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GROUND REPORT: प्रशासन के दावों की खोली पोल, क्षतिग्रस्त घाटों का नहीं हो पाया निर्माण - उत्तराखंड

चारधाम यात्रा के लिए शासन प्रशासन हर प्रकार की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लाख दावे कर ले, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

गंगोत्री घाट.
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Published : Apr 12, 2019, 7:06 PM IST

उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा शुरू होने में अब मात्र 25 दिन रह गए हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा के लिए शासन प्रशासन हर प्रकार की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लाख दावे कर ले, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

गंगोत्री घाट.

बता दें कि गंगोत्री धाम में अभी तक गंगा और स्नान घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है. यहां क्षतिग्रस्त घाट की मरम्मत भी नहीं की गई है. प्रशासन कि ओर से पिछले साल सिंचाई विभाग ने करोड़ों का बजट लगाकर घाटों का मरम्मतीकरण किया था. लेकिन एक साल बाद भी गंगोत्री धाम में घाट क्षतिग्रस्त ही नजर आ रहे हैं. जिनके ढहने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

पढ़ें: बैंक में शार्ट सर्किट से लगी आग, फायर ब्रिगेड की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

वहीं, साधु समाज ने 2 साल पहले शासन-प्रशासन से गंगोत्री में गंगा और स्नान घाटों के सुरक्षित निर्माण की मांग की थी. लेकिन प्रशासन और सिंचाई विभाग ने कुछ चेनों का जाल बिछाकर गंगोत्री के स्नान घाटों को सुरक्षित घाट की श्रेणी में खड़ा कर दिया. जिसके चलते कई श्रद्धालुओं को इन क्षतिग्रस्त घाटों पर अपनी जान गंवानी पड़ी.

गंगोत्री धाम के साधु समाज ने बताया कि 2 साल पहले शासन प्रशासन को गंगोत्री धाम में सुरक्षित घाटों के निर्माण के लिए पत्र लिखा गया था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशान की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

बहरहाल, हर साल गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. जोकि गंगा घाट पर स्नान कर गंगा जल भरते हैं. इन क्षतिग्रस्त घाटों पर स्नान करने के दौरान श्रद्धालुओं को हमेशा जान का खतरा बना रहता हैं. अब एक बार फिर 25 दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और संबंधित विभाग घाटों की स्थिति सुधारने के लिए इस समयसीमा में क्या करिश्मा करता है.

उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा शुरू होने में अब मात्र 25 दिन रह गए हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा के लिए शासन प्रशासन हर प्रकार की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लाख दावे कर ले, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

गंगोत्री घाट.

बता दें कि गंगोत्री धाम में अभी तक गंगा और स्नान घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है. यहां क्षतिग्रस्त घाट की मरम्मत भी नहीं की गई है. प्रशासन कि ओर से पिछले साल सिंचाई विभाग ने करोड़ों का बजट लगाकर घाटों का मरम्मतीकरण किया था. लेकिन एक साल बाद भी गंगोत्री धाम में घाट क्षतिग्रस्त ही नजर आ रहे हैं. जिनके ढहने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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वहीं, साधु समाज ने 2 साल पहले शासन-प्रशासन से गंगोत्री में गंगा और स्नान घाटों के सुरक्षित निर्माण की मांग की थी. लेकिन प्रशासन और सिंचाई विभाग ने कुछ चेनों का जाल बिछाकर गंगोत्री के स्नान घाटों को सुरक्षित घाट की श्रेणी में खड़ा कर दिया. जिसके चलते कई श्रद्धालुओं को इन क्षतिग्रस्त घाटों पर अपनी जान गंवानी पड़ी.

गंगोत्री धाम के साधु समाज ने बताया कि 2 साल पहले शासन प्रशासन को गंगोत्री धाम में सुरक्षित घाटों के निर्माण के लिए पत्र लिखा गया था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशान की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

बहरहाल, हर साल गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. जोकि गंगा घाट पर स्नान कर गंगा जल भरते हैं. इन क्षतिग्रस्त घाटों पर स्नान करने के दौरान श्रद्धालुओं को हमेशा जान का खतरा बना रहता हैं. अब एक बार फिर 25 दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और संबंधित विभाग घाटों की स्थिति सुधारने के लिए इस समयसीमा में क्या करिश्मा करता है.

Intro:हेडलाइन- क्षतिग्रस्त गंगा घाट गंगोत्री (ग्राउंड रिपोर्ट)। Slug- Uk_uttarkashi_vipin negi_ ganga ghaat gngotri(ground report)_12 april 2019. नोट- इस खबर का एक विसुअल मेल से भेजा गया है। उत्तरकाशी। चारधाम को अब मात्र 25 दिन शेष रह गए हैं। हर वर्ष शासन प्रशासन चारधाम यात्रा में यात्रियों के लिए हर प्रकार की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के दावे करता है। लेकिन इन हवा-हवाई दावों को पोल खोल रही है, etv bharat की ग्राउंड रिपोर्ट। गंगोत्री धाम में अभी तक गंगा और स्नान घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है। क्षतिग्रस्त घाट कभी भी गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। प्रशासन कि और से गत वर्ष सिंचाई विभाग ने लाखों करोड़ों का बजट लगाकर घाटों का मरम्मतीकरण किया था। लेकिन एक वर्ष बाद भी गंगोत्री धाम में क्षतिग्रस्त घाट ही नजर आ रहे हैं। जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है। साधु समाज की और से 2 वर्ष पूर्व शासन प्रशासन को गंगोत्री में गंगा और स्नान घाटों के निर्माण और सुरक्षित करने की मांग की थी। लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया है।


Body:वीओ-2, गंगोत्री धाम का मुख्य गंगा और स्नान घाट करीब 600 से 700 मीटर के दायरे में फैला है। जो कि शासन प्रशासन और सिंचाई विभाग के लिए दुधारू गाय बनकर रह गया है। आपदा के दौरान गंगोत्री धाम में घाट क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिसके बाद सिंचाई विभाग ने करोड़ो का बजट खर्च कर घाटों के पुनर्निर्माण किया और साथ ही सुरक्षित घाटों की बात कही। लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आया। गंगोत्री धाम में अभी भी घाट क्षतिग्रस्त स्थिति में पड़े हुए हैं। यात्रा के और नजदीक आते ही प्रशासन और सिंचाई विभाग की और से फिर घाटों पर लिपापोती की जाएगी। जो कि हर वर्ष की भांति कुछ चेनों का जाल बिछाकर गंगोत्री में स्नान घाटों को सुरक्षित घाट की श्रेणी में खड़ा कर दिया जाएगा। यह हर वर्ष की बानगी है कि क्षतिग्रस्त घाटों पर श्रद्धालुओं को अपनी जान गवानी पड़ती है।


Conclusion:वीओ-2, गंगोत्री धाम के साधु समाज ने etv bharat को बताया कि 2 वर्ष पूर्व शासन प्रशासन को गंगोत्री धाम में सुरक्षित घाटों के निर्माण के लिए पत्राचार किया गया था। लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक आश्वासन के लिए एक अदद पत्र भी शासन प्रशासन की और से नहीं आया है। बता दें कि हर वर्ष गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। जो कि पूण्य प्राप्त करने के लिए गंगा घाट पर स्नान करते और जल भरते हैं। जिनकी जान के साथ हर वर्ष की भांति इस बार भी खिलवाड़ किया जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होता है कि 25 दिन के भीतर प्रशासन और सम्बन्धित सिंचाई विभाग घाटों की स्थिति सुधारने के लिए जादुई करिश्मा करता है। बाईट- सचिव साधु समाज,गंगोत्री धाम।
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