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भट्टा उद्योग पर भी मंदी की मार, मालिकों ने सरकार को दी भट्टे बंद करने की चेतावनी

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Published : Sep 7, 2019, 9:04 PM IST

ईंट भट्टा संघ ने रुड़की एआरटीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एआरटीओ अवैध उगाही कर लगातार भट्टा स्वामियों को परेशान करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर भी कई आरोप लगाए.

भट्टा उद्योग पर भी पड़ने लगी मंदी की मार.

रुड़की: आर्थिक मंदी की चपेट में अब ईंट भट्टा उद्योग भी आ गया है. पूरे जिले में 150 भट्टे मंदी की जद में आ गए हैं. जिसके बाद ईंट भट्टा संघ ने शासन-प्रशासन के लचर रवैये पर सवाल उठाये हैं. भट्टा संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए आर्थिक मंदी के चलते सभी भट्टों को बंद करने का एलान किया है.

ईंट भट्टा संघ ने रुड़की एआरटीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एआरटीओ अवैध उगाही कर लगातार भट्टा स्वामियों को परेशान करने का काम कर रहे हैं. भट्टा संघ ने कहा कि भट्टों पर हजारों की संख्या में गरीब मजदूर काम कर रहे हैं. अगर ईंट के भट्टे बंद हुए तो सभी मजदूर बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. यूनियन ने कहा कि आर्थिक मंदी के चलते भट्टों पर बड़ा असर पड़ रहा है. जिसके कारण वे ईंट भट्टा चलाने में सक्षम नहीं हैं.

भट्टा उद्योग पर भी पड़ने लगी मंदी की मार.

पढ़ें-नरेंद्र नगरः यहां खुद 'बीमार' है अस्पताल, लापरवाही मरीजों पर पड़ रही भारी

वहीं रुड़की और उसके आसपास वर्षों से चल रहे लगभग 150 ईंट भट्टों पर भी केंद्र सरकार के नए कानून की मार पड़ी है. केंद्र सरकार का कहना है कि इतने समय से चल रहे भट्टे संचालित नहीं हो सकते. जिस पर संघ का कहना है कि इस मामले पर उन्हें राज्य सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है. वहीं नए मोटर वाहन अधिनियम ने ट्रैक्टर व ट्रॉली को भट्टों पर खड़ा करने को मजबूर कर दिया है.

पढ़ें-मानकों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण, HRDA नहीं लगा पा रहा लगाम

ईंट भट्टा संघ के अध्यक्ष नरेश त्यागी ने कहा कि शासन के द्वारा एक भट्टे की सालाना रॉयल्टी एक करोड़ बारह लाख कर दी गई है. इतनी बड़ी रॉयल्टी वे कैसे चुकता करेंगे? वहीं पूरे भट्टे की कीमत एक करोड़ की भी नहीं है. ऐसे में वे एक करोड़ बारह लाख का कर कैसे और क्यों दें? उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सिस्टम को सुधारा नहीं गया तो वे तमाम ईंट भट्टों को इस सीजन में बंद कर देंगे.

रुड़की: आर्थिक मंदी की चपेट में अब ईंट भट्टा उद्योग भी आ गया है. पूरे जिले में 150 भट्टे मंदी की जद में आ गए हैं. जिसके बाद ईंट भट्टा संघ ने शासन-प्रशासन के लचर रवैये पर सवाल उठाये हैं. भट्टा संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए आर्थिक मंदी के चलते सभी भट्टों को बंद करने का एलान किया है.

ईंट भट्टा संघ ने रुड़की एआरटीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एआरटीओ अवैध उगाही कर लगातार भट्टा स्वामियों को परेशान करने का काम कर रहे हैं. भट्टा संघ ने कहा कि भट्टों पर हजारों की संख्या में गरीब मजदूर काम कर रहे हैं. अगर ईंट के भट्टे बंद हुए तो सभी मजदूर बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. यूनियन ने कहा कि आर्थिक मंदी के चलते भट्टों पर बड़ा असर पड़ रहा है. जिसके कारण वे ईंट भट्टा चलाने में सक्षम नहीं हैं.

भट्टा उद्योग पर भी पड़ने लगी मंदी की मार.

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वहीं रुड़की और उसके आसपास वर्षों से चल रहे लगभग 150 ईंट भट्टों पर भी केंद्र सरकार के नए कानून की मार पड़ी है. केंद्र सरकार का कहना है कि इतने समय से चल रहे भट्टे संचालित नहीं हो सकते. जिस पर संघ का कहना है कि इस मामले पर उन्हें राज्य सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है. वहीं नए मोटर वाहन अधिनियम ने ट्रैक्टर व ट्रॉली को भट्टों पर खड़ा करने को मजबूर कर दिया है.

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ईंट भट्टा संघ के अध्यक्ष नरेश त्यागी ने कहा कि शासन के द्वारा एक भट्टे की सालाना रॉयल्टी एक करोड़ बारह लाख कर दी गई है. इतनी बड़ी रॉयल्टी वे कैसे चुकता करेंगे? वहीं पूरे भट्टे की कीमत एक करोड़ की भी नहीं है. ऐसे में वे एक करोड़ बारह लाख का कर कैसे और क्यों दें? उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सिस्टम को सुधारा नहीं गया तो वे तमाम ईंट भट्टों को इस सीजन में बंद कर देंगे.

Intro:रूड़की: आर्थिक मंदी की चपेट में अब ईट भट्टा उद्योग भी आ गया है पूरे जिले में 150 भट्टे मंदी की जद में आ गए हैं ईट भट्टा संघ ने ऐलान किया है कि शासन प्रशासन के लचर रवैया और आर्थिक मंदी के चलते सभी भट्टों को बंद करने का ऐलान किया गया है।

बता दें कि ईट भट्टा संघ में एआरटीओ रुड़की पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एआरटीओ अवैध उगाही के चलते यहां के भट्टा स्वामियों को परेशान करने का काम कर रहे हैं भट्टा संघ ने कहा कि भट्टों पर हजारों की संख्या में गरीब मजदूर काम कर रहे हैं अगर भट्टे बंद हुए तो सभी बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे यूनियन ने कहा कि आर्थिक मंदी के चलते भट्टों पर बड़ा असर पड़ रहा है हम इन सब मुद्दों के बीच ईंट भट्टों को चलाने में सक्षम नहीं है इसलिए ईट भट्टों को बंद करने का काम कर रहे हैं।


Body:वही रुड़की और उसके आसपास लगभग 150 ईट भट्टे संचालित है जो वर्षों से संचालित हैं ऐसे में शासन प्रशासन और एआरटीओ केंद्र सरकार के नए कानून से भट्टे नहीं चल सकते हमें राज्य सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है वहीं नए मोटर वाहन ने तो पूरी तरह से ट्रैक्टर व ट्राली को अपने भट्टों पर खाली खड़े करने पर मजबूर कर दिया है।


Conclusion:इस दौरान ईंट भट्टा संघ के अध्यक्ष नरेश त्यागी ने कहा कि शासन के द्वारा एक भट्टे की सालाना रॉयल्टी एक करोड़ बारह लाख कर दी है इतनी बड़ी रॉयल्टी कैसे चुकता करेंगे वहीं पूरे भट्टे की कीमत एक करोड़ की भीबनहीं है ऐसे में एक करोड़ बारह लाख का जज़िया कर कैसे और क्यों दें उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सिस्टम को सुधारा नहीं गया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो वह तमाम ईंट भट्टे इस सीजन मैं बंद कर देंगे जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे और इसकी जिम्मेदार सरकार होगी।

बाइट - चौधरी विजेंद्र सिंह ( ईट भट्टा संघ पदाधिकारी)
बाइट - नरेश त्यागी ( ईंट भट्ठा संघ पदाधिकारी)
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