देहरादून: रायपुर विधानसभा पर चुनावों से पहले ही घमासान शुरू हो गया है. यहां भाजपा के कार्यकर्ता अपने ही विधायक के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं. आज भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मालदेवता में एक खुली बैठक बुलाई. जिसमें खुले तौर से विधायक उमेश शर्मा काऊ द्वारा की गई अभद्रता का विरोध किया गया. इस बैठक में एक सूत्रीय चर्चा हुई कि इस क्षेत्र में विधायक उमेश शर्मा काऊ की स्वीकार्यता नहीं होगी.
विधानसभा चुनाव 2022 भले ही अभी दूर है. लेकिन एक विधानसभा ऐसी है, जहां पर अभी से घमासान शुरू हो गया है. यह घमासान दो पार्टियों के बीच नहीं बल्कि एक ही पार्टी के विधायक और कार्यकर्ताओं के बीच है. 2017 विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े अंतर से जीतने वाले भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ से भाजपा कार्यकर्ता ही नाराज हैं. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जिसके कारण रायपुर विधानसभा में अब टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है.
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रविवार को मालदेवता शिव मंदिर में ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने एक पंचायत बुलाई. जिस पंचायत में क्षेत्रिय एकता का नारा दिया गया. इसमें खुले तौर से विधायक उमेश शर्मा काऊ के द्वारा की गई अभद्रता का विरोध किया गया. इस बैठक में एक सूत्रीय चर्चा हुई कि इस क्षेत्र में विधायक उमेश शर्मा काऊ की स्वीकार्यता नहीं होगी.
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रायपुर विधानसभा के मालदेवता स्थित शिव मंदिर पर हुई इस बैठक में भाजपा के कई बड़े और वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे. इस बैठक में तकरीबन 350 से लेकर 400 लोग शामिल हुए. वहीं, बैठक में भाजपा नेता मदन सिंह चौहान. सुरेंद्र पुंडीर, कलम सिंह रावत, वीर सिंह चौहान के अलावा इतवार रमोला भी मौजूद रहे.
भाजपा के इन कार्यकर्ताओं का विधायक पर आरोप है कि उमेश शर्मा काऊ कांग्रेस से दल बदल कर आये हैं. उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता है. उमेश शर्मा काऊ पहले दिन से ही अपनी जीत को खुद की मेहनत बताते हैं. वे भारतीय जनता पार्टी और पार्टी के कार्यकर्ताओं को बिल्कुल भी सम्मान नहीं देते हैं.
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इन लोगों का कहना है कि उमेश शर्मा काऊ द्वारा हमेशा पार्टी विरोधी गतिविधियों में बढ़ावा दिया जाता है. हर क्षेत्रीय और छोटे बड़े चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ दूसरे प्रत्याशी को उतारा जाता है. उसे विधायक का समर्थन होता है. इतना ही नहीं पार्टी के अलग-अलग फोरम पर कार्यकर्ताओं द्वारा इसकी शिकायत भी कई बार की गई है. जिसमें पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, संगठन महामंत्री अजय और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा प्रभारी दुष्यंत गौतम और केंद्र में संगठन महामंत्री बीएल संतोष तक से इस बात को लेकर शिकायत की गई है, लेकिन उमेश शर्मा काऊ अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं.
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रायपुर विधानसभा में अब भाजपा कार्यकर्ता खुलकर उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ आ गये हैं. जिसके कारण उमेश शर्मा काऊ पर भाजपा से अलग होने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यह बात केवल एक विधायक उमेश शर्मा काऊ की नहीं बल्कि उनके साथ उनका पूरा 9 विधायकों का ग्रुप है, जिसमें कद्दावर नेता हरक सिंह रावत भी मौजूद हैं. लिहाजा तनाव लगातार बढ़ रहा है. जिससे कारण जल्द ही प्रदेश में कोई बड़ा घटनाक्रम भी देखने को मिल सकता है.