देहरादून: हाल में हुई फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट का परीक्षा से पहले वायरल होने के मामले में नया खुलासा हुआ है. जांच के पहले ही चरण में प्रश्न पत्र के परीक्षा केंद्र से लीक होने का अंदेशा जताया जा रहा है. वहीं आयोग भी करोड़ों खर्च कर कराई गई इस परीक्षा को दोबारा कराने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है. धांधली के बाद अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने की तैयारी में है.
उत्तराखंड की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा अब सवालों के घेरे में आ गई है. मामला फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र के लीक होने का है. जिसमें जांच के पहले चरण में ही प्रश्न पत्र के परीक्षा केंद्र से ही लीक होने की खबरें सामने आ रही हैं. खास बात यह है कि तमाम विरोध के बाद भी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा को दोबारा कराने के मूड में नहीं है.
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फिर से परीक्षा कराने के मूड में नहीं आयोग
बता दें कि फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा में करीब 5 करोड़ से भी ज्यादा का खर्च हुआ है. इस परीक्षा में 156046 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. आयोग की तरफ से परीक्षा के लिए 376 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. प्रश्न पत्र के परीक्षा से ठीक पहले लीक होने के बाद अब आयोग इतनी बड़ी परीक्षा के लिए तैयार नहीं है.
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ऑनलाइन परीक्षा लेने की तैयारी में आयोग
हालांकि आयोग की तरफ से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कदम उठाए जाने की बात कही जा रही है. खास बात यह है कि पहली बार परीक्षा केंद्र से ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए प्रश्न पत्र लीक करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद अब आयोग जल्द ही प्रतियोगी परीक्षाओं में ऑनलाइन टेस्ट लेने की तैयारी कर रहा है. यही नहीं आगामी परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाने की भी कोशिश की जाएगी.
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ऑनलाइन परीक्षा कराने के विषय में आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए आयोग इस पर विचार कर रहा है. जल्द से जल्द कंप्यूटरों की उपलब्धता के आधार पर अगले छह महीनों में प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा की शुरुआत कर दी जाएगी.