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UKSSSC परीक्षा पेपर लीक मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार, गूगल सर्च हिस्ट्री से खुला राज

UKSSSC परीक्षा पेपर लीक करने वाले माफियाओं के खिलाफ STF की सर्जिकल स्ट्राइक जारी है. पेपर लीक मामले में एक यूनिवर्सिटी के 2 कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं. UKSSSC परीक्षा के एक रात पहले पेपर सॉल्व हुए थे. गूगल सर्च हिस्ट्री ने भी कई अहम राज खोले हैं. UKSSSC परीक्षा पेपर लीक मामले में अब तक 9 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

UKSSSC exam paper leak case
देहरादून अपराध समाचार
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Published : Jul 29, 2022, 9:46 AM IST

Updated : Jul 30, 2022, 8:04 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में नकल माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की सर्जिकल स्ट्राइक जारी है. UKSSSC परीक्षा एग्जाम पेपर लीक करने के मामले में अब देहरादून सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को देर रात STF की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी के कब्जे से इस केस से संबंधित कई साक्ष्य व सबूत एकत्र किए गए हैं.

UKSSSC परीक्षा पेपर लीक में गूगल सर्च हिस्ट्री ने खोले अहम राज: उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, गूगल सर्च हिस्ट्री ने UKSSSC परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं, जिसके बारे में जांच पड़ताल जारी है. बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे.

UKSSSC परीक्षा पेपर लीक मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार
ये भी पढ़ें: यूपी से जुड़े UKSSSC पेपर लीक के तार, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस से एक और आरोपी गिरफ्तार

परीक्षा की पहली रात सॉल्व किए गए पेपर: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 स्नातक परीक्षा पेपर लीक मामले में देर रात जिस यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे अभी तक की पूछताछ में कई अहम जानकारी प्राप्त हुई हैं. आरोपियों ने बताया कि एग्जाम से एक रात पहले देहरादून में पेपर सॉल्व किए गए थे. इस खुलासे को लेकर एसटीएफ को अहम सबूत और अन्य लोगों के भी सुराग हाथ लगे हैं. जिसके चलते आगे कार्रवाई जारी है. बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग STF द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

पेपर सॉल्व कराने और नकल कराने में मदद करते थे आरोप: गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी UKSSSC परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे. इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे. उत्तराखंड के यूनिवर्सिटी में कार्यरत जिन दो कर्मचारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है इनके द्वारा ही UKSSSC 2021 परीक्षा पेपर को सॉल्व कर नकल करायी गयी थी.
ये भी पढ़ें: UKSSSC पेपर लीक मामला: मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी STF, सितारगंज और लखनऊ रवाना हुई टीम

दोनों ही आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे. जहां इन्होंने फिल्मी अंदाज में एक गुप्त स्थान में जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई. फिलहाल इनके साथ और कितना बड़ा नेटवर्क जुड़ा है, इस बात की पूछताछ और जांच पड़ताल चल रही है.

एसटीएफ को मास्टरमाइंड की तलाश है: जांच पड़ताल की कार्रवाई को तेज करते हुए एसटीएफ इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों में से 2 को सितारगंज लेकर पहुंची, वहां कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. दूसरी तरफ लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के गिरफ्तार कर्मचारी अभिषेक वर्मा को भी एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर पहुंची, जहां से UKSSSC परीक्षा प्रश्न पत्र लीक से जुड़े अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है.

UKSSSC पेपर लीक करने के मामले में STF की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपित दीपक चौहान व भावेश जगूड़ी सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत थे. मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई.

इसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा जिसने पेपर लीक किया, उसकी मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई. STF जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और UKSSSC में परीक्षा दी, जिसमे भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था. फिलहाल, गिरफ्तार दीपक और भावेश ने सेलाकुई HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित किन-किन लोगों को पेपर लीक की जानकारी देकर रुपये वसूले इसकी जांच पड़ताल जारी है.

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, दीपक और भावेश जगूड़ी की पेपर लीक को लेकर साठगांठ लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी अभिषेक वर्मा से हुई थी. उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में तैनात जयजीत ने दीपक और भावेश की मुलाकात अभिषेक वर्मा से कराई थी. आयोग की तरह ही सेलाकुई स्थित इस मेडिकल कॉलेज के गोपनीय कार्य भी लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है.

यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना. अजय सिंह की मानें तो इस केस में अलग-अलग तरह की कुंडलियां खंगाली जा रही हैं. पेपर लीक कराने से लेकर अभ्यर्थियों के चयन जैसी गड़बड़ियों में किन-किन लोगों का हाथ हो सकता है, इस बारे में विस्तृत जांच पड़ताल अभी जारी है.

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में नकल माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की सर्जिकल स्ट्राइक जारी है. UKSSSC परीक्षा एग्जाम पेपर लीक करने के मामले में अब देहरादून सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को देर रात STF की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी के कब्जे से इस केस से संबंधित कई साक्ष्य व सबूत एकत्र किए गए हैं.

UKSSSC परीक्षा पेपर लीक में गूगल सर्च हिस्ट्री ने खोले अहम राज: उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, गूगल सर्च हिस्ट्री ने UKSSSC परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं, जिसके बारे में जांच पड़ताल जारी है. बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे.

UKSSSC परीक्षा पेपर लीक मामले में 2 और आरोपी गिरफ्तार
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परीक्षा की पहली रात सॉल्व किए गए पेपर: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 स्नातक परीक्षा पेपर लीक मामले में देर रात जिस यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे अभी तक की पूछताछ में कई अहम जानकारी प्राप्त हुई हैं. आरोपियों ने बताया कि एग्जाम से एक रात पहले देहरादून में पेपर सॉल्व किए गए थे. इस खुलासे को लेकर एसटीएफ को अहम सबूत और अन्य लोगों के भी सुराग हाथ लगे हैं. जिसके चलते आगे कार्रवाई जारी है. बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग STF द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

पेपर सॉल्व कराने और नकल कराने में मदद करते थे आरोप: गिरफ्तार दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी UKSSSC परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे. इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे. उत्तराखंड के यूनिवर्सिटी में कार्यरत जिन दो कर्मचारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है इनके द्वारा ही UKSSSC 2021 परीक्षा पेपर को सॉल्व कर नकल करायी गयी थी.
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दोनों ही आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे. जहां इन्होंने फिल्मी अंदाज में एक गुप्त स्थान में जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई. फिलहाल इनके साथ और कितना बड़ा नेटवर्क जुड़ा है, इस बात की पूछताछ और जांच पड़ताल चल रही है.

एसटीएफ को मास्टरमाइंड की तलाश है: जांच पड़ताल की कार्रवाई को तेज करते हुए एसटीएफ इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों में से 2 को सितारगंज लेकर पहुंची, वहां कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. दूसरी तरफ लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के गिरफ्तार कर्मचारी अभिषेक वर्मा को भी एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर पहुंची, जहां से UKSSSC परीक्षा प्रश्न पत्र लीक से जुड़े अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है.

UKSSSC पेपर लीक करने के मामले में STF की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपित दीपक चौहान व भावेश जगूड़ी सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत थे. मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई.

इसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा जिसने पेपर लीक किया, उसकी मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई. STF जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और UKSSSC में परीक्षा दी, जिसमे भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था. फिलहाल, गिरफ्तार दीपक और भावेश ने सेलाकुई HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित किन-किन लोगों को पेपर लीक की जानकारी देकर रुपये वसूले इसकी जांच पड़ताल जारी है.

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, दीपक और भावेश जगूड़ी की पेपर लीक को लेकर साठगांठ लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी अभिषेक वर्मा से हुई थी. उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में तैनात जयजीत ने दीपक और भावेश की मुलाकात अभिषेक वर्मा से कराई थी. आयोग की तरह ही सेलाकुई स्थित इस मेडिकल कॉलेज के गोपनीय कार्य भी लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है.

यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना. अजय सिंह की मानें तो इस केस में अलग-अलग तरह की कुंडलियां खंगाली जा रही हैं. पेपर लीक कराने से लेकर अभ्यर्थियों के चयन जैसी गड़बड़ियों में किन-किन लोगों का हाथ हो सकता है, इस बारे में विस्तृत जांच पड़ताल अभी जारी है.

Last Updated : Jul 30, 2022, 8:04 PM IST
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