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कृषि क्षेत्र में जीएसटी परिषद जैसी संघीय संस्था स्थापित की जाए: आरबीआई समूह

समूह ने किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में हस्तांतरित करने और कर्ज माफी की प्रथा बंद करने की सिफारिश की है. समूह ने इसके अलावा सोना गिरवी रखकर ऋण देने की योजना में धनराशि के वास्तविक उपयोग की निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था करने की सिफारिश की है.

कृषि क्षेत्र में जीएसटी परिषद जैसी संघीय संस्था स्थापित की जाए: आरबीआई समूह
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Published : Sep 13, 2019, 11:32 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 12:56 PM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित एक समहू ने कृषि क्षेत्र में सुधारों को लागू करने और इस क्षेत्र के लिए कर्ज की सहायता बढ़ाने हेतू जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय निकाय स्थापित करने की सिफारिश की है.

समूह ने किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में हस्तांतरित करने और कर्ज माफी की प्रथा बंद करने की सिफारिश की है.

समूह ने इसके अलावा सोना गिरवी रखकर ऋण देने की योजना में धनराशि के वास्तविक उपयोग की निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था करने की सिफारिश की है. इसके लिए बैंकों को एक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एमआईएस) स्थापित करने का सुझाव दिया है, जो उनके कोर बैंकिंग समाधान का हिस्सा हो और ऋण के दुरुपयोग का उन्हें संकेत दे सके.

ये भी पढ़ें: इस तिमाही में अपने कारखानों मे 17 दिन तक उत्पादन ठप रखेगी महिंद्रा एंड महिंद्रा

आरबीआई ने इस साल फरवरी में इस 'आंतरिक कार्य समूह' का गठन किया था. इसे कृषि ऋण के मामले में क्षेत्रीय विषमताओं और अन्य मुद्दों का अध्ययन करने और उनके व्यावहारिक समाधान की सिफारिशें करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

समूह ने सिफारिश की है कि "भारत सरकार को जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय संस्था का गठन करना चाहिए, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि हो और वे कृषि क्षेत्र में सुधारों का सुझाव दें और उसे लागू करवाएं."

समूह ने किसान कर्ज माफी की प्रथा से बचने को सुझाव दिया है. साथ ही कृषि कर्ज पर ब्याज सहायता एवं सब्सिडी देने की जगह किसानों के खातों में सीधे धन हस्तांतरित (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण - डीबीटी) करना चाहिए.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित एक समहू ने कृषि क्षेत्र में सुधारों को लागू करने और इस क्षेत्र के लिए कर्ज की सहायता बढ़ाने हेतू जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय निकाय स्थापित करने की सिफारिश की है.

समूह ने किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में हस्तांतरित करने और कर्ज माफी की प्रथा बंद करने की सिफारिश की है.

समूह ने इसके अलावा सोना गिरवी रखकर ऋण देने की योजना में धनराशि के वास्तविक उपयोग की निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था करने की सिफारिश की है. इसके लिए बैंकों को एक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एमआईएस) स्थापित करने का सुझाव दिया है, जो उनके कोर बैंकिंग समाधान का हिस्सा हो और ऋण के दुरुपयोग का उन्हें संकेत दे सके.

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आरबीआई ने इस साल फरवरी में इस 'आंतरिक कार्य समूह' का गठन किया था. इसे कृषि ऋण के मामले में क्षेत्रीय विषमताओं और अन्य मुद्दों का अध्ययन करने और उनके व्यावहारिक समाधान की सिफारिशें करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

समूह ने सिफारिश की है कि "भारत सरकार को जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय संस्था का गठन करना चाहिए, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि हो और वे कृषि क्षेत्र में सुधारों का सुझाव दें और उसे लागू करवाएं."

समूह ने किसान कर्ज माफी की प्रथा से बचने को सुझाव दिया है. साथ ही कृषि कर्ज पर ब्याज सहायता एवं सब्सिडी देने की जगह किसानों के खातों में सीधे धन हस्तांतरित (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण - डीबीटी) करना चाहिए.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित एक समहू ने कृषि क्षेत्र में सुधारों को लागू करने और इस क्षेत्र के लिए कर्ज की सहायता बढ़ाने हेतू जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय निकाय स्थापित करने की सिफारिश की है.

समूह ने किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में हस्तांतरित करने और कर्ज माफी की प्रथा बंद करने की सिफारिश की है.

समूह ने इसके अलावा सोना गिरवी रखकर ऋण देने की योजना में धनराशि के वास्तविक उपयोग की निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था करने की सिफारिश की है. इसके लिए बैंकों को एक सूचना प्रबंधन प्रणाली (एमआईएस) स्थापित करने का सुझाव दिया है, जो उनके कोर बैंकिंग समाधान का हिस्सा हो और ऋण के दुरुपयोग का उन्हें संकेत दे सके.

आरबीआई ने इस साल फरवरी में इस 'आंतरिक कार्य समूह' का गठन किया था. इसे कृषि ऋण के मामले में क्षेत्रीय विषमताओं और अन्य मुद्दों का अध्ययन करने और उनके व्यावहारिक समाधान की सिफारिशें करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

समूह ने सिफारिश की है कि "भारत सरकार को जीएसटी परिषद की तर्ज पर एक संघीय संस्था का गठन करना चाहिए, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि हो और वे कृषि क्षेत्र में सुधारों का सुझाव दें और उसे लागू करवाएं."

समूह ने किसान कर्ज माफी की प्रथा से बचने को सुझाव दिया है. साथ ही कृषि कर्ज पर ब्याज सहायता एवं सब्सिडी देने की जगह किसानों के खातों में सीधे धन हस्तांतरित (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण - डीबीटी) करना चाहिए.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 12:56 PM IST
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