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बजट 2019: रक्षा क्षेत्र में कुछ अच्छा होने की उम्मीद में सेना के रिटायर्ड अधिकारी, बताई ये वजह

किसी भी देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सेना और अर्धसैनिक बलों पर होती है.  ऐसे में ईटीवी भारत ने जब सेना और अर्धसैनिक बलों के कुछ अधिकारियों से रक्षा बजट के संबंध में बात की तो सभी ने अपनी-अपनी राय बताई

पूर्व सेना अधिकारियों को बजट से उम्मीदें.
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Published : Jul 1, 2019, 6:23 AM IST

देहरादून: मोदी सरकार पांच जुलाई को आम बजट पेश करेगी. जिसे लेकर देश के हर वर्ग में उम्मीदें हैं. बात अगर भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की करें तो इससे जुड़े लोगों को इस बार के बजट से खासी उम्मीदें हैं. सेवानिवृत्त अधिकारियों ने ईटीवी भारत से 5 जुलाई को पेश होने जा रहे आम बजट के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने आने वाले बजट को लेकर उनकी क्या अपेक्षाएं हैं इस पर भी खुलकर बात की.

पूर्व सेना अधिकारियों को बजट से उम्मीदें.

किसी भी देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सेना और अर्धसैनिक बलों पर होती है. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब सेना और अर्धसैनिक बलों के कुछ अधिकारियों से रक्षा बजट के संबंध में बात की तो सभी ने अपनी-अपनी राय बताई. ईटीवी भारत से खास बातचीत में ब्रिगेडियर केजी बहल ने कहा कि निर्मला सीतारमण इससे पहले रक्षा मंत्री रह चुकीं हैं, इसलिए उन्हें अंदाजा है कि सेना की क्या जरूरतें हैं. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि इस बार बजट में सेना के लिए खास प्रावधान किये जाएंगे.

पढ़ें-पिथौरागढ़ हवाई सेवा: DGCA ने दी अनुमति, फिर भी एविएशन कंपनी नहीं दिखा रही दिलचस्पी

साथ ही ब्रिगेडियर बहल ने कहा कि उनके मुताबिक इस बार के बजट में वन रैंक वन पेंशन (OROP)को रिवाइज किए जाने की जरूरत है. बहल ने कहा कि इस बार सेना में नये औजारों की खरीद और सेना के अधिकारियों और जवानों की पेंशन के लिए अलग से बजट लाया जाना चाहिए.

पढ़ें-गढ़वाल परिक्षेत्र के 46 उपनिरीक्षकों के तबादले, आईजी ने 7 जुलाई तक दिए ज्वाइनिंग के आदेश

वहीं दूसरी तरफ ईटीवी भारत से बात करते हुए सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने भी बजट को लेकर अपनी राय रखी. उनका कहना था कि इस बार के रक्षा बजट को और अधिक बढ़ाया जाना. जिससे सेना आधुनिक तकनीक के हथियार खरीद सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत जिन हथियारों से दुश्मन से लोहा ले रहा है वह कई साल पुराने हैं.

पढ़ें-उत्तराखंड की बेटी मोनिका भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में बनीं वैज्ञानिक

बहरहाल, हर किसी की बजट से उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. ऐसे में पांच मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से सेना के लिए क्या कुछ निकलकर सामने आता है ये तो संसद में ही पता चलेगा.

देहरादून: मोदी सरकार पांच जुलाई को आम बजट पेश करेगी. जिसे लेकर देश के हर वर्ग में उम्मीदें हैं. बात अगर भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की करें तो इससे जुड़े लोगों को इस बार के बजट से खासी उम्मीदें हैं. सेवानिवृत्त अधिकारियों ने ईटीवी भारत से 5 जुलाई को पेश होने जा रहे आम बजट के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने आने वाले बजट को लेकर उनकी क्या अपेक्षाएं हैं इस पर भी खुलकर बात की.

पूर्व सेना अधिकारियों को बजट से उम्मीदें.

किसी भी देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सेना और अर्धसैनिक बलों पर होती है. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब सेना और अर्धसैनिक बलों के कुछ अधिकारियों से रक्षा बजट के संबंध में बात की तो सभी ने अपनी-अपनी राय बताई. ईटीवी भारत से खास बातचीत में ब्रिगेडियर केजी बहल ने कहा कि निर्मला सीतारमण इससे पहले रक्षा मंत्री रह चुकीं हैं, इसलिए उन्हें अंदाजा है कि सेना की क्या जरूरतें हैं. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि इस बार बजट में सेना के लिए खास प्रावधान किये जाएंगे.

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साथ ही ब्रिगेडियर बहल ने कहा कि उनके मुताबिक इस बार के बजट में वन रैंक वन पेंशन (OROP)को रिवाइज किए जाने की जरूरत है. बहल ने कहा कि इस बार सेना में नये औजारों की खरीद और सेना के अधिकारियों और जवानों की पेंशन के लिए अलग से बजट लाया जाना चाहिए.

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वहीं दूसरी तरफ ईटीवी भारत से बात करते हुए सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने भी बजट को लेकर अपनी राय रखी. उनका कहना था कि इस बार के रक्षा बजट को और अधिक बढ़ाया जाना. जिससे सेना आधुनिक तकनीक के हथियार खरीद सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत जिन हथियारों से दुश्मन से लोहा ले रहा है वह कई साल पुराने हैं.

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बहरहाल, हर किसी की बजट से उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. ऐसे में पांच मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से सेना के लिए क्या कुछ निकलकर सामने आता है ये तो संसद में ही पता चलेगा.

Intro:देहरादून- भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को भी 5 जुलाई को संसद में पेश होने जा रहे आम बजट से कई उम्मीदें हैं।

गौरतलब है कि किसी भी देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सेना और अर्धसैनिक बलों पर होती है । ऐसे में ईटीवी भारत ने जब सेना और अर्धसैनिक बलों के कुछ अधिकारियों से रक्षा बजट के संबंध में बात की तो सभी ने अपनी-अपनी राय रखी।




Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में ब्रिगेडियर केजी बहल का कहना था कि क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद से पहले रक्षा मंत्री रह चुकी हैं इसलिए वह भली भांति जानती हैं देश की सेना की क्या जरूरतें हैं । उनके मुताबिक इस बार के बजट में वन रैंक वन पेंशन (OROP)को रिवाइज किए जाने की जरूरत है। साथ ही सेना औजारों की खरीद और सेना के अधिकारियों और जवानों की पेंशन के लिए अलग से बजट लाया जाना चाहिए।


वहीं दूसरी तरफ ईटीवी भारत से बात करते हुए सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त अधिकारियों का भी बजट को लेकर यही कहना था कि इस बार के रक्षा बजट को और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए जैसे कि भारत आधुनिक तकनीक के हथियार खरीद सके । वर्तमान में भारत जैन हत्यारों का दुश्मन से निपटने के लिए इस्तेमाल कर रहा है वह कई साल पुरानी तकनीक के हिसाब से काम करते हैं ।






Conclusion:बरहाल हर किसी की बजट को लेकर उम्मीदें जुड़ी हुई हैं । ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में क्या कुछ खास निकल कर सामने आता है यह तो 5 जुलाई को ही साफ हो पाएगा।
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