उत्तरकाशीः गौमुख तपोवन ट्रेक में फंसे 7 सदस्यीय ट्रेकिंग दल का एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर लिया है. मौसम खराब होने की वजह से सभी बीच रास्ते में ही फंस गए थे. जिसमें एक गाइड, 3 ट्रेकर और 3 पोर्टर शामिल थे. एसडीआरएफ की टीम ने करीब 24 किलोमीटर पैदल चलकर ट्रेकरों को खोज निकाला, फिर रेस्क्यू को अंजाम दिया. उन्हें बीती देर रात गंगोत्री लाया है. वहीं, इस मामले में पर्यटन विभाग ने ट्रेकर्स को तपोवन ले जाने वाली ट्रेकिंग एजेंसी से 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. स्पष्टीकरण न मिलने पर पंजीकरण निरस्त करने की चेतावनी दी है.
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उत्तरकाशी में गंगोत्री से तपोवन की ओर जाते समय मौसम खराब होने से 07 सदस्यीय ट्रैकर दल के फँसने पर SDRF टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अत्यधिक विषम मौसम व परिस्थितियों के बीच 24 किमी पैदल चलकर उक्त ट्रैकर ग्रुप को ढूंढ निकाला व सुरक्षित रेस्क्यू कर सकुशल गंगोत्री पहुँचाया। pic.twitter.com/tn5Bm7oKqN
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उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बीती 30 मई को वृंदावन और देहरादून के तीन ट्रेकर्स एक ट्रेकिंग एजेंसी के माध्यम से गंगोत्री से तपोवन गए थे. इसमें राहुल चंदेल, देवेश कुमार तोमर और मनमोहन तोमर ट्रेकर्स शामिल थे. इसके अलावा उनके साथ एक गाइड और तीन पोर्टर भी गए थे. बीते बुधवार को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ज्यादा बर्फबारी होने के कारण सभी अपने टेंट में थे, लेकिन पहली बार ट्रेकिंग पर गए यह तीनों युवक घबरा गए.
उन्होंने वॉकी टॉकी के माध्यम से सरकार और जिला प्रशासन से हेलीकॉप्टर सेवा की मांग की. सूचना मिलने पर एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम तपोवन के लिए रवाना हुई. जहां से एसडीआरएफ की टीम ने विषम मौसम और परिस्थितियों के बीच ट्रेकर ग्रुप को खोज निकाला. जिसके बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर गंगोत्री पहुंचाया.
इस मामले में जिला पर्यटन विभाग ने स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी मांउटेन हाईकर्स की गलती मानते हुए 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. जिला पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल चौहान ने कहा कि कोई भी ट्रेकिंग एजेंसी जब भी किसी ट्रेकर्स और पर्यटक को ट्रेकिंग या पर्वतारोहण पर ले जाती है तो उसकी जिम्मेदारी होती है कि उनके साथ अनुभवी गाइड व ट्रेकिंग के कर्मचारी भेजे जाएं.
उन्होंने बताया कि इस मामले में पाया गया कि ट्रेकिंग एजेंसी अपने ट्रेकर्स को सभी सुविधाएं प्रदान नहीं कर पाई. जिस कारण उन्हें समुद्रतल से करीब 4 हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर बर्फबारी के बीच डर का सामना करना पड़ा. एजेंसी से गाइड समेत पोर्टरों के प्रशिक्षण दस्तावेजों के साथ 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है. अगर तय समय पर स्पष्टीकरण नहीं मिला तो एजेंसी का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है.