देहरादून: गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बुलाई गई. मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में दर्जनभर से ज्यादा मामलों पर चर्चा की गई. एक दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई थी, इस बैठक में उन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस कैबिनेट बैठक में विभिन्न विभागों के मामलों को हरी झंडी दी गयी. हालांकि विधानसभा सत्र की तारीख घोषित होने के चलते कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की ब्रीफिंग नहीं की गई. जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक में एक दर्जन से भी ज्यादा मामलों पर मंत्रिमंडल ने चर्चा की और मुहर लगाई.
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वहीं वनों की परिभाषा को लेकर मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया. जिसमें पूर्व में तहत 10 हेक्टेयर की जगह 5 हेक्टेयर को वन माने जाने पर सहमति बनी. जमींदारी और गैर जमींदारी विनाश अधिनियम दर्ज रिकॉर्ड को वन माना जाएगा. वहीं पेड़ों का घनत्व 60 से घटाकर 40% किया गया है, जबकि फल और फूल उद्यान प्रजाति को वनों से बाहर रखा गया है.
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इसके अलावा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली 2002 नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है. साथ ही इलेक्ट्रिक बसों में 50% या 15 लाख तक की सहायता देने पर सहमति बनी है. इसमें बसों में पर्यटन के प्रचार-प्रसार को जरूरी किया गया है. बैठक में एडवेंचर टूर समिट 2 के आयोजन पर भी चर्चा की गई.
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इस समिट में फिक्की और एडवेंचर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया भी शामिल होगा. इसके लिए 25 लाख और 10 लाख का प्रबंधन शुल्क रखा गया है. नॉलेज पार्टनर के लिए 30 लाख का रोड शो भी किया जाएगा. जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के लिए अमरेला एक्ट पर भी चर्चा की गई. वहीं निकायों में कर व्यवस्था पर भी कैबिनेट बैठक चिंतन किया गया.