पिथौरागढ़ः सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायतों की अहम बैठक हुई. जिसमें शादी समारोह में आयोजित होने वाले 17 कार्यक्रमों पर प्रस्ताव पारित किया गया. इसके तहत शादी समेत अन्य समारोह में शराब नहीं परोसी जाएगी. अगर कोई ऐसा करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. साथ ही 55000 हजार रुपए जुर्माना के तौर पर देना होगा. इसके अलावा बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है कि शादी समारोह में महिलाएं बारात में नहीं जाएंगी.
पुरानी परंपरा को जीवंत रखने की कवायदः दरअसल, पिथौरागढ़ के हिमालय क्षेत्र में बसे दूरस्थ नाबी, गुंजी, नपलच्यु, रोंगकोंग और कुटी ग्राम पंचायतों की एक अहम बैठक हुई. जिसमें सर्वसम्मति से 17 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. व्यास ऋषि मेला समिति के संरक्षक मदन नबियाल ने बनाया कि उच्च हिमालय क्षेत्र की अपनी पुरानी परंपरा हैं. जिसे जीवित रखना जरूरी है. ऐसे में ग्रामीणों ने शादियों में स्थानीय परंपरा के स्थान पर बाहरी परंपराओं का समावेश को खत्म करने का निर्णय लिया है.
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बारात में नहीं जाएंगी महिलाएं, शाम 5 बजे से पहले विदा होगी दुल्हनः बकायदा इसके लिए 5 ग्राम पंचायतों की ओर से सर्वसम्मति से बैठक में 17 प्रस्ताव पास किए गए हैं. जिसके तहत गांवों में होने वाली शादियों में अब महिला बाराती नजर नहीं आएंगी. बारात दुल्हन के घर से बारात शाम पांच बजे से पहले विदा हो जाएगी. बारात जाने वाले सभी बारातियों को पगड़ी पहनना अनिवार्य होगा.
नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ किया जाएगा सामाजिक बहिष्कारः वहीं, बैठक में समिति के सदस्यों ने कहा कि अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए विवाह के वर्तमान नियमों में बदलाव कर नई नियमावली बनाई गई है. उन्होंने ये भी कहा कि जुर्माना वसूलने वालों के साथ अभद्रता करने पर उस परिवार को पांच ग्राम पंचायत और व्यास ऋषि मेला समिति की ओर से सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.
एक अप्रैल से लागू होगा नियमः यह नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि बारात में महिलाओं के जाने पर साढ़े पांच हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी ग्राम सभा, युवक, युवती महिला मंगल दलों, सरपंच और समाज सेवकों की होगी.