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कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों के लिए सीमेंट के कट्टे में लाई जा रही रोटियां, 4 सदस्यीय टीम करेगी जांच

बीते काफी समय से देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती मरीज शिकायत कर रहे थे कि उन्हें खाना सही ढंग से नहीं दिया जा रहा है. रोटी भी सीमेंट के कट्टों में रखकर लाई जाती है. इस मामले से जुड़ी हुई एक फोटो रविवार से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग भी सख्ते में आ गया.

सीमेंट के कट्टे में लाई जा रही रोटियां
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Published : Feb 25, 2019, 11:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल में किस तरह मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका उदाहरण राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकता है. यहां के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) में मरीजों को दी जाने वाली रोटियां सीमेंट के कट्टों में सप्लाई की जा रही हैं. इस मामले की जांच के लिए कोरोनेशन के सीएमएस ने 4 सदस्य टीम गठित की है, जो 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौपेंगी.

पढ़ें-ALERT: प्रदेश में मौसम फिर बदल सकता है करवट, बारिश के साथ ओलावृष्टि के भी आसार

जानकारी के मुताबिक, बीते काफी समय से देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती मरीज शिकायत कर रहे थे कि उन्हें खाना सही ढंग से नहीं दिया जा रहा है. रोटी भी सीमेंट के कट्टों में रखकर लाई जाती है. इस मामले से जुड़ी हुई एक फोटो रविवार से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग भी सख्ते में आ गया.

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पढ़ें-कोटद्वार: पुलिस ने चोरी का किया खुलासा, कोर्ट ने आरोपी को भेजा जेल

इस तरह का मामला सामने आने के बाद किचन संचालक पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों के स्वास्थ्य के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहा है. बता दें कि देहरादून के दो बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज (दून अस्पताल) और कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों के लिए खाना सप्लाई करने की जिम्मा एक ही ठेकेदार को दिया गया है. कुछ समय पहले दून अस्पताल में भी मरीज के खाने में कीड़ा निकलने का मामला सामने आया था. इस पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था.

घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस मामले पर कोरोनेशन अस्पताल के सीएमएस डा. बीसी रमोला ने कहा कि यह बेहद ही गंभीर बात है कि मरीजों के लिए सीमेंट के कट्टों में रोटी लाई जाती है. ठेकेदार को नोटिस भेज उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामले की जांच के लिए 4 सदस्य टीम गठित की है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल में किस तरह मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका उदाहरण राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकता है. यहां के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) में मरीजों को दी जाने वाली रोटियां सीमेंट के कट्टों में सप्लाई की जा रही हैं. इस मामले की जांच के लिए कोरोनेशन के सीएमएस ने 4 सदस्य टीम गठित की है, जो 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौपेंगी.

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जानकारी के मुताबिक, बीते काफी समय से देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती मरीज शिकायत कर रहे थे कि उन्हें खाना सही ढंग से नहीं दिया जा रहा है. रोटी भी सीमेंट के कट्टों में रखकर लाई जाती है. इस मामले से जुड़ी हुई एक फोटो रविवार से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग भी सख्ते में आ गया.

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इस तरह का मामला सामने आने के बाद किचन संचालक पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों के स्वास्थ्य के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहा है. बता दें कि देहरादून के दो बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज (दून अस्पताल) और कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों के लिए खाना सप्लाई करने की जिम्मा एक ही ठेकेदार को दिया गया है. कुछ समय पहले दून अस्पताल में भी मरीज के खाने में कीड़ा निकलने का मामला सामने आया था. इस पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था.

घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस मामले पर कोरोनेशन अस्पताल के सीएमएस डा. बीसी रमोला ने कहा कि यह बेहद ही गंभीर बात है कि मरीजों के लिए सीमेंट के कट्टों में रोटी लाई जाती है. ठेकेदार को नोटिस भेज उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामले की जांच के लिए 4 सदस्य टीम गठित की है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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Intro: एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है इस बार मामला मरीजों को दिए जाने वाली डाइट को लेकर है, दरअसल मरीजों को दिए जाने वाली डाइट में शामिल रोटियों को सीमेंट के कट्टों पर सप्लाई किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय केस सीएमएस ने 4 सदस्य अधिकारियों की टीम को जांच के आदेश दिए हैं।


Body: मामला बीते रविवार को पकड़ में तब आया जब दून मेडिकल के किचन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मरीजों को भी खाना सप्लाई किया जाता है। दरअसल दून मेडिकल कॉलेज और पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मरीजों को खाना परोसने का जिम्मा एक ही ठेकेदार के हवाले हैं, बताया जा रहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मरीजों को परोसे जाने वाली रोटियां सीमेंट के कट्टों में भरकर लाई गई थी। इस घटना के बाद किचन संचालक पर कई गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं,इससे साफ जाहिर होता है कि अनहाइजीनिक भोजन परोस कर किस तरह से मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने भी इस मामले की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के सीएमएस डॉक्टर बीसी रमोला ने कहा कि चिकित्सालय प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए 4 सदस्यीय अधिकारियों की टीम का गठन किया है। जो 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट कार्यालय को प्रेषित करेगी, जांच टीम के अनुसार जो भी सुझाव दिए जाएंगे उसी के अंतर्गत किचन संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी वह सुधार के प्रयास किए जाएंगे।
बाईट- डॉक्टर बीसी रमोला, सीएमएस, पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय


Conclusion: इससे पूर्व भी मरीजों को डाइट के रूप मे दिये जाने वाले भोजन को लेकर कई शिकायते कैंटीन संचालक के खिलाफ आ चुकी हैं। एक बार फिर इस तरह की लापरवाही स्वास्थ्य महकमे में प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है अब देखना होगा कि चार सदस्यीय अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद किचन संचालक पर अस्पताल प्रबंधन क्या कार्यवाही करता है।
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