रुद्रपुर: वर्ष 2014 में काशीपुर में प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने के मामले में तृतीय अपर जिला जज विवेक द्विवेदी की अदालत ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने दोनों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 11 गवाह पेश किए.
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जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण ने बताया कि जसपुर निवासी निर्मल सिंह ने 11 अगस्त 2014 को काशीपुर कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि उसका चचेरा भाई पाकेश पुत्र कृपाल सिंह निवासी ग्राम रेहड़ (बिजनौर) काशीपुर में पत्नी सरोज और बच्चों के साथ रहता था.
मृतक की पत्नी ने उसे फोन पर पाकेश के मौत की सूचना दी थी. जिसके बाद वह परिवार के साथ काशीपुर पहुंचा था. यहां आकर देखा तो पाकेश का शव चारपाई पर पड़ा हुआ था और उसके गले में चोट के निशान थे. परिजनों का आरोप था कि पाकेश की हत्या उसकी पत्नी ने अपने साथियों के साथ मिलकर की है.
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तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में आरोपी पत्नी ने बताया था कि पाकेश उसके साथ मारपीट करता था. इसके चलते वह बिजनौर छोड़कर काशीपुर अपनी मां के पास आ गई और यहां जूते की एक फैक्ट्री में काम करने लगी थी. यहां पर उसकी मुलाकात नेकपाल निवासी ग्राम भगतपुर, मुरादाबाद से हुई थी. दोनों की ये मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गई.
इसी बीच पाकेश भी काशीपुर आ गया था और उसे दोनों के बारे में पता चल गया था. यहां आकर भी वह अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने लगा. 10 अगस्त 2014 की रात पाकेश फिर से शराब पीकर घर आया और अपनी पत्नी के साथ मारपीट की. इसके बाद वह सो गया था. तभी पाकेश की पत्नी में अपने दोस्त नेकपाल को फोन कर घर बुला लिया. लेकिन तभी पाकेश की नीद खुल गई. इस दौरान नेकपाल और पाकेश के बीच झगड़ा हुई. इसी बीच पाकेश की पत्नी में उसने सिर पर सरिये से हमला कर दिया और नेकपाल ने उसका गल दबा दिया. जिससे पाकेश की मौके पर ही मौत हो गई.
इस घटना के बाद नेकपाल मौके से भाग गया और पाकेश की पत्नी ने परिजनों को बताया कि पाकेश शराब के नशे में छत से गिर गया था. जिस कारण उसकी मौत हुई. परिजनों के तहरीर पर पुलिस ने 12 फरवरी को नेकपाल को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया था. मंगलवार को तृतीय अपर जिला जज विवेक द्विवेदी ने मामले में गवाहों और पत्रावलियों का अध्ययन करने के बाद दोनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दस दस हजार का जुर्माना भी लगाया है.