मुजफ्फरनगर: चर्चित रामपुर तिराहा कांड के मामले में प्रदेश के पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए. इसके चलते कोर्ट ने सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तिथि तय की है. इस मामले में कोर्ट पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास को दो बार समन जारी कर चुका है. इसके बाद भी बुधवार को दीप्ती विलास कोर्ट में गवाही के लिए पेश नहीं हुए.
एक अक्टूबर 1994 को हुआ था रामपुर तिराहा कांडः पृथक राज्य गठन की मांग को लेकर देहरादून और उसके आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में तीन दशक पहले आंदोलन शुरू हुआ था. इसमें राज्य गठन की मांग को लेकर सैकड़ों आंदोलनकारियों ने कार और बसों में सवार होकर दिल्ली के लिए कूच किया था. एक अक्टूबर 1994 की शाम को आंदोलनकारियों की बसों को मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया था.
आंदोलकारियों और पुलिस के बीच हुई थी तीखी झड़पः फिर देर रात पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई थी. इसमें फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. साथ ही आंदोलनकारी कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप भी पुलिस पर लगाए गए थे और इसमें हाईकोर्ट के आदेश पर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना सीबीआई ने की थी. दुष्कर्म को लेकर सरकार बनाम मिलाप सिंह और सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी के मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या सात शक्ति सिंह की कोर्ट में ट्रांसफर हुई थी.
पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास को कोर्ट ने दो बार जारी किया था समनः सरकार बनाम मिलाप सिंह मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई होनी थी. इसमें गवाही के लिए प्रदेश के पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास को समन किया गया था. दूसरी बार समन किये जाने के बावजूद पूर्व गृह सचिव कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए है और इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 19 सितंबर नियत कि है.