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उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने उठाया ये अहम कदम - Pauri

वहीं एमओयू हस्ताक्षर के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे के डीपीआर को वैपकोस ही बनाएगा.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद
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Published : Mar 3, 2019, 5:49 AM IST

Updated : Mar 3, 2019, 6:53 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और पहल करने जा रही है. सरकार पहाडों में दुरस्थ क्षेत्रों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए अधिक से अधिक सख्या में रोपवे का निर्माण कराने की तैयारी कर रही है. इसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों तक अवागमन को सहज बनाने के साथ ही नए पर्यटन स्थलों को विकसित करना है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद

पढ़ें-अपनी सरकार है तो फिर ट्रैफिक नियमों की किसे परवाह, हल्द्वानी में दिखा कुछ ऐसा ही नजारा

इसके लिए शनिवार को देहरादून में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. एमओयू साइन होने के बाद से अब उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे का डीपीआर भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' बनाएगा.

पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः 'विलुप्त हो रही योग विधाओं को बचानेका प्रयास करे सरकार'

इस एमओयू के तहत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ मिलकर पौड़ी जिले के अंतर्गत झालपाली से दीवडांडा रसलवाण, नीलकंठ और कार्तिखाल से भैरवगढ़ी मंदिर के बीच प्रस्तावित रोपवे निर्माण किया जाएगा, ताकि रोपवे के माध्यम से बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रण करते हुए पहाड़ी स्थलों की यात्रा को और आकर्षक और रोमांचक बनाया जा सकेगा. जिससे उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा. इसके साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

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वहीं एमओयू हस्ताक्षर के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे के डीपीआर को वैपकोस ही बनाएगा. उसके बाद रोपवे बनेंगे। इसके साथ ही बताया कि यह प्रदेश के लिए स्वर्णिम मौका है. क्योंकि प्रदेश में जितने पहाड़ी चोटियां हैं वहां पर आसानी से लोग जा सके, इसका सपना आज पूरा हुआ है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और पहल करने जा रही है. सरकार पहाडों में दुरस्थ क्षेत्रों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए अधिक से अधिक सख्या में रोपवे का निर्माण कराने की तैयारी कर रही है. इसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों तक अवागमन को सहज बनाने के साथ ही नए पर्यटन स्थलों को विकसित करना है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद

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इसके लिए शनिवार को देहरादून में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. एमओयू साइन होने के बाद से अब उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे का डीपीआर भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' बनाएगा.

पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः 'विलुप्त हो रही योग विधाओं को बचानेका प्रयास करे सरकार'

इस एमओयू के तहत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ मिलकर पौड़ी जिले के अंतर्गत झालपाली से दीवडांडा रसलवाण, नीलकंठ और कार्तिखाल से भैरवगढ़ी मंदिर के बीच प्रस्तावित रोपवे निर्माण किया जाएगा, ताकि रोपवे के माध्यम से बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रण करते हुए पहाड़ी स्थलों की यात्रा को और आकर्षक और रोमांचक बनाया जा सकेगा. जिससे उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा. इसके साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

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वहीं एमओयू हस्ताक्षर के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे के डीपीआर को वैपकोस ही बनाएगा. उसके बाद रोपवे बनेंगे। इसके साथ ही बताया कि यह प्रदेश के लिए स्वर्णिम मौका है. क्योंकि प्रदेश में जितने पहाड़ी चोटियां हैं वहां पर आसानी से लोग जा सके, इसका सपना आज पूरा हुआ है.

Intro:उत्तराखंड सरकार पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक और पहल करने जा रही है जिसके तहत दूरस्थ एवं पहाड़ी क्षेत्रों को मुख्य मार्गो से जोड़ने के लिए अधिक से अधिक रोपवे निर्माण करने की तैयारी में है। जिसको लेकर शनिवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू साइन होने के बाद से अब उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे का डीपीआर भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' बनाएगा।


Body:इस एमओयू के तहत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने भारत सरकार की अग्रणी इंजीनियरिंग संस्था 'वैपकोस' के साथ मिलकर पौड़ी जिले के अंतर्गत झालपाली से दीवडांडा रसलवाण, नीलकंठ और कार्तिखाल से भैरवगढ़ी मंदिर के बीच प्रस्तावित रोपवे निर्माण किया जाएगा। ताकि रोपवे के माध्यम से बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रण करते हुए पहाड़ी स्थलों की यात्रा को और आकर्षक और रोमांचक बनाया जा सकेगा। जिससे उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा। इसके साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

वहीं एमओयू हस्ताक्षर के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में आगे बनने वाले सभी रोपवे के डीपीआर को वैपकोस ही बनाएगा। उसके बाद रोपवे बनेंगे। इसके साथ ही बताया कि यह प्रदेश के लिए स्वर्णिम मौका है। क्योंकि प्रदेश में जितने पहाड़ी चोटियां हैं वहां पर आसानी से लोग जा सके, इसका सपना आज पूरा हुआ है।






Conclusion:
Last Updated : Mar 3, 2019, 6:53 AM IST
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