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स्वास्थ्य विभाग ने बिना अनुमति के चल रहे क्लीनिक को किया सील

दुगड्डा में एक डॉक्टर के बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के क्लीनिक चलाये जाने का मामला सामने आया है. एसडीएम कोटद्वार के निर्देश पर तहसीलदार विकास अवस्थी, नायब तहसीलदार, पट्टी पटवारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक पर छापेमारी की.

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Published : May 25, 2021, 6:50 PM IST

कोटद्वार: दुगड्डा में बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के एक डॉक्टर क्लीनिक चला रहा था. मामले की शिकायत स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे. जिसके बाद आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई कर क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक के लिए सील कर दिया है.

बता दें कि कोटद्वार तहसील के दुगड्डा में एक डॉक्टर बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के क्लीनिक का संचालन कर रहा था. जिसके बाद एसडीएम कोटद्वार के निर्देशों पर तहसीलदार विकास अवस्थी, नायब तहसीलदार, पट्टी पटवारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक पर छापेमारी की. टीम ने क्लीनिक से कुछ एक्सपायरी डेट की दवाई बरमद की हैं. साथ ही उक्त डॉक्टर के पास से बिहार राज्य का वैद्य का प्रमाणपत्र मिला है. जिसकी आड़ में क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था. वहीं, तहसीलदार ने बताया की उक्त क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक के लिए सील कर दिया गया है. साथ ही क्लीनिक संचालक के खिलाफ क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पढ़ें: हरियाणा से पुलिस को चकमा देकर टिहरी पहुंचे नशे के सौदागार, दो चरस तस्कर गिरफ्तार

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि उक्त क्लीनिक आठ से दस साल पूर्व से दुगड्डा के मोती बाजार में संचालित हो रहा था. क्लीनिक संचालक कोविड महामारी के दौरान ग्रामीणों से बुखार और खांसी की दवाई देने के एवज में मोटी रकम वसूल रहा था. पूर्व में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त क्लीनिक पर छापेमारी की थी. लेकिन कुछ दिन बाद क्लीनिक का संचालन फिर से शुरू हो गया.

कोटद्वार: दुगड्डा में बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के एक डॉक्टर क्लीनिक चला रहा था. मामले की शिकायत स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे. जिसके बाद आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई कर क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक के लिए सील कर दिया है.

बता दें कि कोटद्वार तहसील के दुगड्डा में एक डॉक्टर बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के क्लीनिक का संचालन कर रहा था. जिसके बाद एसडीएम कोटद्वार के निर्देशों पर तहसीलदार विकास अवस्थी, नायब तहसीलदार, पट्टी पटवारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक पर छापेमारी की. टीम ने क्लीनिक से कुछ एक्सपायरी डेट की दवाई बरमद की हैं. साथ ही उक्त डॉक्टर के पास से बिहार राज्य का वैद्य का प्रमाणपत्र मिला है. जिसकी आड़ में क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था. वहीं, तहसीलदार ने बताया की उक्त क्लीनिक को अग्रिम आदेशों तक के लिए सील कर दिया गया है. साथ ही क्लीनिक संचालक के खिलाफ क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि उक्त क्लीनिक आठ से दस साल पूर्व से दुगड्डा के मोती बाजार में संचालित हो रहा था. क्लीनिक संचालक कोविड महामारी के दौरान ग्रामीणों से बुखार और खांसी की दवाई देने के एवज में मोटी रकम वसूल रहा था. पूर्व में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त क्लीनिक पर छापेमारी की थी. लेकिन कुछ दिन बाद क्लीनिक का संचालन फिर से शुरू हो गया.

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