देहरादून: प्रदेश को जल्द ही कैंपा यानी कंपलसरी एफरेस्टोरेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी का पैसा आवंटित होने जा रहा है. इस धनराशि के मिलने के बाद कर्ज में डूबे प्रदेश को राहत मिलेगी. इस मामले में वन मंत्री हरक सिंह रावत लगातार पहल कर रहे थे, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी राज्यों को कैंपा का पैसा देने का मन बना लिया है. इसके लिए आगामी 29 अगस्त को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के वन मंत्रियों को बुलाया है.
कैंपा की धनराशि के लिए की जाने वाली पहल को लेकर हरक सिंह रावत ने बताया कि देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब केंद्र सरकार कैंपा का पैसा प्रदेशों को सौंपने की तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को करीब 26 सौ करोड़ रुपए प्रदेशों को मिलने जा रहे हैं. जिसके लिए सभी राज्यों के वन मंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया है. जहां एक कार्यक्रम के तहत कैंपा की धनराशि को प्रदेश सरकारों के हाथों में सौंपा जाएगा.
पढ़ें-सीएम त्रिवेंद्र हुए आशीष के मुरीद, कहा- समाज को ऐसे शिक्षक की है जरूरत
हरक सिंह रावत ने कहा कि जब यह धनराशि प्रदेशों को आवंटित होगी उसके बाद प्रदेशों की साख बैंकों में भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस धनराशि से हम अपने तरीके से विकास की प्लानिंग कर सकेंगे, जिससे लोगों को सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश गठन को 19 साल हो चुके हैं, तब से लेकर राज्य कैंपा का पैसा लेने के लिए संघर्ष करता रहा है.
पढ़ें-बप्पा की रंग-बिरंगी मूर्तियों से गुलजार हुआ बाजार, 300 से 15 हजार में बिक रहे गणपति
वन मंत्री ने कहा कि बीते दो-ढाई सालों में राज्यों के वन मंत्री केंद्र से मुलाकात कर लगातार इसके लिए लड़ते रहे हैं. अब जाकर उनकी मेहनत रंग लाई है. हरक सिंह रावत ने कहा कि कैंपा का पैसा मिलने से प्रदेश को लाभ होगा.
पढ़ें-उत्तरकाशी आपदाः प्रशासन का ये सच आया सामने, ग्रामीण बोले- सुन ली होती गुहार तो बच जाती जिंदगियां
वहीं वन मंत्री हरक सिंह रावत के मुताबिक इस धनराशि के बदले इतना ब्याज मिल जाएगा कि साल भर में ब्याज के पैसे का इस्तेमाल करते हुए प्लांटेशन, फायर, मानव संघर्ष, हर्बल गार्डन, हाथीरोधक दीवारें आदि बनाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि इस पैसे के मिलने से बैंकों में प्रदेश की हैसियत भी बढ़ेगी.