हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने शुक्रवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया. नए मेडिकल कॉलेज कामारेड्डी, करीमनगर, खम्मम, जयमशंकर भूपालपल्ली, कुंभिम आसिफाबाद, निर्मल, राजन्ना सिरिसिला, विकाराबाद और जनगामा जिलों में स्थित हैं. सरकार ने राज्य के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य घोषित किया है. इस अवसर पर राव ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने तेलंगाना में 34 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी थी, ऐसा देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है.
राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब 26 तक पहुंच गई है और अगले शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत तक आठ और कॉलेज खोले जाने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि 2014 में (जब तेलंगाना का गठन हुआ और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में आई) मेडिकल सीटों की संख्या केवल 2,850 थी और अब यह संख्या 8,515 है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष (सरकारी और निजी दोनों कॉलेजों को मिलाकर) आठ नए कॉलेजों के उद्घाटन के साथ राज्य में प्रति वर्ष 10,000 डॉक्टर बनेंगे.
राव ने कहा कि तेलंगाना सर्वांगीण विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि महबूबनगर जिला जो कभी अपने पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, वहां अब पांच मेडिकल कॉलेज होंगे. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को लगता है कि भविष्य में कोरोना वायरस जैसे वायरस उभर सकते हैं और मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली वाला कोई भी देश या राज्य ऐसी स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम होगा. उन्होंने जिक्र किया कि राज्य ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सफलताएं हासिल की हैं और तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य है जहां प्रति एक लाख आबादी पर 22 एमबीबीएस सीटें हैं. 2014 में राज्य के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या केवल 17,000 थी, जो अब बढ़कर 34,000 तक पहुंच गई है.
राव ने कहा कि यह संख्या जल्द ही 50,000 तक पहुंच जाएगी और अस्पतालों में सभी 50,000 बिस्तरों पर जल्द ही ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध होगी. किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तेलंगाना अब 500 टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव को हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के साथ-साथ पैरामेडिकल कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए नर्सिंग कॉलेज और संस्थान स्थापित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी संकेतकों के संबंध में नीति आयोग की रैंकिंग में तेलंगाना 2014 में 11वें स्थान पर था और अब वह तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. राव ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी चर्चा की, जिनमें ‘केसीआर किट’ और गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली पोषण किट भी शामिल है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में गिरावट आई है. इस मौके पर मुख्यमंत्री केसीआर के भतीजे एवं स्वास्थ्य मंत्री हरीश राव और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
मौके पर मंत्री हरीश राव ने कहा कि उनकी सरकार दूरदराज के इलाकों में गरीब छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से जिला सरकारी मेडिकल कॉलेज के सपने को साकार कर रही है. उन्होंने कहा कि अनाज उत्पादन में देश में पहले स्थान पर रहने वाला तेलंगाना डॉक्टर पैदा करने में भी शीर्ष पर होगा. उन्होंने कहा कि हम देश को दस हजार डॉक्टर देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिभावन छात्र जो टॉप रैंकिंग में नहीं आने के कारण मेडिकल कॉलेज में सीट हासिल नहीं कर पाते हैं उन्हें तेलंगाना सरकार की इस पहल से काफी राहत मिलेगी.
दूसरी ओर, मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने निर्मल जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि उद्घाटन के उपलक्ष्य में जिला केंद्र में समारोह आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहर के एनटीआर मिनी स्टेडियम से लेकर कॉलेज तक एक विशाल रैली का आयोजन किया जायेगा. बताया गया कि उद्घाटन समारोह आतिशबाजी के साथ भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा.
मेडिकल कॉलेजों ने तेलंगाना में एक क्रांति ला दी है. एक समय था, हम बात करते थे कि मेडिकल कॉलेज कहीं है. हर किसी को इलाज के लिए वारंगल जाना पड़ता था. लेकिन अब हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं. निर्मल, आसिफाबाद और आदिलाबाद जैसे जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं. मैं वास्तव में खुश हूं.
-इंद्रकरण रेड्डी, मंत्री
मंत्री इंद्रकरन रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर अब हर जिले को एक मेडिकल कॉलेज दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज के प्रथम वर्ष के लिए 100 सीटें स्वीकृत की गई हैं. जिनमें से 15 सीटें ऑल इंडिया (अखिल भारतीय) कोटा और 85 सीटें राज्य कोटा में आवंटित की गई हैं. यह बात सामने आई कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनने से यह शिक्षा गरीबों और मध्यम वर्ग को भी उपलब्ध होगी. प्रत्येक छात्र जो मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता है उसे इन अवसरों का लाभ होगा.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)