श्रीनगर (उत्तराखंड): उत्तराखंड के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि में 11वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित किए.
दरअसल, आज यानी 8 नवंबर को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर का 11वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की. इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए. जिसके बाद वे श्रीनगर गढ़वाल पहुंचीं. जहां उन्होंने गढ़वाल विवि के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया.
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11th CONVOCATION OF HEMVATI NANDAN BAHUGUNA GARHWAL UNIVERSITY SRINAGAR GARHWAL (UTTARAKHAND) https://t.co/tNMYrZMnsv
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बता दें कि एचनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में दीक्षांत समारोह में 59 स्वर्ण पदक, 1182 स्नातकोत्तर डिग्रियां और 98 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गई. साथ ही विवि के तीनों कैंपस (एसआरटी कैंपस टिहरी, बीजीआर कैंपस पौड़ी, बिरला और चौरास कैंपस श्रीनगर गढ़वाल) में सबसे ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को पीतांबर दत्त बड़थ्वाल स्मृति गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें खुशी है कि साल 1973 में स्थापित गढ़वाल विश्वविद्यालय ने समय के साथ खुद को ढ़ाला है. आज जब हम वुमेन लेड डेवलेपमेंट (Women Led Development) की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब इस दीक्षांत समारोह की विषय वस्तु 'सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र' हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को परिलक्षित करती है.
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मुझे खुशी है कि वर्ष 1973 में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने समय के साथ अपने-आप को ढ़ाला है। आज जब हम women-led development की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब इस दीक्षांत समारोह की विषय-वस्तु ‘सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र’ हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को परिलक्षित… pic.twitter.com/OQXrZJndHl
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">मुझे खुशी है कि वर्ष 1973 में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने समय के साथ अपने-आप को ढ़ाला है। आज जब हम women-led development की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब इस दीक्षांत समारोह की विषय-वस्तु ‘सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र’ हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को परिलक्षित… pic.twitter.com/OQXrZJndHl
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उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि उत्तराखंड में शिक्षा को जीवन में सदैव महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता रहा है. यहां के लोगों का शिक्षा से लगाव राज्य की साक्षरता दर में भी परिलक्षित होता है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है. इसी क्षेत्र ने हिंदी साहित्य को कई बड़ी प्रतिभाएं दी हैं. इस राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण हेमवती नंदन बहुगुणा विवि की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. इस विवि से जुड़े सभी लोगों से यह अपेक्षा की जाती है कि आप शिक्षा को समाज के साथ जोड़ें. उसे समाज की बेहतरी और कल्याण में लगाएं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'एक था गांव' शॉर्ट फिल्म का किया जिक्रः वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में पुरुस्कृत सृष्टि लखेड़ा की फिल्म 'एक था गांव' का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ का जीवन संघर्षमय है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार संतुलित विकास एवं स्थानीय रोजगार सृजन की ओर प्रयासरत है.
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राष्ट्रपति की तीन सलाह: इस मौके पर राष्ट्रपति ने सभी छात्रों को तीन सलाह दी हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि सबसे पहले सभी को ये याद रखना होगा कि कभी अपनी जड़ों को न भूलें, चाहे वो दोस्त-परिजन हों या स्कूल-कॉलेज. दूसरी सलाह ये कि- सच्चाई, ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे नैतिक मूल्यों से कभी समझौता न करें और तीसरा बात ये याद रखनी है कि जो शिक्षा ग्रहण की है उसमें समाज का भी अहम योगदान है इसलिए विकास यात्रा में पीछे छूटे लोगों की पूरी मदद करें.
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इस राज्य का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों से यह अपेक्षा की जाती है कि आप शिक्षा को समाज के साथ जोड़ें, उसे समाज की बेहतरी और कल्याण में लगाएँ। pic.twitter.com/NeF0Wr4wcJ
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एचएनबी गढ़वाल विवि के कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल ने बताया कि इस बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शिक्षकों की ओर से 644 शोध पत्र, 191 बुक चैप्टर, 39 पुस्तक प्रकाशन, 4 पेटेंट समेत कई एमओयू पर काम चल रहा है. यूजीसी के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय में नवाचार प्रकोष्ठ और शोध एवं विकास प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में हॉर्टिकल्चर, रूरल टैक्नोलॉजी, हैप्रेक और जंतु विज्ञान विभागों समेत अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए भीमराव अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र जैसी विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है.
इन्हें मिला गोल्ड मेडलः निशांत कुमार को एमए संस्कृत में चार गोल्ड मेडल दिए गए. हरीश चंद्र सती को भौतिक विज्ञान, इशिका रावत अर्थशास्त्र, योगेश कपरवान राजनीति विज्ञान, कुमारी निकिता और कन्हैया प्रसाद को एमए हिंदी, सोनक ठाकुर को समाजशास्त्र, रूमाना को रसायन विज्ञान, दिव्या सैनी को वाणिज्य, अभीवंदिता राणा, स्वाति सेमवाल, नेहा जोशी को इतिहास, पूजा पलडिया को उद्यानिकी, सुभानी असवाल और महिमा सिंह को पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में गोल्ड मेडल दिया गया. सभी छात्र-छात्राएं पीजी के हैं. बता दें कि ये मेडल दानदाताओं की ओर से दिए गए हैं.