देहरादून: मैं भी सैनिक परिवार से हूं: सीएम धामी ने पूर्व सैनिक सम्मान समारोह में कहा- 'वीर भोग्या वसुंधरा'. उन्होंने कहा कि सैनिकों के कारण हम सुरक्षित हैं. पूरी दुनिया में भारतीय सैनिकों की वीरता को माना जाता है. गलवान घाटी में भारतीय वीरों की वीरता को देखकर देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. सीएम धामी ने कहा कि मैं खुद एक सैनिक परिवार से हूं. मेरा बचपन सेना के साथ बीता है. मैं जब भी सैनिकों के कार्यक्रम में आता हूं मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.
CM धामी ने जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने अपना संबोधन शुरू किया तो पहले ये लाइनें बोलीं...
ये देश चैन से सोता है, वो पहरे पर जब होता है...जो आंख उठाता है दुश्मन, तो अपनी जान से खोता है...इनकी वजह से सुरक्षित है ये सारी आवाम, सरहद पर खड़े रखवालों को मेरा दिल से सलाम.
बीजेपी ने सैनिक के बेटे को दिया मौका: सीएम धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सैनिक के बेटे को उत्तराखंड की सेवा करने का अवसर दिया. मैं अपनी पार्टी, अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं.
उत्तराखंड में हर परिवार से सैनिक: सीएम ने कहा कि हमारे उत्तराखंड में लगभग हर परिवार से कम से कम एक सदस्य सेना में है. ये हमारे लिए गर्व का विषय है. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले शहीद हुए सैनिकों के शव उनके घर तक पहुंचाने में कई दिन लग जाते थे. कई बार तो सैनिकों के पार्थिव शरीर घर तक भी नहीं लाए जाते थे. अटल बिहारी वाजपेयी ने ये परिपाटी तोड़ी. उसके बाद शहीदों के शवों को घर तक सम्मान सहित भेजने की परंपरा शुरू की.
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सीएम धामी ने कहा कि हमने सैनिकों के लिए बहुत काम किया है. हमने प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को लिए सरकारी नौकरी का प्रावधान किया है. शहीद सैनिकों के परिवारों की सहायता राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए किए हैं.