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बिहार में गजब घोटाला : रेलवे का इंजीनियर 'नटवर लाल', बेच दिया ट्रेन का इंजन - समस्तीपुर लोको डीजल शेड

समस्तीपुर लोको डीजल शेड के एक इंजीनियर ने पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन (Purnia Railway Court Station) के पास खड़े एक पुराने वाष्प इंजन को ही बेच डाला. मामले के खुलासे के बाद इंजीनियर, एक हेल्पर और दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है.

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Published : Dec 20, 2021, 6:50 PM IST

पूर्णिया : बिहार के समस्तीपुर लोको डीजल शेड (Samastipur Loco Diesel Shed) के इंजीनियर द्वारा पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास रखे एक पुराने वाष्प इंजन को बेचने (Railway Engineer Sold Rail Engine In Purnea) का मामला सामने आया है. जहां इंजीनियर ने एक पुराना इंजन स्क्रैप माफिया के हाथ बेच दिया. बाद में एक सिपाही की शिकायत पर रेलवे पुलिस की जांच में इस मामले का खुलासा हुआ.

इंजीनियर का नाम राजीव रंजन झा है, जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना इंजन स्क्रैप माफिया के हाथ बेच दिया. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. वहीं इस मामले की जानकारी पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर काम कर रहे कर्मचारी और सहायक स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ को दी. जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू की गई और पूरे मामले का खुलासा हो गया.

बिहार में गजब घोटाला

मामला उजागर होने के बाद से फरार चल रहे इंजीनियर आरआर झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. उधर, डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर और हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि पहले पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन से गुजरने वाली छोटी लाइन पर वाष्प इंजन चलता था. कुछ वर्ष पूर्व स्टेशन का विकास हुआ और छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदल दी गई, उसी वक्त से एक पुराना वाष्प इंजन रेलवे कोर्ट स्टेशन परिसर के पास रखा हुआ था.

पढ़ेंः बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर 'उलझी दोस्ती', JDU सांसद ने BJP नेताओं को बताया नासमझ

पूर्णिया : बिहार के समस्तीपुर लोको डीजल शेड (Samastipur Loco Diesel Shed) के इंजीनियर द्वारा पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन के पास रखे एक पुराने वाष्प इंजन को बेचने (Railway Engineer Sold Rail Engine In Purnea) का मामला सामने आया है. जहां इंजीनियर ने एक पुराना इंजन स्क्रैप माफिया के हाथ बेच दिया. बाद में एक सिपाही की शिकायत पर रेलवे पुलिस की जांच में इस मामले का खुलासा हुआ.

इंजीनियर का नाम राजीव रंजन झा है, जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना इंजन स्क्रैप माफिया के हाथ बेच दिया. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. वहीं इस मामले की जानकारी पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर काम कर रहे कर्मचारी और सहायक स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ को दी. जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू की गई और पूरे मामले का खुलासा हो गया.

बिहार में गजब घोटाला

मामला उजागर होने के बाद से फरार चल रहे इंजीनियर आरआर झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. उधर, डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर और हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि पहले पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन से गुजरने वाली छोटी लाइन पर वाष्प इंजन चलता था. कुछ वर्ष पूर्व स्टेशन का विकास हुआ और छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदल दी गई, उसी वक्त से एक पुराना वाष्प इंजन रेलवे कोर्ट स्टेशन परिसर के पास रखा हुआ था.

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