तक के वन भूमि के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए रीजनल ऑफिस अब डिसीजन ऑफिस के रूप में कार्य करेंगे.

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इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन दिया कि डिग्रेटेड फॉरेस्ट में राज्य की योजनाओं के लिए भी क्षति पूर्ति वृक्षारोपण की अनुमति दी जाएगी. अभी तक इसमें केंद्र की योजनाओं के लिए ही व्यवस्था रही है. एक हजार मीटर तक के ऊंचाई पर ग्रीन पातन की छटाई के संबंध में आवश्यक स्वीकृति देने का भी केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने केम्पा के अधीन उपलब्ध धनराशि के उपयोग के लिए 30 सितम्बर के बाद भी व्यय की अनुमति देने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया.

देहरादून: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की. मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस शिष्टाचार भेंट के दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने प्रकाश जावेड़कर से प्रदेश में वनों से जुड़े विकास के मामलों को लेकर बातचीत की.

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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत विस्तार और डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के विकास से संबंधित प्रस्तावों को संरक्षित क्षेत्र की संस्तुति के साथ प्रेषित करने को कहा. उन्होंने कहा कि सितम्बर में इसरो द्वारा सभी नदियों की मैपिंग की जाएगी. इससे नदी के सतह पर जमा खनिज की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होगी. साथ ही उसके वैज्ञानिक दोहन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया और आधुनिक तकनीक से निकासी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि एक हेक्टेयर तक के वन भूमि के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए रीजनल ऑफिस अब डिसीजन ऑफिस के रूप में कार्य करेंगे.

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इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन दिया कि डिग्रेटेड फॉरेस्ट में राज्य की योजनाओं के लिए भी क्षति पूर्ति वृक्षारोपण की अनुमति दी जाएगी. अभी तक इसमें केंद्र की योजनाओं के लिए ही व्यवस्था रही है. एक हजार मीटर तक के ऊंचाई पर ग्रीन पातन की छटाई के संबंध में आवश्यक स्वीकृति देने का भी केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने केम्पा के अधीन उपलब्ध धनराशि के उपयोग के लिए 30 सितम्बर के बाद भी व्यय की अनुमति देने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया.

Intro:summary- केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की इस दौरान दोनों के बीच प्रदेश में वनों से जुड़े विकास के मामलों पर वार्ता हुई...

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से वन एवं पर्यावरण से संबंधित राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर चर्चा की। 


Body:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर प्रदेश के वन क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर वार्ता की... इस दौरान केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन क्षेत्र के अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत विस्तार एवं डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के विकास से संबंधित प्रस्तावों को संबंधित संरक्षित क्षेत्र की संस्तुति के साथ प्रेषित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सितम्बर में इसरो द्वारा सभी नदियों की मैपिंग की जायेगी। इससे नदी के सतह पर जमा खनिज की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही उसके वैज्ञानिक दोहन के लिये पारदर्शी प्रक्रिया व आधुनिक तकनीक युक्त उपकरण के माध्यम से निकासी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इससे राज्य को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक हेक्टेयर तक के वन भूमि के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये रीजनल आफिस अब डिसीजन आफिस के रूप में कार्य करेंगे।

केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह भी आश्वासन दिया कि डिग्रेटेड फॉरेस्ट में राज्य की योजनाओं के लिये भी क्षति पूर्ति वृक्षारोपण की अनुमति दी जायेगी। अभी तक इसमें केन्द्र की योजनाओं के लिये ही व्यवस्था रही है। 1000 मीटर तक के ऊंचाई पर ग्रीन पातन की छटाई के संबंध में आवश्यक स्वीकृति प्रदान करने का भी केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने केम्पा के अधीन उपलब्ध धनराशि के उपयोग के लिये 30 सितम्बर के बाद भी व्यय की अनुमति प्रदान करने का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।




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