देहरादून/काशीपुर (उत्तराखंड): मासिक धर्म को लेकर आज के इस आधुनिक युग में भी कई प्रकार की गलत धारणाएं, मिथक व प्रतिबंधात्मक प्रथाओं का उच्च प्रचलन है. भारत में स्कूल जाने वाली किशोरियों के बीच ये धारणाएं सबसे अधिक हैं. इसका असली कारण मासिक धर्म स्वास्थ्य संबंधी को लेकर उचित जागरुकता और ज्ञान की कमी है. समाज में मासिक धर्म के दौरान मंदिरों और रसोइयों से दूरी और छूआछूत इस ज्ञान की कमी को बढ़ावा देते हैं. लेकिन उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले जितेंद्र भट्ट ने अपने बेटी को इन भ्रांतियों से दूर रखने के लिए कुछ ऐसा किया, जो आज समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग उनके कदम की सराहना कर रहे हैं.
उत्तराखंड के जिले उधमसिंह नगर के काशीपुर के रहने वाले जितेंद्र भट्ट व उनकी पत्नी को जैसे ही पता चला कि बेटी को मासिक धर्म शुरू हो गए हैं तो उन्होंने बेटी को इस बारे में विस्तारपूर्वक बैठकर बताया. बेटी के पहले मासिक धर्म पर ना केवल उसका हौसला बढ़ाया, बल्कि समाज को इकठ्ठा कर समारोह का आयोजन किया. उन्होंने इस क्षण को केक काटकर सेलिब्रेट किया. जितेंद्र भट्ट ने बाकायदा फेसबुक पर भी लिखा...'बेटी बड़ी हो गई है'
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जितेंद्र भट्ट के इस पहल से न केवल उन्होंने बेटी को स्पेशल फील कराया बल्कि समाज को भी एक संदेश दिया कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अछूत माना जाना, रसोई और मंदिरों में जाने से रोका जाना गलत है. यह महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ा एक नेचुरल प्रोसेस है. जितेंद्र भट्ट के इस कदम को लोग खूब सराह रहे हैं. लोगों का कहना है कि जिस मुद्दे पर लोग खुलकर बात भी नहीं करते हैं, उस मुद्दे पर जितेंद्र भट्ट व उनकी पत्नी ने समाज को बड़ा संदेश दिया है.
वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत ने भी इस विषय पर अपने फेसबुक पोस्ट पर जिक्र किया है. उन्होंने लिखा, 'कुछ प्रदेशों में बहु के ससुराल में होने के दौरान पहले मासिक धर्म पर पूरे गांव में पार्टी दी जाती है. जमकर नाच गाना होता है, क्योंकि यही वो समय होता है जब एक महिला का मां बनने का सफर शुरू होता है'.
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