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108 सेवा के पूर्व कर्मियों ने किया विधानसभा कूच, पुलिस ने रोका तो बैठ गए धरने पर - protesters

108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मियों ने नई कंपनी में समायोजित और समान वेतनमान की मांग को लेकर मंगलवार को सत्र के दौरान विधानसभा कूच किया.लेकिन पुलिस बल ने बैरिकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही रोक दिया. जिसके बाद आक्रोशित प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.

विधानसभा कूच करने पहुंचे 108 सेवा के पूर्व कर्मी.
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Published : Jun 25, 2019, 6:07 PM IST

देहरादून: 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी पिछले 57 दिन से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. नई कंपनी में समायोजित और समान वेतनमान की मांग को लेकर 108 कर्मियों ने मंगलवार को सत्र के दौरान विधानसभा कूच किया. लेकिन पुलिस बल ने बैरिकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही रोक दिया. रोके जाने से आक्रोशित प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.

जानकारी देते प्रदेश सचिव, 108 आपातकालीन सेवा, विपिन जमलोकी.

बता दें कि साल 2008 में स्वास्थ्य मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल के दौरान 108 जीवीके ईएमआरआई उत्तराखंड में लॉन्च की गई थी. जिसे शुरू में ईएमआरआई यानी इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता था. बाद में जीवीके ईएमआरआई ने इस सेवा को टेकओवर किया था. 11 साल सफलतापूर्वक संचालन के बाद बीते 1 मई 2019 को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 108 सेवा को कैंप कंपनी को संचालन के लिए दे दिया गया है.

वहीं सेवा नई कंपनी को टेकओवर हो जाने से 11 साल से 108 आपातकालीन सेवा में नौकरी कर रहे 717 कर्मचारियों के सामने रोजगार के साथ ही आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
जिसके चलते 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी समान वेतन मान और नई कंपनी में समायोजन को लेकर बीते 57 दिनों से परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल में डटे हैं. वहीं 108 कर्मी बीतें 44 दिनों से क्रमिक अनशन पर है.

ये भी पढ़े: गांव में 20 साल पहले बनी सड़क हुई बदहाल, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

ममाले को लेकर कर्मचारी यूनियन के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताय कि 11 सालों से राज्य की आपातकाल सेवा में कार्यरत थे. लेकिन सरकार द्वारा 30 मई को हम लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया गया है. जिसके चलते हम लोग पिछले 57 दिनों से परेड ग्राउंड में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कोई ना कोई निर्णय जरूर सरकार लेगी. जिससे सभी पूर्व कर्मियों को रोजगार मिल सकेगा और अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम उग्र आंदोलन करते हुए दिल्ली कूच करेंगे.

देहरादून: 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी पिछले 57 दिन से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. नई कंपनी में समायोजित और समान वेतनमान की मांग को लेकर 108 कर्मियों ने मंगलवार को सत्र के दौरान विधानसभा कूच किया. लेकिन पुलिस बल ने बैरिकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही रोक दिया. रोके जाने से आक्रोशित प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.

जानकारी देते प्रदेश सचिव, 108 आपातकालीन सेवा, विपिन जमलोकी.

बता दें कि साल 2008 में स्वास्थ्य मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल के दौरान 108 जीवीके ईएमआरआई उत्तराखंड में लॉन्च की गई थी. जिसे शुरू में ईएमआरआई यानी इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता था. बाद में जीवीके ईएमआरआई ने इस सेवा को टेकओवर किया था. 11 साल सफलतापूर्वक संचालन के बाद बीते 1 मई 2019 को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 108 सेवा को कैंप कंपनी को संचालन के लिए दे दिया गया है.

वहीं सेवा नई कंपनी को टेकओवर हो जाने से 11 साल से 108 आपातकालीन सेवा में नौकरी कर रहे 717 कर्मचारियों के सामने रोजगार के साथ ही आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
जिसके चलते 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी समान वेतन मान और नई कंपनी में समायोजन को लेकर बीते 57 दिनों से परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल में डटे हैं. वहीं 108 कर्मी बीतें 44 दिनों से क्रमिक अनशन पर है.

ये भी पढ़े: गांव में 20 साल पहले बनी सड़क हुई बदहाल, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

ममाले को लेकर कर्मचारी यूनियन के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने बताय कि 11 सालों से राज्य की आपातकाल सेवा में कार्यरत थे. लेकिन सरकार द्वारा 30 मई को हम लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया गया है. जिसके चलते हम लोग पिछले 57 दिनों से परेड ग्राउंड में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कोई ना कोई निर्णय जरूर सरकार लेगी. जिससे सभी पूर्व कर्मियों को रोजगार मिल सकेगा और अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम उग्र आंदोलन करते हुए दिल्ली कूच करेंगे.

Intro:पिछले 57 दिन से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे 108 सेवा के कर्मचारियों का आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है।नई कंपनी में समायोजित ओर समान वेतनमान करने की मांग को लेकर मंगलवार को सैकड़ों 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मचारियों ने सत्र के दौरान विधानसभा कूच किया। लेकिन विधानसभा से पहले ही मौजूद भारी पुलिस बल ने बैरिकेट्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को वहीं रोक दिया गया।और प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर आक्रोशित होकर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।


Body:बता दें कि बीते 15 मई 2008 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल के दौरान 108 जीवीके ईएमआरआई उत्तराखंड में लांच की गई थी।शुरू में आईएमआरआई यानी इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जो सेवा जानी जाती थी बाद में जीवीके इएमआरआई ने इस सेवा को टेकओवर किया था।करीब 11 साल सफलतापूर्वक संचालन के बाद बीते 1 मई 2019 से कंपनी 108 आपातकालीन सेवा को दिया गया है जो इसका संचालन कर रही है शासन के लिए नए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कैंप कंपनी को यह सेवाएं दी गई है।वहीं शासन के नए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कैंप कंपनी को यह सेवाएं दी गई है।वहीं सेवा के टेकओवर हो जाने से 11 साल 108 आपातकालीन सेवा में नौकरी कर रहे 717 कर्मचारियों के सामने रोजगार के साथ ही आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
उधर 108 सेवा के पूर्व कर्मचारी समान वेतन मान और नई कंपनी में समायोजित करने की मांग को लेकर बीते 57 दिनों से परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही 108 कर्मी 44 दिनों से क्रमिक अनशन पर है।


Conclusion:108 कर्मचारी यूनियन के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी का कहना है कि हम लोग पिछले 57 दिनों से शांतिपूर्वक आंदोलन परेड ग्राउंड में चला रहे थे। हम लोग विगत 11 सालों से राज्य की आपातकाल सेवा में कार्यरत थे।लेकिन सरकार द्वारा 30 मई को हम लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया गया जाता है। साथ ही नई कंपनी को ठेका दिया जाने का का काम किया जाता है। इस ठेके के कारण एक साथ 717 युवाओं को बाहर का रास्ता दिखाते हुए सरकार बेरोजगार कर देती है। हम लोगों ने पहले भी कई बार सचिवालय वाले कूच किया है लेकिन हमारी मांग आज तक भी पूरी नहीं हुई है।और आज हमने विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा कूच किया है और अगर इस प्रदेश के सरकार जिम्मेदार होगी तो 717 युवाओं के प्रति सत्र के दौरान कोई ना कोई निर्णय जरूर लेगी साथ ही सभी को रोजगार मिल सकेगा। और अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम उग्र आंदोलन करते हुए दिल्ली कूच करेंगे।

बाइट-विपिन जमलोकी(108 आपातकालीन सेवा,प्रदेश सचिव)
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