भोपाल। केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी वत्सल भारत पर क्षेत्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने भोपाल पहुंची. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के पश्चिम बंगाल में किसानों के बीच जाने और वहां सक्रिय होने पर सवाल किया. ''जिस तरह से पश्चिम बंगाल के चुनाव में लोकतंत्र की हत्या होते हुए देखा जा रहा है, लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है. क्या उसी टीएमसी पार्टी के साथ गाँधी परिवार अब गठबंधन करने जा रहा हैं. कांग्रेस का यह खेला राहुल गांधी को क्या स्वीकार है.''
मोदी सरकार ने अनाथ बच्चों का उठाया बीड़ा: स्मृति ईरानी ने इस दौरान मंच से बताया कि ''यह कार्यक्रम देशभर में आयोजित किए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में राजस्थान और छत्तीसगढ़ के राज्यों का आयोजन था. भारत सरकार बच्चों के संरक्षण के लिए कई तरीके के कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इसमें पीएम केयर से अनाथ 4300 बच्चों को लाभ दिया गया. पीएम मोदी द्वारा 10 लाख की सहायता के साथ ही शिक्षा का बीड़ा भी उठाया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला बाल विकास एवं बच्चों की संरक्षण से जुड़े हुए बजट में 230% की वृद्धि की है.''
दुष्कर्म पीड़िताओं को संरक्षण देगी मोदी सरकार: बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर वत्सल भारत कार्यक्रम में देश के विभिन्न स्थानों पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 7 क्षेत्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया गया था. मध्य भारत क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन भोपाल के रविन्द्र भवन में केंद्रीय महिला बाल विकास एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की मौजूदगी में हुआ. मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि ''सरकार ने निर्णय लिया है कि जो लड़किया दुष्कर्म के मामले में 18 वर्ष से कम आयु की विक्टिम हैं, उनको 23 वर्ष की आयु तक सरकार संरक्षित करेगी. इनको सुविधा एवं ₹4000 मासिक, रहने, प्रशिक्षण और भोजन व्यवस्था की चिंता सरकार करेगी. इसके अलावा बॉर्डर पर बच्चों की तस्करी से जुड़े हुए मामलों में बेहतर प्रबंध के लिए सरकारों से प्रस्ताव बुलाए जा रहे हैं.''
बच्चों को गोद लेने वाले पालकों का सम्मान: कार्यक्रम में यहां उन माता-पिता और बच्चों का भी सम्मान किया गया जिनको बाल आयोग की योजना के तहत बच्चों को अडॉप्ट किया गया है. तीन परिवार यहां मौजूद रहे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही बच्चों को गो लिया था. इन सभी के बीच पहुंचकर स्मृति ईरानी ने माता-पिता को पुष्पगुच्छ भेंट किए और बच्चों को गोदी में लेकर उनको दुलार भी दिया. ऐसे माता-पिता की सराहना भी की.
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कार्यक्रम में बड़ी लापरवाही: स्मृति ईरानी ने कहा कि ''यह वह लोग हैं जिन्होंने समाज में दर्शाया है कि उन बच्चों को भी आप परिवार का हिस्सा बना सकते हैं, जिनका कोई नहीं होता.'' लेकिन यहां यह बात भी देखने को मिली कि जिन बच्चों को अडॉप्ट किया गया था उन्हें सार्वजनिक रूप से कैमरे के सामने ही दर्शा दिया गया. जबकि नियम अनुसार गोद लिए हुए बच्चों की गोपनीयता रखी जाती है. जिससे भविष्य में उनको कोई नुकसान ना हो और लोग उन्हें अडॉप्ट किया हुआ बच्चा ना बोल सके. इस मामले में मध्य प्रदेश बाल आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र मौर्य ने भी इसे कहीं ना कहीं गलती माना. उनका कहना था कि ''आगे से इस पर सुधार किया जाएगा.'' लेकिन सवाल यही उठता है कि इतने बड़े कार्यक्रम में आखिर यह लापरवाही कैसे हो गई.
क्या बोले बाल आयोग अध्यक्ष: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जानकारी देते हुए बताया कि ''क्षेत्रीय संगोष्ठी में किशोर न्याय अधिनियम नियमों में संशोधन, गोद लेने की प्रक्रियाओं पर इसके प्रभाव तथा बच्चों के हितों को सर्वोपरि रखने वाले समाज के निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा बीते वर्षों में बनायी गई नीतियों, कार्यक्रमों एवं नवाचारों संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाएगी.