कीव: परमाणु खतरे की आशंका के बीच रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब अपने छठे दिन में प्रवेश कर चुकी है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीयों को आज तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दी है. जानकारी के मुताबिक रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर बमबारी कर रही है. खारकीव में भी हालात काफी खराब हो चुके हैं. वहां जीने और जंग जीतने के लिए संघर्ष जारी है. रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर सोमवार को बमबारी की.
रूसी तोपों द्वारा खारकीव और कीव के बीच सुमी प्रांत के ओखतिरका में एक सैन्य अड्डे पर किए गए हमले में 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो गई है. सुमी प्रांत के गवर्नर दमित्रो झिवित्स्की ने ‘टेलीग्राम’ पर यह जानकारी दी. उन्होंने जली हुई चार मंजिला इमारत और मलबे में लोगों की तलाश करते बचावकर्मियों की तस्वीरें पोस्ट कीं. बाद में उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि रविवार को युद्ध के दौरान कई रूसी सैनिक और कई स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई. इस रिपोर्ट की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई है.
इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है और करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं. वहीं, युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे की दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है.
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Advisory to Indians in Kyiv
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All Indian nationals including students are advised to leave Kyiv urgently today. Preferably by available trains or through any other means available.
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सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन में मकान-इमारत जलती हुई दिखीं. यूक्रेन में कई इलाकों में हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया है. रूस ने यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. रूस ने खारकीव और कीव के बीच यह हमला किया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो इसमें 70 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि बमबारी में वृद्धि केवल उनपर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है. उन्होंने सोमवार को देर रात जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘‘रूस इन आसान तरीकों से (यूक्रेन पर) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. जेलेंस्की ने हालांकि दिन में दोनों पक्ष के बीच हुई लंबी वार्ता की जानकारी नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि कीव कोई रियायत देने को तैयार नहीं है, वह भी तब जब एक ओर रॉकेट और तोप से हमले किए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि गत पांच दिन से जारी युद्ध से रूस अलग-थलग पड़ता जा रहा है जबकि यूक्रेन से भी उसे अप्रत्याशित रूप से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा रहा है. घरेलू स्तर पर रूस को आर्थिक रूप से भी झटका लगा है. बेलारूस की सीमा पर सोमवार को जब रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता हो रही तब कीव में धमाके सुनाई दे रहे थे और रूसी सैनिक 30 लाख की आबादी वाली यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहे थे. मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा उपलब्ध कराई गई उपग्रह तस्वीरों के मुताबिक बख्तरबंद गाड़ियों, टैंक, तोप और अन्य सहायक वाहनों का काफिला शहर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर हैं और इसकी लंबाई करीब 40 मील है.
जेलेंस्की ने कहा, रूसियों के लिए कीव मुख्य लक्ष्य है. उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारे देश की राष्ट्रीयता को खंडित करना चाहते हैं और इसलिए राजधानी लगातार खतरे में है. यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े और करीब 15 लाख आबादी वाले शहर खारकीव से आए वीडियो में दिख रहा है कि रिहायशी इलाकों में बमबारी हो रही है. जोरदार धमाकों से लगातार अपार्टमेंट इमारतों में कंपन हो रहा है और आसमान में आग और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है. खारकीव के अधिकारियों ने बताया कि हमले में सात लोगों की मौत हुई है और दर्जनों अन्य घायल हुए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
वहीं, रूसी सेना ने घरों, स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की कई तस्वीरें सामने आने के बावजूद रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने से इंकार किया है. यूक्रेन के अन्य शहरों और कस्बों में भी लड़ाई चल रही है. जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी अरेस्टोविच ने बताया कि रणनीति रूप से अहम और अजोव सागर के किनारे स्थित बंदरगाह शहर मारियुपोल की स्थिति ‘अधर में’ है. पूर्वी शहर समी के तेल डिपो पर बमबारी की भी खबर है.
सोमवार को कीव में तनावपूर्ण शांति रही एवं पूर्वी यूक्रेन के शहरों में धमाकों एवं गोलीबारी सुनाई दी है जिसकी दहशत से यूक्रेनी परिवार आश्रयों व बेसमेंट में सिमटे हुए हैं. यूक्रेन के सैनिकों के पास हथियारों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन दृढ़ इरादों से लबरेज इन सैनिकों ने फिलहाल, राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों में रूसी सैनिकों के हमलों की रफ्तार थाम ली है.
वहीं यूक्रेनी सैनिकों से मिल रहे कड़े प्रतिरोध और विनाशकारी प्रतिबंधों से तिलमिलाए रूसी राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन(Vladimir Putin) ने रूस के परमाणु बलों को हाईअलर्ट पर रहने का आदेश दिया है.एक तरफ कीव ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि मॉस्को उसके खिलाफ जारी आक्रामकता को रोके, तो दूसरी तरफ, रूस ने जोर दिया कि उसने शत्रुता की शुरुआत नहीं की और वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है.यूएनजीए के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को 193 सदस्यीय निकाय के यूक्रेन पर आपातकालीन विशेष सत्र की अध्यक्षता की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र (76th session of the United Nations General Assembly) के दौरान यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लिट्सिया ने रूसी भाषा में अपना बयान पढ़ा. उन्होंने कहा कि महासभा को वैश्विक सुरक्षा पर मंडराते खतरे के मद्देनजर यह आपातकालीन सत्र बुलाना पड़ा. सर्गेई ने कहा कि महासभा को स्पष्ट तौर पर रूस को अपनी आक्रामकता को रोकने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस को बिना किसी शर्त तत्काल यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेना को हटाना चाहिए. सर्गेई ने कहा, 'अगर यूक्रेन नहीं बचता, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा. इसे लेकर कोई भ्रम नहीं रहे... अब हम यूक्रेन को बचा सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र और लोकतंत्र को बचा सकते हैं.
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वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत वसीली नेबेंजिया ने यूक्रेनी दूत के बाद अपने संबोधन में कहा कि 'मौजूदा संकट की जड़' यूक्रेन द्वारा किए गए कार्यों में ही निहित है. नेबेंजिया ने कहा, ' मैं यह बताना चाहता हूं कि रूस ने शत्रुता की शुरुआत नहीं की थी। यूक्रेन द्वारा अपने ही निवासियों, डोनबास के निवासियों और उन सभी लोगों के खिलाफ शत्रुता शुरू की गई, जो असंतुष्ट हैं. रूस इस युद्ध को खत्म करना चाहता है.