मंडी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कयारा टनल में लैंडस्लाइड होने से उसमें फंसे 40 मजदूर पिछले पांच दिनों से फंसे हैं. अभी तक इन मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. इन फंसे हुए लोगों में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के बंगोट गांव का विशाल भी शामिल है. बेटे के टनल में फंसने की खबर मिलते ही परिवार में खलबली मच गई. विशाल की मां उर्मिला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी परिजन विशाल की सलामती की दुआ मांग रहे हैं.
उत्तरकाशी के टनल में मंडी का विशाल भी फंसा: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में विशाल के फंसे होने की खबर मिलते ही घर पर रिश्तेदारों के आने का सिलसिला जारी है. सभी लोग बस यही कामना कर रहे हैं कि विशाल किसी तरह सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक टनल से किसी को भी बाहर नहीं निकाला जा सकता है. जिससे परिजनों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. परिजनों से सरकार से मांग उठाई है कि राहत कार्यों में तेजी लाई जाए और अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए.
5 दिनों से टनल से लोगों को नहीं निकाला जा सका: विशाल के मामा परमदेव ने बताया कि उत्तरकाशी में विशाल का बड़ा भाई योगेश और पिता धर्म सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं. उनसे बात करके वहां की जानकारी ली जा रही है, लेकिन वहां पर भी लोगों को राहत कार्यों की ज्यादा जानकारी नहीं मिल रही है. इस कारण परिवार की चिंता और ज्यादा बढ़ रही है. एक बार विशाल से बात हुई थी, जिसमें उसने सुरक्षित होने की बात कही थी.
दोनों भाई एक ही प्रोजेक्ट में कर रहे हैं काम: विशाल और उसका बड़ा भाई योगेश इसी प्रोजेक्ट में एक साथ काम कर रहे हैं. दोनों ही भाई यहां पर मशीन ऑपरेटर हैं. विशाल दीपावली से पहले घर आया था और छुट्टी काटकर वापस काम पर लौटा था. वहीं, योगेश दीपावली के दौरान घर आया हुआ था, जैसे ही योगेश को इस हादसे की सूचना मिली तो वह तुरंत अपने पिता के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गया. तब से लेकर अब तक दोनों ही वहां पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. दोनों की विशाल से लगातार बातचीत हो रही है.
हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी: बता दें कि दिवाली की सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा निर्माणाधीन टनल के बीच में अचानक हुए भूंधसाव से भारी मात्रा मलबा आने से सुरंग का रास्ता बंद हो गया. जिसकी वजह से अंदर काम कर रहे 40 मजदूर टनल के भीतर ही फंस गए, जिन्हें 5 दिनों से निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इन मजदूरों को अंदर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. साथ खाना-पीने का सामान भी भेजा जा रहा है. शासन प्रशासन और सेना को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है. वहीं, आज वायुसेना के हरक्यूलिस विमान से लाई गई हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से सुरंग में रास्ता बनाने का काम चल रहा है. 5 दिन युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन का कार्य चल रहा है. फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. किसी भी वक्त इन मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है.