देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में 23 मार्च से लॉकडाउन जारी है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते प्रदेश में हो रहे विद्युत उत्पादन के मुकाबले विद्युत खपत में काफी अंतर आया है. जिसके कारण ऊर्जा विभाग को मजबूरन हर दिन 4 से 5 मिलियन यूनिट बिजली बेहद सस्ती दरों में केंद्रीय ग्रिड को बेचनी पड़ रही है.
बता दें कि प्रदेश की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं से वर्तमान में लगभग 15 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है. इसके अलावा केंद्रीय पूल से भी प्रदेश को प्रतिदिन 13 मिलियन यूनिट बिजली दी जा रही है. इसके साथ ही सौर ऊर्जा के प्लांट्स से भी प्रदेश में 2 से 2.5 मिलियन बिजली का उत्पादित हो रही है.
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लॉकडाउन के बीच प्रदेश में विद्युत मांग के विषय में जानकारी देते हुए यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में विद्युत उत्पादन के मुकाबले विद्युत खपत काफी कम हो गई है. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग के पास लगभग 25-26 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध है, वहीं इसके मुकाबले प्रदेश में महज 20 मिलियन यूनिट बिजली की ही खपत हो रही है. ऐसे में बाकी बची 4 से 5 मिलियन यूनिट बिजली को विभाग 2 से 2.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से केंद्रीय ग्रिड को बेचा जा रहा है.
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दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते प्रदेश की विभिन्न औद्योगिक इकाइयां भी बंद चल रही हैं. ऐसे में इस वक्त औद्योगिक इकाइयों में भी बिजली की खपत में 50% तक की कमी आई है.
यूजेवीएनएल की जल विद्युत परियोजनाएं और उनसे हो रहे विद्युत उत्पादन की जानकारी
जल विद्युत परियोजना | विद्युत उत्पादन (मीलियन यूनिट) |
छिबरो | 3.501 |
खोदरी | 1.533 |
ढकरानी | 0.507 |
ढालीपुर | 0.750 |
कुल्हाल | 0.452 |
तिलोथ | 1.541 |
धरासू | 3.686 |
चीला | 2.270 |
खटीमा | 0.452 |
पथरी | 0.367 |
मोहम्मदपुर | 0.157 |
गिलोगी | 0.018 |
कुल उत्पादन | 15.234 |