चमोलीः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर बीते साल दरार देखने को मिली थी. जिसने सरकार की टेंशन बढ़ा दी थी. इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने निरीक्षण कर दरार से मंदिर को कोई खतरा न होने की बात कही थी. हाल ही में बदरीनाथ धाम में चल रहे मास्टर प्लान के कार्यों के बीच सिंह द्वार में बामणी गांव की तरफ हल्की दरारें आने की बात सामने आई. ऐसे में बीती 10 अगस्त से भारतीय पुरातत्व विभाग ने दरार वाले भाग में रिपेयरिंग करना शुरू किया, जिसका काम पूरा हो गया है. एएसआई की मानें तो अब दरार से कोई खतरा नहीं है.
बदरी केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बताया कि बीते साल बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार के बायीं तरफ हल्की दरारें देखी गई थी. जिसके बाद एएसआई की ओर से दरारों का सर्वेक्षण किया गया था. जिसके तहत एएसआई ने दरारों के फैलाव का पता लगाने के लिए दरारों पर क्रेकोमीटर लगाए थे, लेकिन एक साल तक भी दरारों पर फैलाव न होने पर एएसआई ने दरारों का मरम्मतीकरण का काम किसी कॉन्ट्रैक्टर को दे दिया. जिसके बाद मंदिर में दरारों को ठीक कर दिया गया है. एएसआई की मानें तो अब मंदिर पर किसी भी तरह की खतरे की बात नहीं हैं.
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वहीं, बीकेटीसी का कहना है कि बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नई दरार नहीं देखी गई है और न ही बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू धंसाव हो रहा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आई हल्की दरारों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में कोई भी नई दरार नहीं दिखी है. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ की मानें तो दरार के ट्रीटमेंट कार्य के तहत पहले चरण में सिंह द्वार के दायीं ओर काम किया जा चुका है. अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है. सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा. अब कोई खतरने वाली बात नहीं है.
मई-जून 2022 में सिंह द्वार में देखी गई थी दरारः गौर हो कि बीते साल जून 2022 महीने में बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में दरार सामने आई थी. जिसने सरकार की नींद उड़ा दी थी. मामला सामने आने के बाद बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आई हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था. इसके बाद शासन ने एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा.
इसी कड़ी में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी. जबकि, अक्टूबर 2022 में एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स की. ताकि, यह पता लगाया जा सके कि दरारें कितनी चौड़ी हुई है? वहीं, 9 अगस्त 2023 को ग्लास टाइल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया. तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं आंका गया. इसके बाद एएसआई ने कहा कि दरारों से कोई खतरा नहीं है.
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