देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी का चेटवुड भवन और यहां होने वाली गौरवशाली परेड चंदेल परिवार के लिए कोई नई बात नहीं है. ऐसा इसलिए, क्योंकि चंदेल परिवार की तीसरी पीढ़ी भारतीय सेना में अफसर के रूप में चयनित हुई है. आरएस चंदेल ने अपने परिवार की उस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है, जिसे उसके भाई और पिता ने बड़ी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाया था. परिवार के लिए यह पल जितना खुशी भरा था उतना ही भावुक भी था.
परिवार के लिए खुशी और भावुक का पल: अफसर आरएस चंदेल की मां ने ईटीवी भारत के साथ अनुभवों को साझा करते बताया कि यह पल बेहद खुशी भरा है. उन्हें इस बात पर गर्व भी है कि उनका बेटा अब देश सेवा के लिए सेना में शामिल हो गया है. यह उनके लिए बेहद भावुक पल भी है, क्योंकि वह बचपन से सैन्य परिवार का हिस्सा है. वो एक सैन्य अफसर की मां होने के साथ-साथ पत्नी, बेटी और बहु भी हैं. लिहाजा वो सेना को अच्छे से जानती है और इसकी जिम्मेदारियों को भी समझती हैं, लेकिन जब बात बेटे की आती है तो भावुक हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि घर में अनुशासन का माहौल बचपन से ही रहा है और अनुशासन होना बेहद जरूरी भी है, क्योंकि बिना अनुशासन के कोई भी ऊंचाइयों तक पहुंच नहीं सकता.
पूरे परिवार ने की है देश सेवा: आरएस चंदेल के पिता अनिल सिंह चंदेल ने बताया उनका परिवार देश सेवा से जुड़ा रहा है. उनके पिता 1963 में भारतीय सेना में शामिल हुए. 1989 में वह रिटायर हो गए थे. इससे ठीक 1 साल पहले 1988 में उन्होंने सेना में अफसर के रूप में जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद उनके बड़े बेटे मेजर वीएस चंदेल ने 2016 में सेना को ज्वाइन किया और आज उनका छोटा बेटा भी फौज का हिस्सा बन रहा है.
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युवाओं को कठिन परिश्रम करने की जरूरत: आरएस चंदेल ने बताया कि अकादमी में प्रशिक्षण बेहद मुश्किल होता है और ऐसा होना जरूरी भी है, क्योंकि यही प्रशिक्षण भविष्य में उन्हें तमाम चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा देता है. भावी पीढ़ी को वह मैसेज देते हुए कहते हैं कि उनके कई ऐसे साथी हैं, जो कई अटेम्प्ट देने के बाद इस मुकाम तक पहुंचे हैं. ऐसे में अगर वह इस मुकाम तक पहुंच सकते हैं, तो फिर आप क्यों नहीं.
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