ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड में यूपी जैसा सख्त होगा धर्मांतरण कानून, सामूहिक धर्म परिवर्तन की सजा 10 साल

उत्तराखंड कैबिनेट ने धर्मांतरण कानून को संशोधित कर यूपी की तर्ज पर कठोर बनाने को मंजूरी दे दी है. विधानसभा से मंजूरी के बाद संशोधित धर्मांतरण कानून लागू हो जाएगा. धर्मांतरण के मामले में अब सजा बढ़ाकर 2 से 7 साल करने का प्रावधान किया गया है. सामूहिक धर्म परिवर्तन में सजा भी बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Nov 17, 2022, 8:41 AM IST

उत्तराखंड: बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून में संशोधन कर इसे उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सख्त किया जाएगा. उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून के संशोधन विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. आने वाले विधानसभा सत्र में इसे सदन में पेश किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून को पहले से अधिक सख्त बनाया गया है. इसमें खासतौर से सामूहिक धर्मांतरण पर सख्ती से कार्रवाई करने के मकसद से कई बदलाव किए गए हैं. एक तरह से उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून का रूप बिल्कुल उत्तर प्रदेश जैसा सख्त बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है.

बुधवार को कैबिनेट में पास हुए धर्मांतरण संशोधन विधेयक में कुछ मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं. इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस तरह से हैं-
ऐसा होगा उत्तराखंड का धर्मांतरण कानून

1.उत्तराखंड में भी उत्तर प्रदेश धर्मांतरण कानून की तर्ज पर एक सख्त धर्मांतरण कानून लाया जाएगा. इसके ज्यादातर नियम उत्तर प्रदेश धर्मांतरण कानून से मेल खाते हैं.
2.दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तन को सामूहिक धर्म परिवर्तन समझा जाएगा और यह भी इस कानून के तहत आयेगा जिसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
3.उत्तराखंड के धर्मांतरण विधेयक में अब तक 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान था. इसे बढ़ाकर 2 से 7 साल तक कर दिया गया है.
4.सामूहिक धर्म परिवर्तन की स्थिति में इस सजा को बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है. वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध की श्रेणी में माना गया है.
5.धर्म परिवर्तन के मामले में 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है. वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में यह आर्थिक दंड 50 हजार तक लगाया जा सकता है.
6.धर्म परिवर्तन करने की स्थिति में पहले 7 दिन पूर्व जिला मजिस्ट्रेट की उद्घोषणा अनिवार्य थी तो वहीं अब इसे कम से कम 1 माह पूर्व कर दिया गया है.

यूपी के धर्मांतरण कानून में ये है खास

1.धर्मांतरण में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को ‘अपराध’ की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है.
2.जुर्माने की राशि 15,000 रुपये से 50,000 रुपये तक है.
3.अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है.
4.कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है.
5.एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है.
6.जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50,000 रुपये है.
7.कानून के मुताबिक, यदि यह पाया जाता है कि विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दे दिया जाएगा.

उत्तराखंड: बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून में संशोधन कर इसे उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सख्त किया जाएगा. उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून के संशोधन विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. आने वाले विधानसभा सत्र में इसे सदन में पेश किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून को पहले से अधिक सख्त बनाया गया है. इसमें खासतौर से सामूहिक धर्मांतरण पर सख्ती से कार्रवाई करने के मकसद से कई बदलाव किए गए हैं. एक तरह से उत्तराखंड के धर्मांतरण कानून का रूप बिल्कुल उत्तर प्रदेश जैसा सख्त बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है.

बुधवार को कैबिनेट में पास हुए धर्मांतरण संशोधन विधेयक में कुछ मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं. इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस तरह से हैं-
ऐसा होगा उत्तराखंड का धर्मांतरण कानून

1.उत्तराखंड में भी उत्तर प्रदेश धर्मांतरण कानून की तर्ज पर एक सख्त धर्मांतरण कानून लाया जाएगा. इसके ज्यादातर नियम उत्तर प्रदेश धर्मांतरण कानून से मेल खाते हैं.
2.दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तन को सामूहिक धर्म परिवर्तन समझा जाएगा और यह भी इस कानून के तहत आयेगा जिसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
3.उत्तराखंड के धर्मांतरण विधेयक में अब तक 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान था. इसे बढ़ाकर 2 से 7 साल तक कर दिया गया है.
4.सामूहिक धर्म परिवर्तन की स्थिति में इस सजा को बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है. वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध की श्रेणी में माना गया है.
5.धर्म परिवर्तन के मामले में 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है. वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में यह आर्थिक दंड 50 हजार तक लगाया जा सकता है.
6.धर्म परिवर्तन करने की स्थिति में पहले 7 दिन पूर्व जिला मजिस्ट्रेट की उद्घोषणा अनिवार्य थी तो वहीं अब इसे कम से कम 1 माह पूर्व कर दिया गया है.

यूपी के धर्मांतरण कानून में ये है खास

1.धर्मांतरण में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को ‘अपराध’ की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है.
2.जुर्माने की राशि 15,000 रुपये से 50,000 रुपये तक है.
3.अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है.
4.कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है.
5.एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है.
6.जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50,000 रुपये है.
7.कानून के मुताबिक, यदि यह पाया जाता है कि विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दे दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.