हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिए अयोध्या विवाद को सुलझाने की बात कही है. इसके लिए मध्यस्थों की एक कमेटी बनाई है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का योग गुरू बाबा रामदेव ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा हमे लगता था कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर पर फैसला देगा. जिससे जल्द ही मंदिर का निर्माण हो सकेगा. हमने इतने दिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया.
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इस बारे में बाबा रामदेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही कमेटी इस पर निर्णय लेगी. क्योंकि ये कोई जमीन से जुड़ा हुआ मुद्दा नहीं है, बल्कि ये जमीर से जुड़ा हुआ मसला है. ये टाइटल सूट नहीं है. ये भारत की आन-बान-शान, मर्यादा, सम्मान और स्वाभिमान के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है. हम कोई मक्का-मदीना या वेटिकन सिटी में राम मंदिर तो नहीं मांग रहे. अयोध्या जो राम की भूमि है, उसमें कहां विवाद है. लोग विवादित भूमि बोल कर गलत शब्द का प्रयोग करते है.
राम अयोध्या की भूमि है राष्ट्र अयोध्या की भूमि है. राम हिंदू-मुस्लिम समेत भारत में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हैं. इसलिए इस मुद्दे के ऊपर जल्दी से जल्दी निर्णय करना चाहिए. कोर्ट ने मध्यस्थों के ऊपर बात डाल दी है. अब इस मामले में मध्यस्थों की अहम भूमिका है. उनकी जिम्मेदारी बनती है कि इस पर कोई फैसला लें, क्योंकि अबतक बातें बहुत हुई हैं.
बता दें कि अयोध्या केस को निपटाने के लिए मध्यस्थों की जो कमेटी बनी है उनमें जस्टिस खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं. इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला होंगे. कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी.