नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को 'भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला' बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप 'झूठ के सिवाय कुछ नहीं' हैं. अडाणी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'मिथ्या धारणा बनाने' की 'छिपी हुई मंशा' से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
समूह ने कहा, 'यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता तथा भारत की विकास गाथा एवं महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है.' इसने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप 'झूठ के सिवाय कुछ नहीं' हैं. समूह ने कहा कि ये दस्तावेज ‘‘चुनिंदा गलत सूचनाओं एवं छुपाकर रखे गए तथ्यों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन हैं.' समूह ने कहा कि ये 'निराधार और शर्मनाक आरोप किसी गुप्त मकसद' से लगाए गए हैं.
इसने हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता एवं नैतिकता पर सवाल उठाया और कहा कि रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी की गई, यह इस बात से स्पष्ट है कि इसे ऐसे समय में जारी किया गया, जब अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश कर रहा है. न्यूयॉर्क की कंपनी 'हिंडनबर्ग' की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर 'खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी' में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है.
पढ़ें: Hindenburg attacks Adani: अडाणी पर हिंडनबर्ग का हमला, धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढंका नहीं जा सकता
अडाणी समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत 'बिना सोचे-विचारे' काम करने के लिए अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ 'दंडात्मक कार्रवाई' को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है. वहीं, अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है.
पीटीआई-भाषा