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Market Warning : एक्सपर्ट्स ने शेयर मार्केट में उछाल के बीच दी ये चेतावनी,जानिए अमेरिकी व भारतीय बाजार के बीच का अंतर - Warning of correction due to market boom

वैश्विक शेयर बाजारों ने 2023 में अमेरिकी मंदी की चेतावनी दी थी, जो गलत साबित हुई. वैश्विक बाजारों में चल रही रैली अमेरिकी अर्थव्यवस्था की आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित ताकत से प्रेरित है. Share Market Update . Share market New Record

Warning Share Market Update
शेयर मार्केट में उछाल
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Published : Jul 3, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : विश्लेषकों ने आगाह किया है कि ओवर वैलुएशन के कारण शेयर बाजार में जोखिम बहुत ज्यादा है और कुछ अज्ञात नकारात्मक घटनाक्रम से बड़ा करेक्शन हो सकता है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार में जारी तेजी ने वैलुएशन को बढ़ा दिया है. निफ्टी वित्त वर्ष 24 की अनुमानित आय के 20 गुना से ऊपर कारोबार कर रहा है. यह ऐतिहासिक औसत से अधिक है.

VK Vijay Kumar ने कहा, "गति बाजार को ऊपर ले जा सकती है, लेकिन उच्च मूल्यांकन पर जोखिम अधिक है. कुछ अज्ञात नकारात्मक घटनाक्रम तेजी से करेक्शन कर सकते हैं. इसलिए, बाजार में निवेश जारी रखते हुए भी निवेशकों को सतर्क रहना होगा." एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगुवाई में बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 65,000 के स्तर पर पहुंच गया. भारी एफआईआई खरीदारी के कारण भारतीय बाजार नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं.

अमेरिका और भारत के बीच अंतर
सेंसेक्स में एचडीएफसी और रिलायंस में सबसे ज्यादा 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई. विजयकुमार ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों में चल रही रैली मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित ताकत से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों ने 2023 के मध्य तक अमेरिकी मंदी की चेतावनी दी थी, जो गलत साबित हुई . उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत में रैली के बीच अंतर का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि अमेरिकी रैली का नेतृत्व मुख्य रूप से 8 टेक स्टॉक कर रहे हैं जबकि भारतीय रैली अधिक व्यापक है.

निरंतर FPI प्रवाह (जून में 47,148 करोड़ रुपये) भारत में रैली का मुख्य चालक है. एफपीआई प्रवाह में हालिया उछाल एफपीआई की हालिया 'चीन में बेचो, भारत में खरीदो' रणनीति के कारण हुआ है. यह अमेरिका और विकसित दुनिया में चीन विरोधी रवैये/नीति से प्रभावित है. उन्होंने कहा, चूंकि बाजार की गति की ताकत ऊंची है, इसलिए तेजी जारी रह सकती है लेकिन वैलुएशन कुछ ज्यादा ही हो रहा है.

(आईएएनएस)

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नई दिल्ली : विश्लेषकों ने आगाह किया है कि ओवर वैलुएशन के कारण शेयर बाजार में जोखिम बहुत ज्यादा है और कुछ अज्ञात नकारात्मक घटनाक्रम से बड़ा करेक्शन हो सकता है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार में जारी तेजी ने वैलुएशन को बढ़ा दिया है. निफ्टी वित्त वर्ष 24 की अनुमानित आय के 20 गुना से ऊपर कारोबार कर रहा है. यह ऐतिहासिक औसत से अधिक है.

VK Vijay Kumar ने कहा, "गति बाजार को ऊपर ले जा सकती है, लेकिन उच्च मूल्यांकन पर जोखिम अधिक है. कुछ अज्ञात नकारात्मक घटनाक्रम तेजी से करेक्शन कर सकते हैं. इसलिए, बाजार में निवेश जारी रखते हुए भी निवेशकों को सतर्क रहना होगा." एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगुवाई में बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 65,000 के स्तर पर पहुंच गया. भारी एफआईआई खरीदारी के कारण भारतीय बाजार नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं.

अमेरिका और भारत के बीच अंतर
सेंसेक्स में एचडीएफसी और रिलायंस में सबसे ज्यादा 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई. विजयकुमार ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों में चल रही रैली मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित ताकत से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों ने 2023 के मध्य तक अमेरिकी मंदी की चेतावनी दी थी, जो गलत साबित हुई . उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत में रैली के बीच अंतर का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि अमेरिकी रैली का नेतृत्व मुख्य रूप से 8 टेक स्टॉक कर रहे हैं जबकि भारतीय रैली अधिक व्यापक है.

निरंतर FPI प्रवाह (जून में 47,148 करोड़ रुपये) भारत में रैली का मुख्य चालक है. एफपीआई प्रवाह में हालिया उछाल एफपीआई की हालिया 'चीन में बेचो, भारत में खरीदो' रणनीति के कारण हुआ है. यह अमेरिका और विकसित दुनिया में चीन विरोधी रवैये/नीति से प्रभावित है. उन्होंने कहा, चूंकि बाजार की गति की ताकत ऊंची है, इसलिए तेजी जारी रह सकती है लेकिन वैलुएशन कुछ ज्यादा ही हो रहा है.

(आईएएनएस)

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