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बदरीनाथ विवाद पर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य, उत्तराखंड में शुरू हुआ विरोध, एक हुआ पक्ष-विपक्ष

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ पर दिये विवादित बयान की चौतरफा निंदा हो रही है. उत्तराखंड में भी इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है. भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को अस्वीकार्य बताया है. वहीं, बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें इलाज कराने की जरूरत है.

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बदरीनाथ विवाद पर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य
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Published : Jul 28, 2023, 5:53 PM IST

Updated : Jul 28, 2023, 10:18 PM IST

बदरीनाथ विवाद पर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य

देहरादून(उत्तराखंड): उत्तर प्रदेश में चल रहे ज्ञानवापी प्रकरण के बीच यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा अगर ज्ञानवापी मंदिर की पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो देश सभी हिंदू धार्मिक स्थलों की भी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा तमाम हिंदू धार्मिक स्थल, मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. यही नहीं, पूर्व मंत्री ने उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम मंदिर को भी 8वीं शताब्दी का मठ बताया. स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल के बाद उत्तराखंड में विरोध शुरू हो गया.

  • आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के…

    — Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) July 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है स्वामी प्रसाद मौर्य का पूरा बयान: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ धाम को लेकर विवादित बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा बदरीनाथ धाम की जांच कराई जाए तो वह एक बौद्ध मठ निकलेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बयान ज्ञानवापी में हो रही जांच को लेकर दिया है. ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा हिंदुओं ने भी बौद्ध मठों के ऊपर मंदिर बनाये हैं. बदरीनाथ भी उनमें से एक है.पूर्व मंत्री ने उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम मंदिर को भी 8वीं शताब्दी का मठ बताया.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ धाम

पढ़ें-बदरीधाम में कुछ ऐसा हुआ जिसे बताने से डर रहे धर्माधिकारी, कहा- कुछ बोलूंगा तो चली जाएगी नौकरी

आखिर क्या है बदरीनाथ धाम का इतिहास, क्या कहते हैं जानकार?: बदरीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में बदरीनाथ का वर्णन मिलता है. बदरीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि 8वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य ने बदरीनाथ मंदिर बनवाया था. वैदिक काल में भी बदरीनाथ मंदिर के मौजूद होने का जिक्र पुराणों में मिलता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले भगवान विष्णु की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्तिथ योग ध्यान बदरी मंदिर में प्रवास करती है. इसके साथ ही हर साल अप्रैल- मई महीने में पूरे विधिविधान के साथ ब्रह्म मूहर्त में बदरी विशाल के कपाट खोले जाते हैं.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
हिंदुओं की आस्था का केंद्र ही बदरीनाथ

पढ़ें- यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का उत्तराखंड में विरोध, सीएम धामी बोले- अपने नाम का तो ख्याल करो

स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब दें डिंपल यादव: स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बैकुंठ धाम उत्तराखंड में स्थापित है. बदरी विशाल की महिमा को लेकर पूरे विश्व के लोग आस्था- श्रद्धा रखते हैं. साथ ही, जिस स्वामी प्रसाद ने यह बयान दिया है उनके पार्टी के सर्वोच्च नेता अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, उत्तराखंड से ही ताल्लुक रखती हैं. ऐसे में वो प्रदेश की संस्कृति, बदरी धाम की महान परंपरा से खुद परिचित हैं. ऐसे में डिंपल यादव को इसका जवाब स्वामी प्रसाद मौर्य को देना चाहिए.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर सीएम धामी

पढ़ें- Treasure of Badrinath: 40 KG सोना… 31 क्विंटल चांदी, कहीं 'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना!

जिनको नहीं इतिहास का ज्ञान, वे न दें इस तरह का बयान: स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान के बाद बदरीनाथ धाम से जुड़े तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारी नाराज नजर आ रहे हैं. तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारियों ने सपा नेता से अपने इस बयान को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा जिनको इतिहास का ज्ञान नहीं है उनको इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारियों ने कहा पुराणों के अनुसार चारों युगों में बदरी विशाल का वर्णन है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें इलाज कराने की जरूरत है.

पढ़ें- Chardham Yatra: जोशीमठ प्रभावितों को बदरीनाथ यात्रा से उम्मीदें

स्वामी प्रसाद मौर्य पब्लिसिटी के लिए कर रहे बयानबाजी: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उत्तराखंड के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भी मोर्चा संभाला. सतपाल महाराज ने कहा बदरीनाथ मंदिर सनातन संस्कृति का प्राचीन मंदिर है. उन्होंने कहा बदरीनाथ मंदिर उस समय का है जब बौद्ध धर्म था ही नहीं. उन्होंने कहा तब महात्मा बुद्ध पैदा नहीं हुए थे. बदरी विशाल मंदिर सतयुग काल का माना जाता है. ऐसे में ये बौद्ध मठ हो ही नहीं सकता. सतपाल महाराज ने कहा इतना जरूर है कि यहां आक्रमण होते रहे हैं. तमाम मंदिरो में बुद्ध की मूर्ति रखी गई. महाराज ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं.

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बदरीनाथ विवाद पर सतपाल महाराज

पढ़ें-बदरीनाथ में बाल लीला करते नजर आये धीरेंद्र शास्त्री, खाप चौक बाबा से भी की मुलाकात

धार्मिक मान्यता और संस्कृति पर कुठराघात करता है बयान: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी पलटवार किया है. अजेंद्र अजय ने कहा यह सपा नेता के मानसिक दिवालियापन का धोतक है. बदरीनाथ का हमारे शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. बदरीनाथ की बड़ी मान्यता रही है. ऐसे में सपा नेता का यह बयान बताता है कि उनकी नीति हिंदू विरोधी रही है. उन्होंने कहा समाजवादी नेताओं का चरित्र हमेशा से ही हिंदुओ की परंपरा के खिलाफ रहा है. वे धार्मिक मान्यता और संस्कृति पर कुठराघात करते हैं.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर अजेंद्र अजेय का बयान

पढ़ें- बदरीनाथ धाम में आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे डरे हुए हैं धर्माधिकारी ?

हिंदू धर्म ग्रंथों का अध्ययन करें स्वामी प्रसाद मौर्य: स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर जहां एक ओर धाम के तीर्थपुरोहित और भाजपा सरकार ने हमला बोला है, वहीं, कांग्रेस भी मौर्य के बयान को अस्वीकार्य बता रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा स्वामी प्रसाद मौर्य को हिंदू धर्म ग्रंथों के अध्ययन करना चाहिए. उन्होंने कहा है स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा

बदरीनाथ विवाद पर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य

देहरादून(उत्तराखंड): उत्तर प्रदेश में चल रहे ज्ञानवापी प्रकरण के बीच यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा अगर ज्ञानवापी मंदिर की पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो देश सभी हिंदू धार्मिक स्थलों की भी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा तमाम हिंदू धार्मिक स्थल, मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. यही नहीं, पूर्व मंत्री ने उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम मंदिर को भी 8वीं शताब्दी का मठ बताया. स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल के बाद उत्तराखंड में विरोध शुरू हो गया.

  • आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के…

    — Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) July 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है स्वामी प्रसाद मौर्य का पूरा बयान: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ धाम को लेकर विवादित बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा बदरीनाथ धाम की जांच कराई जाए तो वह एक बौद्ध मठ निकलेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बयान ज्ञानवापी में हो रही जांच को लेकर दिया है. ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा हिंदुओं ने भी बौद्ध मठों के ऊपर मंदिर बनाये हैं. बदरीनाथ भी उनमें से एक है.पूर्व मंत्री ने उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम मंदिर को भी 8वीं शताब्दी का मठ बताया.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ धाम

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आखिर क्या है बदरीनाथ धाम का इतिहास, क्या कहते हैं जानकार?: बदरीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में बदरीनाथ का वर्णन मिलता है. बदरीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि 8वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य ने बदरीनाथ मंदिर बनवाया था. वैदिक काल में भी बदरीनाथ मंदिर के मौजूद होने का जिक्र पुराणों में मिलता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले भगवान विष्णु की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्तिथ योग ध्यान बदरी मंदिर में प्रवास करती है. इसके साथ ही हर साल अप्रैल- मई महीने में पूरे विधिविधान के साथ ब्रह्म मूहर्त में बदरी विशाल के कपाट खोले जाते हैं.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
हिंदुओं की आस्था का केंद्र ही बदरीनाथ

पढ़ें- यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का उत्तराखंड में विरोध, सीएम धामी बोले- अपने नाम का तो ख्याल करो

स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब दें डिंपल यादव: स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बैकुंठ धाम उत्तराखंड में स्थापित है. बदरी विशाल की महिमा को लेकर पूरे विश्व के लोग आस्था- श्रद्धा रखते हैं. साथ ही, जिस स्वामी प्रसाद ने यह बयान दिया है उनके पार्टी के सर्वोच्च नेता अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, उत्तराखंड से ही ताल्लुक रखती हैं. ऐसे में वो प्रदेश की संस्कृति, बदरी धाम की महान परंपरा से खुद परिचित हैं. ऐसे में डिंपल यादव को इसका जवाब स्वामी प्रसाद मौर्य को देना चाहिए.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर सीएम धामी

पढ़ें- Treasure of Badrinath: 40 KG सोना… 31 क्विंटल चांदी, कहीं 'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना!

जिनको नहीं इतिहास का ज्ञान, वे न दें इस तरह का बयान: स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान के बाद बदरीनाथ धाम से जुड़े तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारी नाराज नजर आ रहे हैं. तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारियों ने सपा नेता से अपने इस बयान को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा जिनको इतिहास का ज्ञान नहीं है उनको इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारियों ने कहा पुराणों के अनुसार चारों युगों में बदरी विशाल का वर्णन है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्हें इलाज कराने की जरूरत है.

पढ़ें- Chardham Yatra: जोशीमठ प्रभावितों को बदरीनाथ यात्रा से उम्मीदें

स्वामी प्रसाद मौर्य पब्लिसिटी के लिए कर रहे बयानबाजी: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उत्तराखंड के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भी मोर्चा संभाला. सतपाल महाराज ने कहा बदरीनाथ मंदिर सनातन संस्कृति का प्राचीन मंदिर है. उन्होंने कहा बदरीनाथ मंदिर उस समय का है जब बौद्ध धर्म था ही नहीं. उन्होंने कहा तब महात्मा बुद्ध पैदा नहीं हुए थे. बदरी विशाल मंदिर सतयुग काल का माना जाता है. ऐसे में ये बौद्ध मठ हो ही नहीं सकता. सतपाल महाराज ने कहा इतना जरूर है कि यहां आक्रमण होते रहे हैं. तमाम मंदिरो में बुद्ध की मूर्ति रखी गई. महाराज ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं.

191221Badrinath controversy Swami Prasad Maurya44
बदरीनाथ विवाद पर सतपाल महाराज

पढ़ें-बदरीनाथ में बाल लीला करते नजर आये धीरेंद्र शास्त्री, खाप चौक बाबा से भी की मुलाकात

धार्मिक मान्यता और संस्कृति पर कुठराघात करता है बयान: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भी पलटवार किया है. अजेंद्र अजय ने कहा यह सपा नेता के मानसिक दिवालियापन का धोतक है. बदरीनाथ का हमारे शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. बदरीनाथ की बड़ी मान्यता रही है. ऐसे में सपा नेता का यह बयान बताता है कि उनकी नीति हिंदू विरोधी रही है. उन्होंने कहा समाजवादी नेताओं का चरित्र हमेशा से ही हिंदुओ की परंपरा के खिलाफ रहा है. वे धार्मिक मान्यता और संस्कृति पर कुठराघात करते हैं.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर अजेंद्र अजेय का बयान

पढ़ें- बदरीनाथ धाम में आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे डरे हुए हैं धर्माधिकारी ?

हिंदू धर्म ग्रंथों का अध्ययन करें स्वामी प्रसाद मौर्य: स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर जहां एक ओर धाम के तीर्थपुरोहित और भाजपा सरकार ने हमला बोला है, वहीं, कांग्रेस भी मौर्य के बयान को अस्वीकार्य बता रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा स्वामी प्रसाद मौर्य को हिंदू धर्म ग्रंथों के अध्ययन करना चाहिए. उन्होंने कहा है स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है.

Badrinath controversy Swami Prasad Maurya
बदरीनाथ विवाद पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा
Last Updated : Jul 28, 2023, 10:18 PM IST
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