उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल के अंदर आज तड़के 3 बजे 6 इंच की पाइप लाइन ब्लॉक हुई थी. इसे फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने पानी के प्रेशर से साफ किया. इसके बाद ही कैमरा अंदर जा पाया. कैमरा सुरंग के अंदर गया तो टनल में फंसे मजदूरों का 10 दिन में पहला वीडियो दुनिया के सामने आया. मजदूरों का ये वीडियो सामने आने के बाद रेस्क्यू कार्य में लगी टीमों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली.
आज शुरू होगी हिल टॉप से ड्रिलिंग: इसके साथ ही एसजेवीएन (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड) की मशीन आज दोपहर तक टनल के ऊपर पहुंचने की उम्मीद है. रेस्क्यू टीमों ने टनल के बेस से ऊपर पहाड़ी तक सड़क बनाई है. इसी सड़क से मशीन को ऊपर ले जाया जाना है. उम्मीद है कि आज शाम या रात को सिलक्यारा टनल के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू हो सकती है. वहीं आरवीएनएल (Rail Vikas Nigam Limited) ने टनल के ऊपर 8 इंच के लाइफलाइन पाइप की ड्रिल को बेस बनाया है.
अमेरिकी हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से बोरिंग: एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि टनल के भीतर अमेरिकी हैवी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है. हैवी ड्रिलिंग ऑगर मशीन बहुत तेजी से काम करती है. ये मशीन एक बार में ही बड़ी एरिया से मलबा हटा देती है. उम्मीद है कि अगर ऊपर से मलबा नहीं गिरा तो हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन कोई खुशखबरी दे सकती है.
आज टनल के आसपास बंदिश: इसके साथ ही सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सोमवार को खिचड़ी देने के बाद आज फल दिए गए हैं. पाइप के जरिए संतरे और अन्य फल उनके भोजन के लिए सुरंग के अंदर भेजे गए. आज टनल के आसपास भारी बंदिशें भी लगाई गई हैं. अभी तक कोई भी व्यक्ति टनल परिसर और अंदर जाकर वहां की हर गतिविधि को देख रहे थे. इसके साथ ही उनकी सुरक्षा का भी प्रश्न था. ऐसे में अब प्रशासन ने टनल के आसपास बंदिश लगा दी है.
अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया: महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड डॉ विनिता शाह, निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ प्रवीण कुमार, निदेशक डॉ केके टम्टा एवं सहायक निदेशक डॉ विमलेश जोशी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिन्यालीसौड़, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी का जायजा लिया. इस दौरान उनके द्वारा आईसीयू, सेमी क्रिटिकल वार्ड, जनरल वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट, पैथालॉजी लैब, औषधि भंडार एवं ब्लड बैंक आदि का निरीक्षण किया गया. इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित क्रिटिकल केयर यूनिट (50 बेड) के निर्माण हेतु भूमि का निरीक्षण किया गया. महानिदेशक द्वारा निरीक्षण के बाद अधिकारियों की बैठक ली गई. बैठक में निर्देश दिए गए कि सिलक्यारा में चल रहे टनल रेस्क्यू के पूर्ण होने तक जिले में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अवकाश प्रदान न किया जाये. साथ ही अवकाश पर गए कर्मचारियों का अवकाश भी रद्द कर दिए जाए. ऐसी उम्मीद है कि जब सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों का रेस्क्यू पूरा हो जाएगा तो उन्हें तत्काल चिकित्सा की जरूरत होगी. ऐसे में पहले उन्हें उत्तरकाशी जिले के निकटतम अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा. प्राथमिक चिकित्सा के बाद अगर जरूरी हुआ तो फिर हायर सेंटर रेफर किया जाएगा.
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