शिमला: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे से सबक लेते हुए एनएचएआई ने हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन सुरंगों को लेकर एडवाइजरी जारी की है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के आदेश अनुसार कंपनियों को अब निर्माण के दौरान सुरंगों में दो अतिरिक्त पाइप लगाने की व्यवस्था करनी होगी. ताकि सुरंगों के हादसे के समय पैदा होने वाले हालातों से निपटा जा सके.
आपातकालीन समय में मजदूरों की बच सकेगी जान: आपातकालीन स्थिति में सुरंगों के अंदर फंसे लोगों को इन पाइपों के माध्यम से ही सांस लेने के लिए ऑक्सीजन और खाने के लिए खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाएंगे. ताकि टनल में फंसे लोगों को ऑक्सीजन और खाद्य पदार्थ के अभाव में जान न गंवानी पड़े. इसके अतिरिक्त कंपनियों को निर्माणाधीन टनल के अंदर एक इमरजेंसी डोर रखने के भी निर्देश जारी किए है. प्रदेश में मंडी, कुल्लू कांगड़ा, सोलन व शिमला में सड़क मार्ग की दूरी को कम करने के लिए कई सुरंगों का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
कंपनियों को वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन उपलब्ध करवाने के निर्देश: एनएचएआई ने कंपनियों को वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए. ताकि उत्तराखंड जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर इसका उपयोग किया जा सके. बता दे कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढहने से 41 मजदूर सुरंग में फंसे हैं. इनमें प्रदेश के मंडी जिले का श्रमिक भी शामिल हैं. ऐसे में आपातकालीन स्थिति में एनएचएआई की एडवाइजरी से बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती है.
किरतपुर-मनाली फोरलेन में 28 समानांतर सुरंगों का निर्माण: किरतपुर-मनाली फोरलेन में कुल 28 समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें कई सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसमें पंडोह बाइपास टकोली प्रोजेक्ट में कुल 8 टनलें बनकर तैयार हो गई हैं. इनमें से पांच में यातायात व्यवस्था भी सुचारू रूप से चल रही है. इन सुरंगों में खासतौर पर क्रॉस पैसेज की व्यवस्था की गई है कि ये समानांतर सुरंगे करीब 500 मीटर की दूरी पर आपस में जोड़ी गई हैं. ऐसे में आपातकालीन स्थिति में अंदर फंसे लोगों को टनल के अंदर से सुरक्षित बाहर निकलने में आसानी होगी.
सुरंग में मिट्टी घंसने से फंस गए थे तीन मजदूर: हिमाचल के बिलासपुर में 12 सितंबर 2015 को टिहरा में बन रही एक सुरंग में चट्टान और मिट्टी के धंसने से तीन मजदूर अंदर फंस गए थे. बिलासपुर में कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन हाईवे पर पनोह के पास करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का काम चल रहा था. 12 सितंबर को रात करीब साढ़े आठ बजे निर्माणाधीन टनल में मजदूरों की शिफ्ट बदल रही थी. इस दौरान टनल के अंदर कुल 16 मजदूर काम कर रहे थे. इनमें 13 लोग शिफ्ट बदलने पर सुरंग से बाहर निकल गए थे, लेकिन इससे पहले तीन मजदूर बाहर आते तभी टनल के अंदर ढ़ेर सारा मलबा गिर गया. इस हादसे में तीन मजदूर, सतीश कुमार, मनी राम और हृदय राम सुरंग के अंदर ही फंस गए थे. जिसमें नौ दिन बाद सतीश कुमार और मनी राम को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
एनएचएआई के परियोजना निदेशक वरुण चारी का कहना है कि "सुरंगों में होने वाले हादसों से निपटने के लिए सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें पाइप लाईन डाले जाने की भी एक व्यवस्था है. टनल निर्माण के दौरान तय मापदंडों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश भी जारी किए गए हैं."
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