हरिद्वार (उत्तराखंड): भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' के विवादित डायलॉग्स का मामला बढ़ता ही जा रहा है. विवाद सोशल मीडिया से निकलकर अब सड़कों पर पहुंच चुका है. फिल्म के विवादित डायलॉग्स लिखने के लिए फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर की कड़ी आलोचना की जा रही है. हरिद्वार के संत समाज ने भी फिल्म की जमकर आचोलना की है. संत समाज ने फिल्म को हिंदू धर्म के खिलाफ षड्यंत्र करार दे दिया है. साथ ही दर्शकों से फिल्म को ना देखने की अपील की है. संतों का कहना है कि इस फिल्म को हिंदू धर्म के प्रति षड्यंत्र के तहत बनाया गया है जिसे तत्काल सरकार द्वारा बैन लगाना चाहिए.
साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि हिंदू धर्म के प्रति लगातार बॉलीवुड के माध्यम से षड्यंत्र रचने का काम किया जा रहा है. इससे पहले भी कई फिल्मों में हिंदू धर्म का मजाक बनाया गया और अब हमारे भगवानों को भी बख्शा नहीं जा रहा. यह फिल्म (आदिपुरुष) बनाने वाले और कोई नहीं बल्कि हिंदू लोग हैं, जो अपने धर्म का मजाक बना रहे हैं.
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काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने फिल्म 'आदिपुरुष' का विरोध करते हुए कहा कि यह फिल्म एक षड्यंत्र के तहत बनाई गई है. इसमें हिंदू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है. वह भी ऐसे समय में जब राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में इस फिल्म को एक षड्यंत्र के तहत बनाया गया है जिससे हमारे भगवान श्री राम और हनुमान की छवि खराब की जा सके. उन्होंने कहा कि काली सेना इस फिल्म का पुरजोर विरोध करेगी. साथ ही उन्होंने आमजन से फिल्म को ना देखने की अपील की है.
बड़ा उदासीन अखाड़े के संत गोविंद दास ने भी फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक समय हुआ करता था, जब रामानंद सागर की रामायण को सब एक साथ बैठकर देखा करते थे. रामायण में हमारे धर्म को एक मर्यादित और व्यवस्थित ढंग से दिखाया गया था. आज उसी रामायण की छवि को धूमिल करने के लिए इस फिल्म को बनाया गया है और हमारे हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया गया है.
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