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बच्चों से पोस्टर लगवाने के मामले में कोठियाल ने कही ये बात, राष्ट्रीय बाल आयोग ने DGP से मांगा है जवाब - ajay kothiyal statement on child poster paste case

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल कोठियाल एक झमेले मे फंसते नजर आ रहे हैं. उन पर नाबालिग बच्चों से पार्टी के पोस्टर लगवाने का आरोप लगा है. इसकी राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग में सबूत के साथ शिकायत की गई है. राष्ट्रीय बाल आयोग ने उत्तराखंड के डीजीपी आशोक कुमार से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है. वहीं, मामले में अजय कोठियाल ने मामले में कहा है कि बच्चों का हौसला अफजाई कर रहे थे.

child poster paste case
बच्चों से पोस्टर लगवाने के मामले में कोठियाल ने कही ये बा
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Published : Jan 8, 2022, 1:48 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 7:53 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त) के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को नोटिस भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है. आयोग के अनुसार आरोप है कि कर्नल कोठियाल की ओर से अपने राजनीतिक कामकाज में नाबालिगों का श्रमिक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. मामले में अब अजय कोठियाल का कहना है कि हौसला अफजाई करने के लिए बच्चों को इकट्ठा किया था और फौजी कैसे काम करते हैं ये दिखाने की कोशिश की गई.

आयोग ने अपने आदेश पत्र में डीजीपी उत्तराखंड को लिखा है कि, उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं जिसमें कर्नल कोठियाल अपने पार्टी के पोस्टर चिपकाने से लेकर अन्य तरह के राजनीतिक कार्यों में बाल श्रमिक के रूप में नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि, साल 2005 सीआरपीसी अधिनियम के अंतर्गत राजनीतिक अभियानों के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.

बच्चों से पोस्टर लगवाने के मामले में कोठियाल ने कही ये बात.

आयोग के मुताबिक प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राजनीतिक अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में किशोर न्याय अधिनियम 2015 और बाल श्रम अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत कानूनी कार्रवाई बनती है. आयोग ने उत्तराखंड डीजीपी से इस मामले में 7 दिनों के दरम्यान कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग के आदेश के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ेंः RTI में खुलासा: उत्तराखंड के 95 पूर्व MLA को हर महीने 52 लाख से ज्यादा की पेंशन, ये दिग्गज ले रहे लाभ

प्रदेश के सभी जनपदों से जांच कर आख्या रिपोर्ट तलब की है: डीजीपी
उधर, इस मामले में ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उन्हें NCPCR का पत्र प्राप्त हो चुका है. आयोग के पत्र अनुसार पूरे राज्य के 13 जनपद पुलिस प्रभारियों से इस मामले पर जांच पड़ताल कर आख्या रिपोर्ट तलब की गई है. ताकि वास्तविक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में नेताओं के लिए मास्क नहीं जरूरी !, आम आदमी को पुलिस दे रही सजा पूरी

वीडियो के माध्यम से एनसीपीसीआर को शिकायत
इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा एक वीडियो NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) को साझा करते हुए बताया गया है कि कैसे उत्तराखंड के नाबालिग बच्चों से रात के समय पार्टी के गांव गांव में पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं.

अजय कोठियाल बोले आप की लोकप्रियता से बौखलाई कांग्रेस और बीजेपी
मामले में कर्नल अजय कोठियाल का कहना है उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग से चिठ्ठी मिली है. वो बच्चों से मजदूरी नहीं करवा रहे थे. बल्कि उनके साथ मस्ती कर रहे थे, कैसे फौजी काम करते हैं सिर्फ ये दिखाने की कोशिश की गई थी. ताकि उनका हौसला अफजाई कर सकें.

कोठियाल का कहना है कि आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता को देखकर बीजेपी और कांग्रेस बौखलाई हुई है. सत्ता में होने पर पावर दिखाया जा रहा है. इससे पहले भी आप के खिलाफ पीआईएल दायर कर चुके हैं. जबकि, उन्होंने संबंधित वीडियो फेसबुक पेज पर भी अपलोड किया है.

देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त) के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को नोटिस भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है. आयोग के अनुसार आरोप है कि कर्नल कोठियाल की ओर से अपने राजनीतिक कामकाज में नाबालिगों का श्रमिक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. मामले में अब अजय कोठियाल का कहना है कि हौसला अफजाई करने के लिए बच्चों को इकट्ठा किया था और फौजी कैसे काम करते हैं ये दिखाने की कोशिश की गई.

आयोग ने अपने आदेश पत्र में डीजीपी उत्तराखंड को लिखा है कि, उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं जिसमें कर्नल कोठियाल अपने पार्टी के पोस्टर चिपकाने से लेकर अन्य तरह के राजनीतिक कार्यों में बाल श्रमिक के रूप में नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि, साल 2005 सीआरपीसी अधिनियम के अंतर्गत राजनीतिक अभियानों के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.

बच्चों से पोस्टर लगवाने के मामले में कोठियाल ने कही ये बात.

आयोग के मुताबिक प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राजनीतिक अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में किशोर न्याय अधिनियम 2015 और बाल श्रम अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत कानूनी कार्रवाई बनती है. आयोग ने उत्तराखंड डीजीपी से इस मामले में 7 दिनों के दरम्यान कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग के आदेश के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

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प्रदेश के सभी जनपदों से जांच कर आख्या रिपोर्ट तलब की है: डीजीपी
उधर, इस मामले में ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उन्हें NCPCR का पत्र प्राप्त हो चुका है. आयोग के पत्र अनुसार पूरे राज्य के 13 जनपद पुलिस प्रभारियों से इस मामले पर जांच पड़ताल कर आख्या रिपोर्ट तलब की गई है. ताकि वास्तविक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

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वीडियो के माध्यम से एनसीपीसीआर को शिकायत
इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा एक वीडियो NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) को साझा करते हुए बताया गया है कि कैसे उत्तराखंड के नाबालिग बच्चों से रात के समय पार्टी के गांव गांव में पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं.

अजय कोठियाल बोले आप की लोकप्रियता से बौखलाई कांग्रेस और बीजेपी
मामले में कर्नल अजय कोठियाल का कहना है उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग से चिठ्ठी मिली है. वो बच्चों से मजदूरी नहीं करवा रहे थे. बल्कि उनके साथ मस्ती कर रहे थे, कैसे फौजी काम करते हैं सिर्फ ये दिखाने की कोशिश की गई थी. ताकि उनका हौसला अफजाई कर सकें.

कोठियाल का कहना है कि आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता को देखकर बीजेपी और कांग्रेस बौखलाई हुई है. सत्ता में होने पर पावर दिखाया जा रहा है. इससे पहले भी आप के खिलाफ पीआईएल दायर कर चुके हैं. जबकि, उन्होंने संबंधित वीडियो फेसबुक पेज पर भी अपलोड किया है.

Last Updated : Jan 8, 2022, 7:53 PM IST
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