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बिना अंदर गए खाइये जेल की रोटी! 70 रुपए में भरपेट खाना, पैक कराकर घर भी ले जा सकेंगे

कानपुर जिला जेल के बाहर कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू हुई है. इस कैंटीन में आम लोगों को वो सबकुछ मिलेगा जो उन्हें बाहर की कैंटीन में मिलता है. कैंटीन में पैकिंग की भी सुविधा मिलेगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 11, 2023, 12:55 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 5:30 PM IST

कानपुर जिला जेल के बाहर कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू हुई है.

कानपुर: योगी सरकार में जहां अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जो कैदी जेल में बंद हैं उनकी मनोदशा को बदलने के लिए कई कवायदें की जा रही हैं. इसी कड़ी में कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू की गई है. इस कैंटीन का लाभ आम जनता को मिलेगा. बिना जेल के अंदर जाए आम लोग इन कैदियों के हाथों बनाया गया खाना खा सकेंगे. इसके दाम भी काफी वाजिब रखे गए हैं. महज 70 रुपए में आम लोगों को भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, दस रुपए में चाय दी जाएगी. इस कैंटीन को शुरू कराने के लिए डीएम कानपुर विशाख जी विशेष फंड जारी किया है. बताया गया कि कैंटीन में पहले चरण में दस कैदियों और सजा पूरी कर चुके कैदियों को लगाया गया है. डिमांड बढ़ने पर स्टाफ को बढ़ाया जाएगा. बताया गया कि कैंटीन में लोगों को पैकिंग की भी सुविधा दी जाएगी.

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कैंटीन के शुभारंभ पर सांसद सत्यदेव पचौरी व डीएम विशाख जी.

इस बारे में जेल अधीक्षक डॉ.बीडी पांडेय ने बताया कि जब कैदी जेल में आता है तो उसका मन डर से भरा होता है. कई ऐसे कैदी भी होते हैं जिनका दोबारा अपराध करने का मन करता है, और वह नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं. जब कैदियों को यह समझाया जाएगा, कि उन्हें सरकार एक मौका दे रही है खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए तो निश्चित तौर पर बदलाव देखने को मिलेंगे. डा.बीडी पांडेय ने कहा कि कैंटीन से जो कमाई होगी उसका कुछ हिस्सा जहां पारिश्रमिक के तौर पर कैदियों को मिलेगा तो वहीं कुछ राशि जेल प्रशासन समिति को दी जाएगी जिससे भविष्य में और अधिक सुधार किए जा सकें.

इस बारे में डीएम विशाख जी ने कहा कि हमारे पास एक क्रिटिकल गैप फंड होता है. उसी फंड से यह कैंटीन शुरू कराई गई है. हमारा उद्देश्य है कि यह पहल पूरे सूबे के लिए एक नजीर बने जबकि कैदियों के बीच भी यह संदेश जाए, कि सरकार उनका हित चाहती है, बशर्ते वह अपराध की दुनिया से पूरी तरह किनारा कर लें.

ईटीवी भारत संवाददाता से नोडल अफसर अनिल कुमार ने बताया कि उप्र में कानपुर पहला ऐसा शहर है, जहां जेल के बाहर इस तरह ही कैंटीन शुरू की गई है. कैंटीन में चाय, कॉफी, पानी की बोतल, कोल्डड्रिंक्स के अलावा खाने की कई डिश मौजूद हैं. 70 रुपये में इस कैंटीन के अंदर पूरा खाना मिल रहा है. सारा सामान तैयार करने से लेकर आमजन को सर्व करने तक का काम कैदी ही करेंगे.

मेन्यू पर एक नजर

भोजन थाली (दाल, सब्जी व चार रोटी)- 70 रुपए
कुल्हड़ चाय- 10 रुपए
कॉफी- 20 रुपए
समोसा- 10 रुपए
मैगी- 50 रुपए
गुलाब जामुन- 15 रुपए
ब्रेड पकौड़ा- 10 रुपए
राजमा-चावल- 50 रुपए
कढ़ी-चावल- 50 रुपए
चार पूड़ी-सब्जी- 30 रुपए
आलू पराठा- 25 रुपए
छोला-चावल- 50 रुपए
मिक्स वेज पराठा- 30 रुपए
बड़ा पाव- 30 रुपए
बन-मक्खन- 20 रुपए

ये भी पढ़ेंःलाखों का पेसमेकर फ्री में लगाता ये दिल का डॉक्टर: 23 साल से लगा रहे शिविर, अमेरिका से भी बुलाते हैं स्पेशलिस्ट

ये भी पढ़ेंःसहारनपुर में ऑनर किलिंग; छोटी बहन की गोली मारकर की हत्या, किशोरी का था मुस्लिम से अफेयर

कानपुर जिला जेल के बाहर कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू हुई है.

कानपुर: योगी सरकार में जहां अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जो कैदी जेल में बंद हैं उनकी मनोदशा को बदलने के लिए कई कवायदें की जा रही हैं. इसी कड़ी में कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू की गई है. इस कैंटीन का लाभ आम जनता को मिलेगा. बिना जेल के अंदर जाए आम लोग इन कैदियों के हाथों बनाया गया खाना खा सकेंगे. इसके दाम भी काफी वाजिब रखे गए हैं. महज 70 रुपए में आम लोगों को भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, दस रुपए में चाय दी जाएगी. इस कैंटीन को शुरू कराने के लिए डीएम कानपुर विशाख जी विशेष फंड जारी किया है. बताया गया कि कैंटीन में पहले चरण में दस कैदियों और सजा पूरी कर चुके कैदियों को लगाया गया है. डिमांड बढ़ने पर स्टाफ को बढ़ाया जाएगा. बताया गया कि कैंटीन में लोगों को पैकिंग की भी सुविधा दी जाएगी.

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कैंटीन के शुभारंभ पर सांसद सत्यदेव पचौरी व डीएम विशाख जी.

इस बारे में जेल अधीक्षक डॉ.बीडी पांडेय ने बताया कि जब कैदी जेल में आता है तो उसका मन डर से भरा होता है. कई ऐसे कैदी भी होते हैं जिनका दोबारा अपराध करने का मन करता है, और वह नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं. जब कैदियों को यह समझाया जाएगा, कि उन्हें सरकार एक मौका दे रही है खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए तो निश्चित तौर पर बदलाव देखने को मिलेंगे. डा.बीडी पांडेय ने कहा कि कैंटीन से जो कमाई होगी उसका कुछ हिस्सा जहां पारिश्रमिक के तौर पर कैदियों को मिलेगा तो वहीं कुछ राशि जेल प्रशासन समिति को दी जाएगी जिससे भविष्य में और अधिक सुधार किए जा सकें.

इस बारे में डीएम विशाख जी ने कहा कि हमारे पास एक क्रिटिकल गैप फंड होता है. उसी फंड से यह कैंटीन शुरू कराई गई है. हमारा उद्देश्य है कि यह पहल पूरे सूबे के लिए एक नजीर बने जबकि कैदियों के बीच भी यह संदेश जाए, कि सरकार उनका हित चाहती है, बशर्ते वह अपराध की दुनिया से पूरी तरह किनारा कर लें.

ईटीवी भारत संवाददाता से नोडल अफसर अनिल कुमार ने बताया कि उप्र में कानपुर पहला ऐसा शहर है, जहां जेल के बाहर इस तरह ही कैंटीन शुरू की गई है. कैंटीन में चाय, कॉफी, पानी की बोतल, कोल्डड्रिंक्स के अलावा खाने की कई डिश मौजूद हैं. 70 रुपये में इस कैंटीन के अंदर पूरा खाना मिल रहा है. सारा सामान तैयार करने से लेकर आमजन को सर्व करने तक का काम कैदी ही करेंगे.

मेन्यू पर एक नजर

भोजन थाली (दाल, सब्जी व चार रोटी)- 70 रुपए
कुल्हड़ चाय- 10 रुपए
कॉफी- 20 रुपए
समोसा- 10 रुपए
मैगी- 50 रुपए
गुलाब जामुन- 15 रुपए
ब्रेड पकौड़ा- 10 रुपए
राजमा-चावल- 50 रुपए
कढ़ी-चावल- 50 रुपए
चार पूड़ी-सब्जी- 30 रुपए
आलू पराठा- 25 रुपए
छोला-चावल- 50 रुपए
मिक्स वेज पराठा- 30 रुपए
बड़ा पाव- 30 रुपए
बन-मक्खन- 20 रुपए

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Last Updated : Dec 11, 2023, 5:30 PM IST
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